बैजाबाई महारानी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक")
 
(2 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=Baija-Bai-coin.JPG
|चित्र का नाम=बैजाबाई सिक्का
|पूरा नाम=बैजाबाई महारानी
|अन्य नाम=
|जन्म=
|जन्म भूमि=
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=दौलतराव सिन्धिया
|संतान=
|गुरु=
|कर्म भूमि=[[ग्वालियर]]
|कर्म-क्षेत्र=
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|खोज=
|भाषा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=[[ग्वालियर]] की महारानी
|विशेष योगदान= [[वाराणसी]] में भी 'सिन्धिया घाट' का निर्माण 1830 ई. में [[ग्वालियर]] महारानी बैजाबाई ने कराया।
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी=[[औरंगज़ेब]] द्वारा तुड़वाये गए '[[विश्वनाथ मन्दिर]]' का जीर्णोद्धार [[अहिल्याबाई होल्कर|अहिल्याबाई]] ने करवाया, जबकि इस मन्दिर में एक 'ज्ञानवापी मण्डप' का निर्माण बैजाबाई द्वारा करवाया गया।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''बैजाबाई महारानी''' दौलतराव सिन्धिया की पत्नी और [[ग्वालियर]] की महारानी थी। 1827 ई. में दौलतराव सिन्धिया की मृत्यु के बाद वह नाबालिग उत्तराधिकारी जनकोजीराव की संरक्षिका बनी थी।
'''बैजाबाई महारानी''' दौलतराव सिन्धिया की पत्नी और [[ग्वालियर]] की महारानी थी। 1827 ई. में दौलतराव सिन्धिया की मृत्यु के बाद वह नाबालिग उत्तराधिकारी जनकोजीराव की संरक्षिका बनी थी।


*बैजाबाई बड़ी महात्वाकांक्षी महिला थी और सारा राज्य प्रबन्ध अपने नियंत्रण में ही रखना चाहती थी।
*बैजाबाई बड़ी महत्वाकांक्षी महिला थी और सारा राज्य प्रबन्ध अपने नियंत्रण में ही रखना चाहती थी।
*उसकी नीतियों से राज्य प्रबन्धन में छल कपट और गड़बड़ी बहुत बढ़ गई। इसके परिणामस्वरूप 1833 ई. में उसको राज्य से निकाल दिया गया।
*उसकी नीतियों से राज्य प्रबन्धन में छल कपट और गड़बड़ी बहुत बढ़ गई। इसके परिणामस्वरूप 1833 ई. में उसको राज्य से निकाल दिया गया।
*महारानी बैजाबाई के समय में कुछ अच्छे निर्माण कार्य हुए। [[औरंगज़ेब]] द्वारा तुड़वाये गए '[[विश्वनाथ मन्दिर]]' का जीर्णोद्धार [[अहिल्याबाई होल्कर|अहिल्याबाई]] ने करवाया, जबकि इस मन्दिर में एक 'ज्ञानवापी मण्डप' का निर्माण बैजाबाई द्वारा करवाया गया।
*महारानी बैजाबाई के समय में कुछ अच्छे निर्माण कार्य हुए। [[औरंगज़ेब]] द्वारा तुड़वाये गए '[[विश्वनाथ मन्दिर]]' का जीर्णोद्धार [[अहिल्याबाई होल्कर|अहिल्याबाई]] ने करवाया, जबकि इस मन्दिर में एक 'ज्ञानवापी मण्डप' का निर्माण बैजाबाई द्वारा करवाया गया।

Latest revision as of 05:02, 29 May 2015

बैजाबाई महारानी
पूरा नाम बैजाबाई महारानी
पति/पत्नी दौलतराव सिन्धिया
कर्म भूमि ग्वालियर
प्रसिद्धि ग्वालियर की महारानी
विशेष योगदान वाराणसी में भी 'सिन्धिया घाट' का निर्माण 1830 ई. में ग्वालियर महारानी बैजाबाई ने कराया।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी औरंगज़ेब द्वारा तुड़वाये गए 'विश्वनाथ मन्दिर' का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई ने करवाया, जबकि इस मन्दिर में एक 'ज्ञानवापी मण्डप' का निर्माण बैजाबाई द्वारा करवाया गया।

बैजाबाई महारानी दौलतराव सिन्धिया की पत्नी और ग्वालियर की महारानी थी। 1827 ई. में दौलतराव सिन्धिया की मृत्यु के बाद वह नाबालिग उत्तराधिकारी जनकोजीराव की संरक्षिका बनी थी।

  • बैजाबाई बड़ी महत्वाकांक्षी महिला थी और सारा राज्य प्रबन्ध अपने नियंत्रण में ही रखना चाहती थी।
  • उसकी नीतियों से राज्य प्रबन्धन में छल कपट और गड़बड़ी बहुत बढ़ गई। इसके परिणामस्वरूप 1833 ई. में उसको राज्य से निकाल दिया गया।
  • महारानी बैजाबाई के समय में कुछ अच्छे निर्माण कार्य हुए। औरंगज़ेब द्वारा तुड़वाये गए 'विश्वनाथ मन्दिर' का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई ने करवाया, जबकि इस मन्दिर में एक 'ज्ञानवापी मण्डप' का निर्माण बैजाबाई द्वारा करवाया गया।
  • भारत की प्रमुख धार्मिक नगरी वाराणसी में भी 'सिन्धिया घाट' का निर्माण 1830 ई. में ग्वालियर महारानी बैजाबाई ने कराया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

  1. REDIRECT साँचा:रानियाँ और महारानियाँ