अकाली सेना: Difference between revisions
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30 मार्च सन 1699 को गुरु गोविंद सिंह ने ख़ालसा पंथ की स्थापना की थी। इस पंथ के अनुयायी अकाली थे। औरंगज़ेब के अत्याचारों का मुकाबला करने के लिए अकाली सेना के रूप में सामने आए।
- महाराज रणजीत सिंह के समय अकाली सेना अपने चरम उत्कर्ष पर थी। इसमें देश भर के चुने सिपाही होते थे।[1]
- मुसलमान गाजियों का अकाली सेना डटकर सामना किया करती थी।
- मुल्तान, कश्मीर, अटक, नौशेरा, जमशेद, अफ़ग़ानिस्तान आदि तक इन्हीं के सहारे रणजीत सिंह ने अपना साम्राज्य बढ़ाया।
- अकाली सेना के पतन का कारण कायरों और पापियों का छद्मवेश में सेना के निहंगों में प्रवेश पाना था। इससे इस पंथ को बहुत धक्का लगा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश,खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 66 |