अरुण बाली

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अरुण बाली (अंग्रेज़ी: Arun Bali, जन्म- 23 दिसम्बर, 1942; मृत्यु- 7 अक्टूबर, 2022) प्रसिद्ध टेलीविजन और फिल्म अभिनेता थे, जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में अपने अभिनय के लिए जानें जाते थे। वर्ष 1988 से अरुण बाली मनोरंजन उद्योग का हिस्सा रहे और 60 से अधिक फिल्मों और टेलीविजन शो में काम किया। 1988 में फिल्म 'उत्तेजना' के साथ अभिनय की शुरुआत की थी। इस फिल्म में अरुण बाली को सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए याद किया जाता है। उनकी कुछ सबसे उल्लेखनीय भूमिकाओं में 'हे राम', 'वीर-ज़ारा', 'लगे रहो मुन्ना भाई', 'रेडी', 'बर्फी' और 'ओएमजी: ओह माय गॉड' आदि शामिल हैं। अभिनेता अरुण बाली ने नीम का पेड़, सीधी, महारथ, मर्यादा: लेकिन कब तक? और देवों के देव महादेव जैसे कई अन्य टेलीविजन शो से भी मुख्य चरित्र निभाए थे। हिंदी फिल्मों के अलावा अरुण बाली पंजाबी फिल्मों से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे।

परिचय

अरुण बाली का जन्म 23 दिसम्बर, 1942 को अविभाजित भारत के लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। यहीं वह पले बड़े तथा भारत विभाजन के बाद यह भारत में रहने लगे। वह एक पंजाबी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। अरुण बाली की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई तथा उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आ गये। इनका शुरुआती जीवन बहुत कठिनाई से बीता। वह जब 5 वर्ष के थे, इनके पिता का निधन हो गया। सेल्समैन का कार्य करके अपनी पढ़ाई जारी रखी। बचपन अत्यंत कठिनाईयों से बीता। बचपन से ही अभिनय का शौक था। इन्होंने एक्टिंग को ही अपना कैरियर बनाने की सोचा तथा दिल्ली से एक्टिंग की शिक्षा प्राप्त की।[1]

पारिवारिक

अरुण बाली छ: भाई बहन हैं। जिनमें ये पांच भाई तथा एक बहन हैं। इनका विवाह 1965 में हुआ। इनकी पत्नी का नाम प्रकाश बाली है। इनके तीन बेटियां तथा एक बेटा है। अरुण बाली अपने परिवार के साथ मुम्बई में रहते थे।

कॅरियर

अरुण बाली ने सबसे पहले अपने कैरियर की शुरुआत एक सिंगर के रूप में की तथा उस दौरान एक्टिंग की भी क्लास लेते रहे। बाद में एक मशहूर कलाकार अभिनेता के रूप में निखर कर आए। इनके बड़े भाई ने फिल्मी अभिनेता बनाने के लिए अरुण की बहुत की। उनके बड़े भाई फिल्मी थिएटर में काम करते थे। उन्होंने अरुण बाली को बहुत सपोर्ट किया। अरुण बाली बेहतरीन एक्टिंग करते थे तथा उसके साथ सिंगिंग भी काफी अच्छी इनकी।

अरुण बाली ने वर्ष 1951 में अपने जीवन की पहली फिल्म 'सौगंध' से फिल्मी दुनिया में प्रवेश किया यह उनकी पहली फिल्म थी। इसके अलावा बहुचर्चित फिल्म 'थ्री ईडियट्स' में अहम भूमिका निभाई। इसमें वह श्यामलदास चंचल की भूमिका में नजर आऐ थे। उन्होंने हिंदी फिल्मों के साथ पंजाबी फिल्मों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उनकी कुछ पंजाबी फिल्में, जैसे- पंजाब 1984, विशाखी, मुंडे यूके दे आधे पंजाबी हैं। अरुण बाली ने हिंदी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा', 'बद्रीनाथ', 'शिकारी', 'आंखें', 'अरमान', 'खलनायक' आदि में भी अभिनय किया।[1]

मृत्यु

23 दिसम्बर को अपना जन्मदिन मनाने के बाद से अरुण बाली बीमार हो गये। तब से ही अस्पताल में भर्ती थे। धीरे-धीरे उनकी बीमारी बढ़ती गई। डाक्टरों के अनुसार, अरुण बाली को न्यूरोमस्कुलर बीमारी थी। यह बीमारी डाक्टरों के नियंत्रण से बाहर हो गयी तथा 7 अक्टूबर, 2022 को सुबह 8 बजे अरुण बाली का निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 अरूण बाली का जीवन परिचय (हिंदी) teachersadda247.info। अभिगमन तिथि: 07 अक्टूबर, 2022।

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