खासी भाषा
- खासी भाषा को 'खसिया', 'कोसयाह' या 'क्यी' भी कहते हैं।
- मॉन-ख्मेर परिवार की खासी शाखा के कई सदस्यों में से एक, जो अपने आप में ऑस्ट्रो-एशियाई मूल की भाषा है। प्रोफोसर महावीर सरन जैन की मान्यता भिन्न है। प्रोफेसर जैन ने ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की तीन शाखाएँ मानी हैं - (1) वियतनामी (2) मॉन-ख्मेर (3) भारतीय आग्नेय। खासी भाषा को प्रोफेसर जैन मॉन-ख्मेर के अनंतर्गत नहीं अपितु भारतीय आग्नेय शाखा की भाषा मानते हैं।
- खासी भाषा भारत के मेघालय राज्य में खासी और जैंतिया पहाड़ियों के आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लगभग 9 लाख लोगों द्वारा बोली जाती है।
- खासी भाषा में भारतीय-आर्य भाषाओं, विशेषकर बांग्ला और हिंदी के कई गृहीत शब्द हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- [प्रोफेसर महावीर सरन जैन का आलेख - आग्नेय परिवार (आस्ट्रो-एशियाटिक) की भारतीय भाषाएँ (रचनाकार, 28 मार्च 2014) http://www.rachanakar.org/2014/03/blog-post_28.html]
“भाग 2”, भारत ज्ञानकोश, 20।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
- [प्रोफेसर महावीर सरन जैन का आलेख - आग्नेय परिवार (आस्ट्रो-एशियाटिक) की भारतीय भाषाएँ (रचनाकार, 28 मार्च 2014) http://www.rachanakar.org/2014/03/blog-post_28.html]