Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 54"

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-शाहजहाँनामा
 
-शाहजहाँनामा
 
+मुन्तखब-उत-तवारीख
 
+मुन्तखब-उत-तवारीख
 
{निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित है?
 
|type="()"}
 
-[[बक्सर का युद्ध]] - [[मीर ज़ाफ़र]] विरुद्ध [[रॉबर्ट क्लाइव]]
 
+[[वाडीवाश का युद्ध]] - [[फ़्राँसीसी]] विरुद्ध [[ईस्ट इंडिया कंपनी]]
 
-चिलियाँवाला का युद्ध - [[लॉर्ड डलहौजी|डलहौजी]] विरुद्ध [[मराठा|मराठे]]
 
-खर्दा का युद्ध - निज़ाम विरुद्ध [[ईस्ट इंडिया कंपनी]]
 
||'वाडीवाश का युद्ध' वर्ष 1760 में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] और [[फ़्राँसीसी|फ़्राँसीसियों]] के मध्य लड़ा गया था। युद्ध में फ़्राँसीसियों की हार हुई और उन्हें [[पाण्डिचेरी]] अंग्रेज़ों को सौंपना पड़ा। इस विजय के साथ ही अंग्रेज़ों ने [[भारत]] में फ्राँसीसियों की राजनीतिक शक्ति पूरी तरह से समाप्त कर दी। इसके बाद 1763 ई. में सम्पन्न हुई 'पेरिस सन्धि' के द्वारा अंग्रेज़ों ने [[चन्द्रनगर]] को छोड़कर शेष अन्य प्रदेश, जो फ़्राँसीसियों के अधिकार में 1749 ई. तक थे, वापस कर दिये और ये क्षेत्र भारत के स्वतंत्र होने तक इनके पास बने रहे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वाडीवाश का युद्ध]]
 
 
{[[लॉर्ड पेथिक लॉरेंस]] के कार्यकाल में पारित 'पंजाब टेनेन्सी एक्ट' का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
 
|type="()"}
 
+कृषकों के दख़ल अधिकारों की सुरक्षा।
 
-सरकार की राजस्व वसूली को बढ़ाना।
 
-भू-स्वामियों का दमन।
 
-भू-स्वामियों की वफादारी हासिल करना।
 
||[[चित्र:Lord Pethick Lawrence.jpg|right|80px|पेथिक लॉरेंस और गाँधीजी]]लॉर्ड पेथिक लॉरेंस [[भारत]] में आने वाले [[अंग्रेज़]] '[[साइमन कमीशन]]' का एक सदस्य और उसका अध्यक्ष था। 'साइमन कमीशन' भारत में [[22 जनवरी]], [[1946]] ई. को आया था। [[लॉर्ड पेथिक लॉरेंस]] भारत को स्वाधीनता प्रदान किये जाने का पक्षधर था। उसने अपना यह कथन भी दिया कि "भारत में [[महात्मा गाँधी]] से अच्छा [[अंग्रेज़ी]] का लेखक कोई दूसरा नहीं है।" पेथिक लॉरेंस भारत की संवैधानिक सुधारों की मांग का प्रबल समर्थक था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पेथिक लॉरेंस]]
 
 
{निम्नलिखित में से किस एक [[राजपूत|राजपूत राजवंश]] द्वारा अपना उद्गम मिथकीय '[[अग्निकुल]]' से नहीं जोड़ा गया?
 
|type="()"}
 
-परिहार
 
-[[चौहान वंश|चौहान]]
 
+[[चन्देल वंश|चन्देल]]
 
-[[सोलंकी वंश|सोलंकी]]
 
||'चन्देल वंश' [[गोंड|गोंड जनजातीय]] मूल का [[राजपूत साम्राज्य|राजपूत वंश]] था, जिसने उत्तर-मध्य [[भारत]] के [[बुंदेलखंड]] पर कुछ शताब्दियों तक शासन किया था। [[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहारों]] के पतन के साथ ही [[चन्देल वंश|चन्देल]] नौवीं शताब्दी में सत्ता में आए। उनका साम्राज्य उत्तर में [[यमुना नदी]] से लेकर [[सागर ज़िला|सागर]], [[मध्य प्रदेश]] तक और [[धसान नदी]] से [[विंध्य पर्वतमाला|विंध्य पर्वतमालाओं]] तक फैला हुआ था। सुप्रसिद्ध [[कालिंजर|कालिंजर का क़िला]], [[खजुराहो]], [[महोबा]] और [[अजयगढ़]] उनके प्रमुख गढ़ थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चन्देल वंश|चन्देल]]
 
 
{निम्नलिखित में से किसमें विख्यात '[[गायत्री मंत्र]]' अंतर्विष्ट है?
 
|type="()"}
 
+[[ऋग्वेद]]
 
-[[यजुर्वेद]]
 
-[[अथर्ववेद]]
 
-[[सामवेद]]
 
||[[चित्र:Rigveda.jpg|right|90px|ऋग्वेद]]ऋग्वेद के [[मंत्र|मंत्रों]] का उच्चारण [[यज्ञ|यज्ञों]] के अवसर पर 'होतृ ऋषियों' द्वारा किया जाता था। [[ऋग्वेद]] की अनेक संहिताओं में 'संप्रति संहिता' ही उपलब्ध है। इस [[वेद]] के कुल मंत्रों की संख्या लगभग 10600 है। बाद में जोड़ गये दशममंडल, जिसे 'पुरुषसूक्त' के नाम से जाना जाता है, में सर्वप्रथम [[शूद्र|शूद्रों]] का उल्लेख मिलता है। [[सोम देव|सोम]] का उल्लेख नवें मण्डल में है। लोकप्रिय '[[गायत्री मंत्र]]' का उल्लेख भी ऋग्वेद के 7वें मण्डल में किया गया है। इस मण्डल के रचयिता [[वसिष्ठ]] थे। यह मण्डल [[वरुण देवता]] को समर्पित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ऋग्वेद]]
 
 
{निम्नलिखित में से कौन-सा एक युग्म सही सुमेलित नहीं है?
 
|type="()"}
 
-मालती - माधव नाटक
 
-[[पंचतंत्र]] - दंतकथा
 
+[[मालविकाग्निमित्रम्]] - जीवनचरित
 
-पंचसिद्धान्तिक - खगोलशास्त्र
 
||[[चित्र:Poet-Kalidasa.jpg|right|80px|महाकवि कालिदास]]'मालविकाग्निमित्रम्' चौथी शताब्दी के उत्तरार्द्ध एवं पांचवी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में [[महाकवि कालिदास]] द्वारा लिखा गया था। कालिदास द्वारा रचित इस [[संस्कृत]] ग्रंथ से [[पुष्यमित्र शुंग]] एवं उसके पुत्र [[अग्निमित्र]] के समय के राजनीतिक घटनाचक्र तथा [[शुंग वंश|शुंग]] एवं [[यवन]] संघर्ष का उल्लेख मिलता है। यह शृंगार रस प्रधान पाँच अंकों का नाटक है। यह कालिदास की प्रथम नाट्य कृति है; इसलिए इसमें वह लालित्य, माधुर्य एवं भावगाम्भीर्य दृष्टिगोचर नहीं होता, जो '[[विक्रमोर्वशीय]]' अथवा '[[अभिज्ञानशाकुन्तलम]]' में है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मालविकाग्निमित्रम्]]
 
  
 
{'[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम|स्वतंत्रता संग्राम]]' के दौरान [[अरुणा असिफ़ अली]] किस भूमिगत क्रियाकलाप की प्रमुख महिला संगठक थीं?
 
{'[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम|स्वतंत्रता संग्राम]]' के दौरान [[अरुणा असिफ़ अली]] किस भूमिगत क्रियाकलाप की प्रमुख महिला संगठक थीं?

Revision as of 13:36, 11 October 2013

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


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  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 anekantavad nimnalikhit mean se kisaka krod siddhaant evan darshan hai?

bauddh
jain
sikkh
vaishnav

2 sindhu sabhyata se sambaddh kin sthaloan se chaval ki kheti ke praman mile haian?

mohanajod do aur h dappa
lothal aur rangapur
kalibanga aur rojadi
inamean se koee nahian

3 'vyaktigat satyagrah' mean vinoba bhave ko pratham satyagrahi chuna gaya tha. doosara satyagrahi kaun tha?

d aau. rajendr prasad
pandit javaharalal neharoo
si. rajagopalachari
saradar vallabhabhaee patel

4 nimnalikhit mean se kaun sa yugm sahi sumelit nahian hai?

ikta - nagarik evan sainy seva ke lie diya jane vala rajasv niyat kary.
manasab - saltanat prashasan mean amiroan ki adhikarik sthiti.
khalasa - mugal samrat ke sidhe prashasanik adhikar mean ane vali bhoomi.
ijara - rajasv niyat kary ki ek anubandhatmak paddhati.

5 nimnalikhit mean se kaun 'kakori kand' se sanbandhit nahian tha?

ramaprasad bismil
chandrashekhar azad
ashafaq ulla khaan
mastar soory sen

7 nimnalikhit mean se kis sultan ne khalifa se 'khilat' prapt kiya?

qutubuddin
iltutamish
raziya sultan
gayasuddin tugalaq

8 'meri manyata hai ki koee bhi rashtr dharm ke bina vastavik pragati nahian kar sakata.' yah kathan kisaka hai?

svami vivekanand
vi. di. savarakar
mahatma gaandhi
subhashachandr bos

9 nimnalikhit mean se kaun-sa farasi granth sujan ray bhandari dvara likha gaya tha?

ibaratanama
khulasat-ut-tavarikh
shahajahaannama
muntakhab-ut-tavarikh

10 'svatantrata sangram' ke dauran aruna asif ali kis bhoomigat kriyakalap ki pramukh mahila sangathak thian?

savinay avajna aandolan
asahayog aandolan
bharat chho do aandolan
svadeshi aandolan

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan