चामुंडी पहाड़ी: Difference between revisions
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'''चामुंडी पहाड़ी''' [[कर्नाटक]] के [[मैसूर]] शहर में स्थित है। मैसूर से 13 किलोमिटर की दूरी पर दक्षिण में स्थित यह पहाड़ी मैसूर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिनी जाती है। पहाड़ी की चोटी पर [[महिषासुर]] मर्दनी भगवती चामुण्डा का 'चामुंडेश्वरी मंदिर' है। चामुंडी पहाड़ी पर महिषासुर की एक ऊँची मूर्ति है और उसके बाद मंदिर है, जो अत्यंत विशाल है। | '''चामुंडी पहाड़ी''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Chamundi Phahadi'') [[कर्नाटक]] के [[मैसूर]] शहर में स्थित है। मैसूर से 13 किलोमिटर की दूरी पर दक्षिण में स्थित यह पहाड़ी मैसूर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिनी जाती है। पहाड़ी की चोटी पर [[महिषासुर]] मर्दनी भगवती चामुण्डा का 'चामुंडेश्वरी मंदिर' है। चामुंडी पहाड़ी पर महिषासुर की एक ऊँची मूर्ति है और उसके बाद मंदिर है, जो अत्यंत विशाल है। | ||
*चामुंडेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर [[दुर्गा|देवी दुर्गा]] की राक्षस महिषासुर पर विजय का प्रतीक है। | *चामुंडेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर [[दुर्गा|देवी दुर्गा]] की राक्षस महिषासुर पर विजय का प्रतीक है। |
Revision as of 12:09, 3 September 2016
चामुंडी पहाड़ी
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[[चित्र:Chamundi-Hill.jpg|चामुंडी पहाड़ी, मैसूर|200px|center]]
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विवरण | 'चामुंडी पहाड़ी' मैसूर से 13 किलोमिटर की दूरी पर दक्षिण में स्थित है। यह पहाड़ी मैसूर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिनी जाती है। पहाड़ी की चोटी पर महिषासुर मर्दनी भगवती चामुण्डा का 'चामुंडेश्वरी मंदिर' है। |
देश | भारत |
राज्य | कर्नाटक |
ज़िला | मैसूर |
मानचित्र लिंक | गूगल मानचित्र |
ऊंचाई | 1,000 मी. (3,300 फीट) |
संबंधित लेख | कर्नाटक, मैसूर, महिषासुर, महाबलेश्वर, शिव, भृगु, नन्दी |
अन्य जानकारी | चामुंडी पहाड़ी के मुख्य मंदिर के पीछे महाबलेश्वर को समर्पित एक छोटा-सा मंदिर भी है, जो लगभग एक हज़ार वर्ष से भी ज़्यादा पुराना है। |
चामुंडी पहाड़ी (अंग्रेज़ी:Chamundi Phahadi) कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित है। मैसूर से 13 किलोमिटर की दूरी पर दक्षिण में स्थित यह पहाड़ी मैसूर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिनी जाती है। पहाड़ी की चोटी पर महिषासुर मर्दनी भगवती चामुण्डा का 'चामुंडेश्वरी मंदिर' है। चामुंडी पहाड़ी पर महिषासुर की एक ऊँची मूर्ति है और उसके बाद मंदिर है, जो अत्यंत विशाल है।
- चामुंडेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर देवी दुर्गा की राक्षस महिषासुर पर विजय का प्रतीक है।
- मंदिर के मुख्य गर्भगृह में स्थापित देवी की प्रतिमा शुद्ध सोने की बनी हुई है।
- यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक बहुत ही बेहतर नमूना है।
- चामुंडेश्वरी मंदिर की इमारत सात मंजिला है, जिसकी कुल ऊँचाई 40 मीटर है।
- मुख्य मंदिर के पीछे महाबलेश्वर को समर्पित एक छोटा-सा मंदिर भी है, जो लगभग एक हज़ार वर्ष से भी ज़्यादा पुराना है।
- पहाड़ी की चोटी से मैसूर का मनोरम दृश्य दिखाई पड़ता है।
- चामुंडी पहाड़ी के रास्ते में काले ग्रेनाइट के पत्थर से बने भगवान शिव के सेवक नन्दी के भी दर्शन होते हैं।
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