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आँखें बंद कर ले कि मैं तुझसे खोलने के लिए कहूँगा ज़रा चुप भी हो जा कि मैं तुझसे बोलने के लिए कहूँगा रूठती क्यों नहीं जल्दी रूठ कि तुझे मनाना है अब मुस्कुरा दे तुझको रुलाना है सो क्यों रही है जल्दी उठ भूखा ही मरूँगा क्या खाना नहीं बनाना है चल कपड़े तैयार कर दे मुझे नहाना है जा दूऽऽऽर चली जा कि तुझे आवाज़ देकर बुलाना है अरे इतनी भी दूर नहीं क्या सचमुच मुझे छोड़कर जाना है अब ज़रा पास आ तुझे कुछ बताना है कि ये जो घर है ना अपना इसे तुझी को तो मंदिर बनाना है
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