यादों का फंडा -आदित्य चौधरी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 16: | Line 16: | ||
ई-मेल इनबॉक्स में जितने याहू और 123 ग्रिटींग कार्डस थे, वो पहले तो डीलीट किये, फिर अपना ई-मेल एकाउंट [email protected] भी बंद कर दिया। अपने फ़ेसबुक एकाउंट wowpinky94 की क्लोज़ फ़्रॅन्ड लिस्ट से पिंकू को अनफ़्रॅन्ड कर दिया। अपने प्रोफ़ाइल से वो गाने और फ़िल्में भी 'लाइक' से हटा दिये जो पिंकू को पसंद होने की वजह से पिंकी ने 'लाइक' किये थे। पिंकू के दोस्तों और पिंकू की बहन को भी अपनी फ्रेंड लिस्ट में से हटा दिया। पिछले तीन वैलेंटाइन-डे पर जो फूल पिंकू ने दिये थे और उन्हें पिंकी ने अपनी हिंदी की किताब में सूखा के रखा हुआ था उन फूलों को पहले बहुत देर तक देखा फिर पैरों से कुचला और कूड़े में फेंक दिये। और जिस किताब में वो रखे थे वो किताब अपने सलवार कुर्ते सिलने वाली चढ्डा आंटी की बेटी को दे दी। पिंकू के दिए तीनों फ्रेंडशिप बेंड कैंची से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट के बाथरूम में फ्लश कर दिये। | ई-मेल इनबॉक्स में जितने याहू और 123 ग्रिटींग कार्डस थे, वो पहले तो डीलीट किये, फिर अपना ई-मेल एकाउंट [email protected] भी बंद कर दिया। अपने फ़ेसबुक एकाउंट wowpinky94 की क्लोज़ फ़्रॅन्ड लिस्ट से पिंकू को अनफ़्रॅन्ड कर दिया। अपने प्रोफ़ाइल से वो गाने और फ़िल्में भी 'लाइक' से हटा दिये जो पिंकू को पसंद होने की वजह से पिंकी ने 'लाइक' किये थे। पिंकू के दोस्तों और पिंकू की बहन को भी अपनी फ्रेंड लिस्ट में से हटा दिया। पिछले तीन वैलेंटाइन-डे पर जो फूल पिंकू ने दिये थे और उन्हें पिंकी ने अपनी हिंदी की किताब में सूखा के रखा हुआ था उन फूलों को पहले बहुत देर तक देखा फिर पैरों से कुचला और कूड़े में फेंक दिये। और जिस किताब में वो रखे थे वो किताब अपने सलवार कुर्ते सिलने वाली चढ्डा आंटी की बेटी को दे दी। पिंकू के दिए तीनों फ्रेंडशिप बेंड कैंची से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट के बाथरूम में फ्लश कर दिये। | ||
एक बड़े से पॉलिथिन बैग में तीन परफ़्यूम, दो टी-शर्ट, एक कुर्ता, एक हेयर पिन, दो टैडीबीयर एक छोटा और एक बड़ा, एक कड़ा, दो नेलपेंट, दो लिपिस्टिक, एक हैडफोंस और एक पर्स पैक करके अपने यहाँ काम करने वाली को दे दिये (जाहिर है ये गिफ्ट पिंकू ने दिये थे) साथ ही कह दिया "ये सारी चीजें ले जाओ लेकिन ये ध्यान रखना की इनमें से किसी भी चीज को यहाँ पहन कर मत आना"। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे काम किये गये जिनसे पिंकू की याद पूरी तरह से मिट जाये जैसे- उन रेस्त्रां, मॉल, पार्क आदि में ना जाना जिनमें पिंकू ले गया था। | एक बड़े से पॉलिथिन बैग में तीन परफ़्यूम, दो टी-शर्ट, एक कुर्ता, एक हेयर पिन, दो टैडीबीयर एक छोटा और एक बड़ा, एक कड़ा, दो नेलपेंट, दो लिपिस्टिक, एक हैडफोंस और एक पर्स पैक करके अपने यहाँ काम करने वाली को दे दिये (जाहिर है ये गिफ्ट पिंकू ने दिये थे) साथ ही कह दिया "ये सारी चीजें ले जाओ लेकिन ये ध्यान रखना की इनमें से किसी भी चीज को यहाँ पहन कर मत आना"। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे काम किये गये जिनसे पिंकू की याद पूरी तरह से मिट जाये जैसे- उन रेस्त्रां, मॉल, पार्क आदि में ना जाना जिनमें पिंकू ले गया था। | ||
कुल-मिलाकर हमारी कहानी की हिरोइन पिंकी ने अपने बॉयफ्रेंड पिंकू को भुलाने की पूरी कोशिश की लेकिन जितना ज़्यादा भुलाने की कोशिश की जा रही थी उतनी ही पिंकू की याद और मजबूत होती जा रही थी। पिंकू को भुलाने की कोशिश ही उसको याद करना बनता जा रहा था। दिन-रात पिंकी के दिमाग में पिंकू का चेहरा, पिंकू की बातें वग़ैरा-वग़ैरा चलती रहती | कुल-मिलाकर हमारी कहानी की हिरोइन पिंकी ने अपने बॉयफ्रेंड पिंकू को भुलाने की पूरी कोशिश की लेकिन जितना ज़्यादा भुलाने की कोशिश की जा रही थी उतनी ही पिंकू की याद और मजबूत होती जा रही थी। पिंकू को भुलाने की कोशिश ही उसको याद करना बनता जा रहा था। दिन-रात पिंकी के दिमाग में पिंकू का चेहरा, पिंकू की बातें वग़ैरा-वग़ैरा चलती रहती थीं। कुल-मिलाकर होता ये है कि हम जिसको भुलाने की बहुत ज़्यादा कोशिश करते हैं उसको भुला पाना उतना ही मुश्किल होता चला जाता है। | ||
एक दूसरी कहानी चिंटू और चिंकी की। दोनों में बहुत और कुछ ज़्यादा ही बहुत प्यार था। मोटर साइकिल एक्सिडेंट में चिंटू के क़ीमती प्राण पखेरू उड़ गये यानि मुहब्बत के बीच सफर में ही चिंटू 'टें' बोल गया। चिंकी पर दु:खों के सारे हिलस्टेशन टूट पड़े। चिंटू से सच्चा प्यार किया था चिंकी ने, इसलिए उसकी यादों को अपनी ज़िंदगी का मक़सद बनाए रखना चिंकी के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी हो गया। चिंकी ने मन ही मन चिंटू को अपना पति मान लिया। उसने एक लॉकेट बनवाया जिसमें चिंटू का फ़ोटो और अपना फ़ोटो लगा लिया और गले में पहन लिया। अपने बॅडरूम की दीवारों पर बहुत सारे फ़ोटो चिंटू के लगा लिये। chintumemory.com के नाम से एक ब्लॉग भी शुरू कर दिया जिस पर चिंटू की फ़ोटो और दूसरी यादें अपडेट की जाने लगी। चिंटू ने जो ई-मेल किये थे और ई-कार्ड भेजे थे वो सब प्रिंट कराके अलबम बना ली गई। इस तरह से चिंकी के चारों तरफ चिंटू ही चिंटू घूमने लगा। | एक दूसरी कहानी चिंटू और चिंकी की। दोनों में बहुत और कुछ ज़्यादा ही बहुत प्यार था। मोटर साइकिल एक्सिडेंट में चिंटू के क़ीमती प्राण पखेरू उड़ गये यानि मुहब्बत के बीच सफर में ही चिंटू 'टें' बोल गया। चिंकी पर दु:खों के सारे हिलस्टेशन टूट पड़े। चिंटू से सच्चा प्यार किया था चिंकी ने, इसलिए उसकी यादों को अपनी ज़िंदगी का मक़सद बनाए रखना चिंकी के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी हो गया। चिंकी ने मन ही मन चिंटू को अपना पति मान लिया। उसने एक लॉकेट बनवाया जिसमें चिंटू का फ़ोटो और अपना फ़ोटो लगा लिया और गले में पहन लिया। अपने बॅडरूम की दीवारों पर बहुत सारे फ़ोटो चिंटू के लगा लिये। chintumemory.com के नाम से एक ब्लॉग भी शुरू कर दिया जिस पर चिंटू की फ़ोटो और दूसरी यादें अपडेट की जाने लगी। चिंटू ने जो ई-मेल किये थे और ई-कार्ड भेजे थे वो सब प्रिंट कराके अलबम बना ली गई। इस तरह से चिंकी के चारों तरफ चिंटू ही चिंटू घूमने लगा। | ||
धीरे-धीरे एक साल से अधिक गुज़र गया। | धीरे-धीरे एक साल से अधिक गुज़र गया। |
Revision as of 13:29, 21 August 2012
|
|