आरमाईक भाषा: Difference between revisions

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Latest revision as of 07:57, 15 June 2018

आरमाईक भाषा सेमेटिक द्रष्टव्य अथवा सामी भाषा परिवार के उत्तर पश्चिम भाग की एक प्रसिद्ध भाषा है। आरमाईक मूल रूप से फिलिस्तीन एवं सिरिया के उन प्रवासियों की भाषा थी जो उत्तर में बढ़कर 'आरम' अर्थात्‌ पहाड़ी प्रदेश में जाकर बस गए। आरमाईक की हिब्रू द्रष्टव्य से बहुत अधिक समानता है। आरमाईक के प्राचीन अभिलेख दमिश्क द्रष्टव्य के निकट ई.पू. छठी शताब्दी के आसपास के मिलते हैं।

शाखाएँ

आरमाईक भाषा की मुख्य दो शाखाएँ हैं:

  1. पूर्वी आरमाईक
  2. पश्चिमी आरमाईक।

पूर्वी आरमाईक

पूर्वी आरमाईक की मुख्य उपभाषाएँ हैं: बेबीलोनियन, बेईअन, हरनियन एवं सीरिअक। सीरिअक को ईसाई आरमाईक भी कहते हैं क्योंकि इस आरमाईक में ईसाइयों का धार्मिक साहित्य लिखा गया है। स्वयं ईसा भी पूर्वी आरमाईक बोलते थे। पूर्वी आरमाईक की उपर्युक्त समस्त भाषाएँ उपभाषाएँ प्राय: समाप्त हो चुकी हैं। इसकी कुछ आधुनिक उपभाषाओं का प्रयोग मेसोपोटेमिया के कुछ भागों में होता है।

पश्चिमी आरमाईक

पश्चिमी आरमाईक ई.पू. चौथी शताब्दी से ईसा की सावतीं शताब्दी तक पश्चिमी एशिया एवं मिस्र की मुख्य एवं संपर्क भाषा थी। पश्चिमी आरमाईक की मुख्य उपभाषाएँ हैं: प्राचीन आरमाईक, बाइबिली आरमाईक, फिलिस्तीन आरमाईक तथा सेमेरीटन आरमाईक। पश्चिमी आरमाईक में यहूदियों की अनेक धार्मिक रचनाएँ हैं। पश्चिमी आरमाईक की उपर्युक्त उपभाषाएँ एक प्रकार समाप्त हो चली हैं। इसकी परवर्ती जीवित उपभाषा का प्रयोग लेबनाम के छोटे से भाग में होता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

“खण्ड 1”, हिन्दी विश्वकोश, 1973 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी, 421।

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