कंपस

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कंपस - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (अंग्रेज़ी कंपास)[1]

कुतुबनुमा। दिग्दर्शक।

उदाहरण-

तोही सो अरुझे करे कंपस से जुग नैन। - श्यामास्वप्न[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 727 |
  2. श्यामास्वप्न, पृष्ठ 174, सम्पादक डॉ. कृष्णलाल, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण

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