Difference between revisions of "परमाणु"

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'''परमाणु''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Atom) [[रसायन विज्ञान]] में [[तत्व]] का वह छोटा से छोटा भाग है, जो किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है परन्तु स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकता है। [[भारत]] के महान् ॠषि [[कणाद]] के अनुसार सभी [[पदार्थ]] अत्यन्त सूक्ष्मकणों से बने हैं, जिसे परमाणु कहा गया है। परमाणुओं का निर्माण [[प्रोटॉन]], [[न्यूट्रॉन]] तथा [[इलेक्ट्रॉन ]] से मिलकर होता है। परमाणुओं का आकार अतिसूक्ष्म व [[द्रव्यमान]] बहुत कम होता है। परमाणुओं में [[हाइड्रोजन]] सबसे छोटा व हल्का होता है। इसकी त्रिज्या 0.3 x 10<sup>-10</sup> मीटर के aब्राबर होता है। किसी पदार्थ के परमाणु के उसी या अन्य पदार्थ के परमाणुओं से संयोग करके [[यौगिक]] बनाने की प्रवृत्ति ही पदार्थ का रासायनिक गुण होती है। परमाणुओं के संयोग से [[अणु]] में ऐसी कोई प्रवृत्ति नहीं होती। किसी पदार्थ के रासायनिक गुण परमाणुओं के होते हैं।
परमाणु (Atom), [[तत्त्व]] का वह छोटा से छोटा कण है, जो किसी भी [[रासायनिक अभिक्रिया]] में भाग ले सकता है परन्तु स्वतंत्र अवस्था में नही रह सकता है। [[भारत]] के महान ॠषि [[कणाद]] के अनुसार सभी [[पदार्थ]] अत्यन्त सूक्ष्मकणों से बने हैं, जिसे परमाणु कहा गया है।  
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==अणु (Molecule)==
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20वीं शताब्दी में आधुनिक खोजों के परिणामस्वरूप जे. जे. थॉमसन, रदरफोर्ड, चैडविक आदि वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया कि परमाणु विभाज्य है तथा मुख्यतः तीन मूल कणों से मिलकर बना है, जिन्हें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन कहते हैं।
{{main|अणु}}
 
तत्त्व तथा [[यौगिक]] का वह छोटा से छोटा कण जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है, अणु कहलाता है।
 
==परमाणु भार (Atomic  weight)==
 
किसी तत्त्व का परमाणु भार वह संख्या है, जो यह प्रदर्शित करता है कि तत्त्व का एक परमाणु, [[कार्बन]]-12 के परमाणु के 1/12 भाग [[द्रव्यमान]] अथवा [[हाइड्रोजन]] के 1.008 भाग द्रव्यमान से कितना गुना भारी है।
 
==अणु भार (Molecular weight)==
 
किसी पदार्थ का अणु भार वह संख्या है, जो यह प्रदर्शित करती है कि उस पदार्थ का एक अणु कार्बन-12 के एक परमाणु के 1/12 भाग से कितना गुना भारी है।
 
==मोल धारणा (Mole concept)==
 
{{main|मोल धारणा}}
 
एक मोल किसी भी निश्चित सूत्र वाले पदार्थ की वह राशि है, जिसमें इस पदार्थ के इकाई सूत्र की संख्या उतनी है, जिनकी शुद्ध [[कार्बन]]-12 [[आइसोटोप]] के ठीक 12 ग्राम में परमाणुओं की संख्या है।
 
==परमाणु विभाज्य==
 
20वीं शताब्दी में आधुनिक खोजों के परिणामस्वरुप जे॰ जे॰ थॉमसन, रदरफोर्ड, चैडविक आदि वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया कि परमाणु विभाज्य है तथा मुख्यतः तीन मूल कणों से मिलकर बना है, जिन्हें [[इलेक़्ट्रॉन]], [[प्रोटॉन]] तथा [[न्यूट्रॉन]] कहते हैं।
 
 
प्रमुख मूल कणों के अभिलक्षण
 
प्रमुख मूल कणों के अभिलक्षण
{| class="wikitable" border="1"
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|+प्रमुख मूल कणों के अभिलक्षण
 
|+प्रमुख मूल कणों के अभिलक्षण
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! खोजकर्ता
 
! खोजकर्ता
 
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| इलेक़्ट्रॉन
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| [[इलेक्ट्रॉन]]
 
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| -1
 
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| 9.1095X10-28g
 
| 9.1095X10-28g
 
| 0.0005486
 
| 0.0005486
| जे॰ जे॰ थॉमसन
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| जे. जे. थॉमसन ([[1897]])
 
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| प्रोटॉन
+
| [[प्रोटॉन]]
 
| 1p<sup>1</sup>
 
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| +1
 
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| 1.6726X10-24g
 
| 1.6726X10-24g
 
| 1.0073335
 
| 1.0073335
| गोल्डस्टीन
+
| रदरफोर्ड
 
|-
 
|-
| न्यूट्रॉन
+
| [[न्यूट्रॉन]]
 
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| 0n<sup>1</sup>
 
| 0
 
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| 1.6749X10-24g
 
| 1.6749X10-24g
 
| 1.008724
 
| 1.008724
| चैडविक (1932)
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| चैडविक ([[1932]])
 
|}
 
|}
==परमाणु क्रमांक (Atomic number)==
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{{main|परमाणु क्रमांक}}
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{{प्रचार}}
किसी तत्त्व के परमाणु के [[नाभिक]] में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को परमाणु क्रमांक कहते हैं।
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{{लेख प्रगति
==द्रव्यमान संख्या (Mass number)==
+
|आधार=
{{main|द्रव्यमान संख्या}}
+
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रोनों की संख्याओं का योग उस परमाणु की द्रव्यमान संख्या कहलाती है।
+
|माध्यमिक=
==क्वाण्टम संख्या (Quantum Number)==
+
|पूर्णता=
{{main|क्वाण्टम संख्या}}
+
|शोध=
[[वर्णक्रम]] (स्पेक्ट्रम) रेखाओं की सूक्ष्म प्रकृति समझाने तथा इलेक़्ट्रॉन की ठीक-ठीक स्थिति का वर्णन करने हेतु चार क्वाण्टम संख्याओं का प्रयोग किया जाता है, ये हैं-
+
}}
*मुख्य क़्वाण्टम संख्या
+
==संबंधित लेख==
*दिगंशी क़्वाण्टम संख्या
+
{{रसायन विज्ञान}}
*चुम्बकीय क़्वाण्टम संख्या
+
[[Category:रसायन विज्ञान]]
*चक्रण क़्वाण्टम संख्या
 
==पाऊली का अपवर्जन नियम (Pauli's  exclusion principle, 1925)==
 
{{main|अपवर्जन नियम}}
 
इसके अनुसार एक दिए गए परमाणु में किन्हीं दो इलेक़्ट्रॉनों के लिए चारों क़्वाण्टम संख्याओं का मान समान नहीं हो सकता।
 
==हुण्ड का अधिकतम बहुलता नियम (Hund's rule of maximum multiplicity)==
 
इसके अनुसार इलेक़्ट्रॉन तब तक युग्मित नहीं होते जब तक कि रिक्त [[कक्षक]] प्राप्य हैं अर्थात् जब तक सम्भव है, इलेक़्ट्रॉन अयुग्मित रहते हैं।
 
==हाइजेनवर्ग का अनिश्चितता सिद्धान्त (Heisenberg's uncertaninty principle)==
 
इसके अनुसार किसी कण की स्थिति (position) और वेग (velocity) का एक साथ यथार्थ निर्धारण असंभव है।
 
==ऑफ़बाऊ नियम (Aufbau principle)==
 
इस नियम द्वारा तत्त्वों के [[इलेक़्ट्रॉनिक विन्यास]] लिखने के लिए विभिन्न परमाणु कक्षकों की [[ऊर्जा]] बढ़ने का क्रम इस प्रकार है-
 
<blockquote>1s<2s<2p<3s<3p<3p<4s<3d<4p<5s<4d<5p<6s<4f<5d<6p<7s</blockquote>
 
==समस्थानिक (Isotopes)==
 
{{main|समस्थानिक}}
 
समान परमाणु क्रमांक परन्तु भिन्न परमाणु द्रव्यमानों के परमाणुओं को समस्थानिक कहते हैं।
 
==समभारिक (Isobars)==  
 
{{main|समभारिक}}
 
समान परमाणु द्रव्यमान परन्तु भिन्न परमाणु क्रमांक के परमाणुओं को समभारिक कहते हैं।
 
==समन्यूट्रॉनिक (Isotone)==  
 
{{main|समन्यूट्रॉनिक}}
 
जिन परमाणुओं में न्यूट्रॉनों की संख्या समान होती है, उन्हें समन्यूट्रॉनिक कहते हैं।
 
==समइलेक़्ट्रॉनिक (Isoelectronic)==
 
{{main|समइलेक़्ट्रॉनिक}}
 
जिन आयनों और परमाणुओं के इलेक़्ट्रॉनिक विन्यास समान होते हैं, उन्हें समइलेक़्ट्रॉनिक कहते हैं।
 
__NOTOC__
 
 
[[Category:विज्ञान_कोश]]
 
[[Category:विज्ञान_कोश]]
[[Category:भौतिक_विज्ञान]]
 
[[Category:रसायन विज्ञान]]
 
 
__INDEX__
 
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Latest revision as of 14:09, 30 June 2017

paramanu (aangrezi:Atom) rasayan vijnan mean tatv ka vah chhota se chhota bhag hai, jo kisi bhi rasayanik abhikriya mean bhag le sakata hai parantu svatantr avastha mean nahian rah sakata hai. bharat ke mahanh rrishi kanad ke anusar sabhi padarth atyant sookshmakanoan se bane haian, jise paramanu kaha gaya hai. paramanuoan ka nirman prot aaun, nyootr aaun tatha ilektr aaun se milakar hota hai. paramanuoan ka akar atisookshm v dravyaman bahut kam hota hai. paramanuoan mean haidrojan sabase chhota v halka hota hai. isaki trijya 0.3 x 10-10 mitar ke abrabar hota hai. kisi padarth ke paramanu ke usi ya any padarth ke paramanuoan se sanyog karake yaugik banane ki pravritti hi padarth ka rasayanik gun hoti hai. paramanuoan ke sanyog se anu mean aisi koee pravritti nahian hoti. kisi padarth ke rasayanik gun paramanuoan ke hote haian.

20vian shatabdi mean adhunik khojoan ke parinamasvaroop je. je. th aaumasan, radaraphord, chaidavik adi vaijnanikoan ne yah siddh kar diya ki paramanu vibhajy hai tatha mukhyatah tin mool kanoan se milakar bana hai, jinhean ilektr aaun, prot aaun tatha nyootr aaun kahate haian. pramukh mool kanoan ke abhilakshan

pramukh mool kanoan ke abhilakshan
mool kan pratik avesh dravyaman (gram) dravyaman (amu) khojakarta
ilektr aaun -1e0 -1 9.1095X10-28g 0.0005486 je. je. th aaumasan (1897)
prot aaun 1p1 +1 1.6726X10-24g 1.0073335 radaraphord
nyootr aaun 0n1 0 1.6749X10-24g 1.008724 chaidavik (1932)


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

sanbandhit lekh