कँगोई
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कँगोई - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कङ्कती, प्राकृत कंकइ)[1]
कँगही।
उदाहरण-
कंघीं पकड़े कँगोई जो खोले बाल। हया माने हो कंगोई को देवे डाल। - दक्खिनी गद्य और पद्य[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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