लक्ष्मी नारायण साहू: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 7: Line 7:
*उन्होंने अस्पृश्यता के विरुद्ध आन्दोलन किया और महिलाओं की स्थिति सुधारने के कार्यों में भी अग्रणी रहे।  
*उन्होंने अस्पृश्यता के विरुद्ध आन्दोलन किया और महिलाओं की स्थिति सुधारने के कार्यों में भी अग्रणी रहे।  
*साहू प्रदेश की अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध थे।  
*साहू प्रदेश की अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध थे।  
*[[आन्ध्र प्रदेश]] के 'इतिहास शोध संस्थान' ने उन्हें ‘भारत तीर्थ’ से, कुछ अन्य संस्थाओं ने ‘इतिहास रत्न’ और ‘विद्या रत्न’ के अलंकरणों से तथा भारत सरकार ने 'पद्म सम्मान' से सम्मानित किया था।  
*[[आन्ध्र प्रदेश]] के 'इतिहास शोध संस्थान' ने उन्हें ‘भारत तीर्थ’ से, कुछ अन्य संस्थाओं ने ‘इतिहास रत्न’ और ‘विद्या रत्न’ के अलंकरणों से तथा भारत सरकार ने '[[पद्म सम्मान]]' से सम्मानित किया था।  
*लक्ष्मी नारायण साहू का [[18 जनवरी]], [[1963]] को देहान्त हो गया।
*लक्ष्मी नारायण साहू का [[18 जनवरी]], [[1963]] को देहान्त हो गया।



Revision as of 12:20, 23 September 2012

लक्ष्मी नारायण साहू (जन्म- 3 अक्टूबर, 1890 ई., बालासौर; मृत्यु- 18 जनवरी, 1963) उड़ीसा के समाजसेवी और सार्वजनिक कार्यकर्ता थे। उनका जन्म एक धनी परिवार में हुआ था। लक्ष्मी नारायण ने पाँच विषयों में एम.ए. की परीक्षाएँ उत्तीर्ण की थी। वे उदार विचारों के व्यक्ति थे। उनके अन्दर ईसाई, ब्रह्म समाज, आर्य समाज, थियोसफ़ी आदि धर्मों और विचार धाराओं के प्रति सम्मान का भाव था।

  • साहू सामाजिक परिवर्तन के लिए पश्चिमी ढंग की शिक्षा प्रणाली का समर्थन करते थे।
  • साहू ने ‘सहकार’, ‘वैतरणी’, और ‘स्टार ऑफ़ उत्कल’ जैसे पत्रों का सम्पादन किया।
  • 1936 में उड़ीसा के वर्तमान राज्य के गठन से पूर्व उन्होंने ‘उत्कल यूनियन कांफ़्रेंस’ की स्थापना की थी।
  • 1947 ई. में वे उड़ीसा विधान सभा के और देश की संविधान परिषद के सदस्य चुने गए।
  • उन्होंने अस्पृश्यता के विरुद्ध आन्दोलन किया और महिलाओं की स्थिति सुधारने के कार्यों में भी अग्रणी रहे।
  • साहू प्रदेश की अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध थे।
  • आन्ध्र प्रदेश के 'इतिहास शोध संस्थान' ने उन्हें ‘भारत तीर्थ’ से, कुछ अन्य संस्थाओं ने ‘इतिहास रत्न’ और ‘विद्या रत्न’ के अलंकरणों से तथा भारत सरकार ने 'पद्म सम्मान' से सम्मानित किया था।
  • लक्ष्मी नारायण साहू का 18 जनवरी, 1963 को देहान्त हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख