कचूमर
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कचूमर - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी)[1]
कचूमर - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कुचलना)
1. कुचलकर बनाया हुआ अचार। कुचला।
2. कुचली हुई वस्तु। भर्ता। भुर्ता।
मुहावरा- 'कचूमर करना या निकालना' = (1) खूब कूटना। चूर चूर करना। कुचलना।
(2) असावधानी या अत्यंत अधिक व्यवहार के कारण किसी वस्तु को नष्ट करना। बिगाड़ना। नष्ट करना। जैसे, तुम्हारे हाथ में जो चीज पड़ती है, उसी का कचूमर निकाल डालते हो।
(3) मारते मारते बेदम कर देना। खूब पीटना। भुरकुस निकालना।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 739 |
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