कच्चा घड़ा

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कच्चा घड़ा - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कच्चा+घड़ा)[1]

1. वह घड़ा जो आवें में न पकाया गया हो।

मुहावरा- 'कच्चे घड़े में पानी भरना' = अत्यंत कठिन काम करना।

2. घड़ा जो खूब पका न हो। सेवर घड़ा।

मुहावरा- 'कच्चे घड़े की चढ़ना' = शराब या ताड़ी आदि को पीकर मतवाला होना। नशे में चूर होना। गहागड्ढ नशा चढ़ना। पागल होना। उन्मत्त होना। बहकना।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 740 |

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