प्यार की दरकार -आदित्य चौधरी: Difference between revisions

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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>प्यार की दरकार<br />
<small>-आदित्य चौधरी</small></font></div>
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पूछ बैठा आज 
पूछ बैठा आज 
अपने दिल से मैं ये
अपने दिल से मैं ये
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उसने ही जीता जहाँ
उसने ही जीता जहाँ
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Revision as of 07:28, 12 November 2012


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प्यार की दरकार
-आदित्य चौधरी

पूछ बैठा आज 
अपने दिल से मैं ये
कौन कितना प्यार करता है
तुझे बे ?

चल मुझे भी तो बता दे प्यार क्या है ?
ज़िन्दगी में प्यार की दरकार क्या है ?

मेरे इस सवाल पर  चुप हो गया
ना जाने किस ख़याल में दिल खो गया
गहरी धड़कन धड़क कर 
वो मुझसे बोला

क्या अजब सी बात तुमने पूछ डाली !
प्यार वो करते कहाँ जो हैं सवाली !

फिर भी तुम ये जान लो 
और इस तरह से मान लो

कि

प्यार हसरत
प्यार वहशत
प्यार चाहत 
कुछ नहीं है

प्यार मन्नत
प्यार फ़ुरकत
प्यार हरकत
भी नहीं है

प्यार श्रद्धा
प्यार इज़्ज़त
प्यार शिरकत
भी नहीं है

प्यार है
अनुभूतियों के 
मौन का संवाद सा
जो निरंतर है बना
नेपथ्य में अवचेतना

यदि किसी ने प्यार के बदले में
माँगा प्यार भी
ध्यान रखना वो तो केवल
रूप है व्यापार का

प्यार पाना जिसकी चाहत 
उसको ये मिलता कहाँ
प्यार करना जिसका मज़हब 
उसने ही जीता जहाँ