उष्ट्रकर्णिक: Difference between revisions
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Revision as of 07:57, 19 October 2014
'पांड्यांश्च द्रविडांश्चैव सहितांश्चोण्ड्रकेरलै:,
आंध्रा स्तालव नांश्चैव कलिंगानुष्ट्रकर्णिकान्।'[1]
सहदेव ने अपनी दिग्विजययात्रा के प्रसंग में इस देश को विजित किया था। संदर्भ से जान पड़ता है कि यह स्थान कलिंग या दक्षिण उड़ीसा अथवा आंध्र के निकट स्थित होगा।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सभा पर्व महाभारत 31, 71