गांधारी भाषा

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गांधारी भाषा उत्तर-पश्चिमी प्राकृत भाषा थी। यह भाषा प्रमुखत: गांधार में बोली जाती थी। इस भाषा को खरोष्ठी लिपि में लिखा जाता था।

  • गांधारी भाषा में अनेक बौद्ध ग्रन्थ लिखे गये थे, जिनमें से कई उपलब्ध हैं।
  • अन्य प्राकृत भाषाओं की तरह गांधारी भाषा भी वैदिक संस्कृत से उत्पन्न हुई है या फिर इसकी किसी अत्यन्त निकटवर्ती भाषा से।
  • वर्ष 1994 तक गांधारी लिपि में केवल एक पाण्डुलिपि उपलब्ध थी। यह 1893 ई. में झिन जियांग के निकट स्थित कोहमारी मजार से प्राप्त हुई थी। यह पाण्डुलिपि एक भोजपत्र पर अंकित 'धम्मपद' थी, लेकिन 1994 के बाद से लगभग 77 पाण्डुलिपियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। यह अफ़ग़ानिस्तान एवं पश्चिमी पाकिस्तान से प्राप्त हुई थीं। ये सभी कई टुकड़ों में बंट चुकी बौद्ध ग्रन्थ हैं।


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