कच्ची कली
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कच्ची कली - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्ची+कली)[1]
1. वह कली जिसके खिलने में देर हो। मुँहबँधी कली।
2. स्त्री जो पुरुष समागम के योग्य न हो। अप्राप्तयौवना।
3. जिस स्त्री से पुरुष समागम न हुआ हो। अछूती।
मुहावरा- 'कच्ची कली टूटना' = 1. थोड़ी अवस्था वाले का मरना।
2. बहुत छोटी अवस्था वाली या कुमारी का पुरुष से संभोग होना।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 741 |
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