मिट्टी में मिलाया जाए -आदित्य चौधरी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:03, 21 December 2024 by आशा चौधरी (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

50px|right|link=|

मिट्टी में मिलाया जाए -आदित्य चौधरी

मेरी हस्ती को ही अब जड़ से मिटाया जाए
मरूँ या न मरूँ, मिट्टी में मिलाया जाए

        इसी हसरत में कि पूछेगा, आख़री ख़्वाइश
        बीच चौराहे पे फ़ांसी पे चढ़ाया जाए

उनसे कह दो कि बुनियाद में हैं छेद बहुत
मेरे मरने से पहले उनको भराया जाए

        क्या कहूँ किससे कहूँ बहरों की दुनियाँ है
        मुल्क की तस्वीर है क्या, किसको बताया जाए

मैं तो बदज़ात हूँ, शामिल न किया महफ़िल में
नाम मुझको भी शरीफ़ों का बताया जाए

        मसाइल और भी हैं मेरी सरकशी के लिए
        उनको तफ़्सील से ये रोज़ बताया जाए

ज़माना हो गया जब दफ़्न किया था ख़ुद को
मैं तो हैरान हूँ, क्यों मुझको जलाया जाय



वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः