युवराज सिंह का कॅरियर: Difference between revisions
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युवराज सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत 11 साल की उम्र में पंजाब अंडर– 12 से [[नवंबर]] सन [[1995]]-[[1996]] में [[जम्मू]] और [[कश्मीर]]– 16 के | युवराज सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत 11 साल की उम्र में पंजाब अंडर– 12 से [[नवंबर]] सन [[1995]]-[[1996]] में [[जम्मू]] और [[कश्मीर]]– 16 के ख़िलाफ़ की। इसके बाद सन [[1996]]-[[1997]] में इन्होंने पंजाब अंडर– 19 से [[हिमाचल प्रदेश]] के ख़िलाफ़ मैच खेला। इसी तरह इन्होंने सन [[2000]] तक [[भारत]] में राष्ट्रीय लेवल में मैच खेले। इसके बाद इन्होंने सन 2000 में ही अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्डकप, जिसमें मोहम्मद कैफ़ की कप्तानी में [[भारत]] ने जीत हासिल की थी, युवराज ने अपने ऑल राउंड प्रदर्शन से ‘प्लेयर ऑफ़ दी टूर्नामेंट अवार्ड’ हासिल किया। युवराज के अंडर-19 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते उन्हें आई सी सी (ICC) नॉकआउट ट्राफी के लिए भारतीय टीम में चयनित किया | ||
गया। यहाँ से उन्होंने अपना पहला वन डे अंतरराष्ट्रीय मैच के | गया। यहाँ से उन्होंने अपना पहला वन डे अंतरराष्ट्रीय मैच के ख़िलाफ़ खेला। लेकिन यह टूर्नामेंट में [[भारत]] की जीत नहीं हुई किन्तु युवराज का इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन रहा। | ||
इसी टूर्नामेंट में युवराज ने [[ऑस्ट्रेलिया]] के | इसी टूर्नामेंट में युवराज ने [[ऑस्ट्रेलिया]] के ख़िलाफ़ 82 बॉल्स में 84 रन बनाये। इसके अलावा इसी टूर्नामेंट में [[श्रीलंका]] के ख़िलाफ़ भी इनका बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा। | ||
युवराज के लाइफ की सबसे बड़ी | युवराज के लाइफ की सबसे बड़ी पारी जो कि वे कभी नहीं भूल सकते, जब वे [[जुलाई]] सन [[2002]] में [[इंग्लैंड]] के ख़िलाफ़ नेटवेस्ट सीरीज में खेले थे। इंग्लैंड ने [[भारत]] के ख़िलाफ़ फाइनल्स में 324 रन का लक्ष्य बनाया, उस समय भारत ने बहुत अच्छी शुरुआत की किन्तु एक के बाद एक विकेट गिनने के कारण भारत का स्कोर बहुत कम हुआ, भारत का स्कोर 135/5 था जब [[सचिन तेंदुलकर]] आउट हो गए। | ||
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तब युवराज ने इस मैच में कप्तान मोहम्मद कैफ़ के साथ पार्टनरशिप कर बेहतरीन प्रदर्शन दिया। उनकी बेहतरीन बैटिंग से इस मैच को जगा दिया, और [[भारत]] की जीत हुई। युवराज ने सन [[2003]] में [[बांग्लादेश]] के | तब युवराज ने इस मैच में कप्तान मोहम्मद कैफ़ के साथ पार्टनरशिप कर बेहतरीन प्रदर्शन दिया। उनकी बेहतरीन बैटिंग से इस मैच को जगा दिया, और [[भारत]] की जीत हुई। युवराज ने सन [[2003]] में [[बांग्लादेश]] के ख़िलाफ़ अपना पहला शतक बनाया। लेकिन उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन [[ऑस्ट्रेलिया]] के ख़िलाफ़ रहा, जब ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ मैच था। युवराज ने 119 बॉल्स में 139 रन का स्कोर किया। युवराज का अगला शतक (110बॉल्स में 114 रन्स) वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ रहा, जहाँ भारत राउंड रोबिन लीग के अंतिम मैच में भारी दबाव था। | ||
सन [[2005]] – [[2006]] में [[दक्षिण अफ्रीका]], [[पाकिस्तान]] एवं [[इंग्लैंड]] के | सन [[2005]] – [[2006]] में [[दक्षिण अफ्रीका]], [[पाकिस्तान]] एवं [[इंग्लैंड]] के ख़िलाफ़ हुई लगातार 3 सीरीज में युवराज को “मैन ऑफ़ दा सीरीज” का ख़िताब दिया गया। इसमें युवराज में 15 मैच में 3 शतक और 4 अर्द्धशतक लगाये। सितम्बर सन [[2007]] में राहुल द्रविण के इस्तीफे के बाद [[महेंद्र सिंह धोनी]] कप्तान के रूप में चुने गए, उसी समय युवराज को भारतीय क्रिकेट में उप कप्तान के रूप में चुना गया। [[नवंबर]] सन [[2007]] में युवराज ने [[पाकिस्तान]] के ख़िलाफ़ बेहतरीन प्रदर्शन दिया। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हुई सीरीज में युवराज ने 5 मैच में 4 अर्द्धशतक लगाकर “मैन ऑफ़ दा सीरीज” की ट्राफी हासिल की। वन डे में इनका बहुत ही अच्छा प्रदर्शन रहा, ये टेस्ट मैच में नियमित रूप से खिलाड़ी नहीं थे किन्तु किसी खिलाड़ी के घायल होने की जगह पर उन्हें रखा गया था। इन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच सन [[2003]] में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ [[सौरव गांगुली]] की | ||
जगह पर खेला, किन्तु टेस्ट टीम में अपनी जगह नहीं बना सके। युवराज ने अपने टेस्ट खाते में 3 शतक और 3 अर्द्धशतक बनाये और उनके तीनों शतक पाकिस्तान के | जगह पर खेला, किन्तु टेस्ट टीम में अपनी जगह नहीं बना सके। युवराज ने अपने टेस्ट खाते में 3 शतक और 3 अर्द्धशतक बनाये और उनके तीनों शतक पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में थे। इस तरह इनका कैरियर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चलता जा रहा है। | ||
[[राहुल द्रविड]] के इस्तीफे के बाद युवराज का नाम भारतीय क्रिकेट टीम के उप कप्तान के रूप में सामने आया। T -20 वर्ल्ड कप [[2007]] में इन्हें एक हार्ड हिट्टर बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल किया गया। इस वर्ल्ड कप के शुरू होने से पहले [[भारत]] की [[इंग्लैंड]] के साथ 7 मैच सीरीज हुई, जिसमें इंग्लैंड के मस्कारंयूस ने युवराज के एक ओवर पर 5 छक्के लगाये थे। यह युवराज से सहन नहीं हुआ। [[12 सितम्बर]] सन [[2007]] को T– 20 वर्ल्डकप की शुरुआत हुई। [[19 सितम्बर]] को [[भारत]] का इंग्लैंड के | [[राहुल द्रविड]] के इस्तीफे के बाद युवराज का नाम भारतीय क्रिकेट टीम के उप कप्तान के रूप में सामने आया। T -20 वर्ल्ड कप [[2007]] में इन्हें एक हार्ड हिट्टर बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल किया गया। इस वर्ल्ड कप के शुरू होने से पहले [[भारत]] की [[इंग्लैंड]] के साथ 7 मैच सीरीज हुई, जिसमें इंग्लैंड के मस्कारंयूस ने युवराज के एक ओवर पर 5 छक्के लगाये थे। यह युवराज से सहन नहीं हुआ। [[12 सितम्बर]] सन [[2007]] को T– 20 वर्ल्डकप की शुरुआत हुई। [[19 सितम्बर]] को [[भारत]] का इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैच था, जिसमें भारत की करो या मरो जैसी स्थिति हो गई थी। मैच सिर्फ 17 ओवर का था, तब युवराज स्ट्राइक पर थे और बोलिंग स्टुअर्ट ब्रॉड कर रहे थे। युवराज ने 6 बॉल्स में 6 छक्के लगाये एवं मात्र 12 बॉल्स में अपना अर्द्धशतक पूरा किया। उस समय का T-20 वर्ल्ड कप [[भारत]] के नाम हुआ। वे इस टूर्नामेंट के टॉप परफोर्मर भी रहे। इसके बाद बहुत सी सीरीज हुई, जिसमें इनका प्रदर्शन अच्छा रहा बहुत से कप इन्होंने जीते तथा बहुत से मैच में युवराज कुछ खास प्रदर्शन न दिखा सके। इसके बाद ICC वर्ल्ड कप सन | ||
[[2011]] में युवराज ने 4 बार ‘मैन ऑफ़ दा मैच अवार्ड’ जीता। जिसके चलते इन्हें ‘मैन ऑफ़ दा टूर्नामेंट’ का भी अवार्ड मिला। | [[2011]] में युवराज ने 4 बार ‘मैन ऑफ़ दा मैच अवार्ड’ जीता। जिसके चलते इन्हें ‘मैन ऑफ़ दा टूर्नामेंट’ का भी अवार्ड मिला। | ||
== कैंसर से जीती जंग == | == कैंसर से जीती जंग == | ||
जिन्दगी के सबसे कठिन पड़ाव से गुजर रहे थे, जब उन्हें यह पता चला कि उन्हें बाएँ लंग में कैंसर हुआ है जोकि स्टेज– 1 में था। वे कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए US के बोस्टन में कैंसर रिसर्च सेंटर में गए। लगभग 1 साल के अंदर ही इनका इलाज पूरा हो गया, और वे [[अप्रैल]] सन [[2012]] में [[भारत]] वापस आ गए। ठीक होने के बाद युवराज ने T– 20 मैच में न्यूजीलैंड के | सन [[2011]] में ही युवराज अपनी अब तक की जिन्दगी के सबसे कठिन पड़ाव से गुजर रहे थे, जब उन्हें यह पता चला कि उन्हें बाएँ लंग में कैंसर हुआ है जोकि स्टेज– 1 में था। वे कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए US के बोस्टन में कैंसर रिसर्च सेंटर में गए। लगभग 1 साल के अंदर ही इनका इलाज पूरा हो गया, और वे [[अप्रैल]] सन [[2012]] में [[भारत]] वापस आ गए। ठीक होने के बाद युवराज ने T– 20 मैच में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ खेला। इस तरह इनका वर्ल्ड कप्स और T– 20 वर्ल्डकप में प्रदर्शन रहा। | ||
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युवराज सिंह आईपीएल के शरुआती 2 सीजन में किंग्स 11 पंजाब टीम के कप्तान बने। यह टीम भारतीय सिनेमा की अभिनेत्री प्रीति जिंटा और बिज़नेस मैगनेट नेस वाडिया की थी। उस वक्त ये आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी थे। इन्होंने बहुत से ODI’s मैच खेले जिसमे उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाई। [[क्रिकेट]] के इतिहास में ये सबसे बेहतरीन फील्डर में से एक माने जाते हैं। युवराज, जो कि मूल रूप से बॉल के बड़े हिट्टर के रूप में जाने जाते है, आईपीएल में उनका यह | युवराज सिंह आईपीएल के शरुआती 2 सीजन में किंग्स 11 पंजाब टीम के कप्तान बने। यह टीम भारतीय सिनेमा की अभिनेत्री प्रीति जिंटा और बिज़नेस मैगनेट नेस वाडिया की थी। उस वक्त ये आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी थे। इन्होंने बहुत से ODI’s मैच खेले जिसमे उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाई। [[क्रिकेट]] के इतिहास में ये सबसे बेहतरीन फील्डर में से एक माने जाते हैं। युवराज, जो कि मूल रूप से बॉल के बड़े हिट्टर के रूप में जाने जाते है, आईपीएल में उनका यह अंदाज़देखने को नहीं मिला। लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें थी किन्तु वे उनकी उम्मीदों में खड़े नहीं उतर पाए। इस कारण अगले सीजन में इस टीम की कप्तानी कुमार संगकारा को दे दी गई। सन [[2011]] के आईपीएल में एक न्यू टीम [[पुणे]] वारियर्स आई. इस टीम में युवराज को खरीदा गया और वे इस टीम के कप्तान चुने गए। इसमें युवराज ने 14 मैच में 343 रन्स का स्कोर किया। किन्तु कुछ विवाद के चलते सन [[2012]] में यह टीम आईपीएल में नहीं दिखी। इसके बाद सन [[2014]] में युवराज को 14 करोड़ में रोयल चंल्लेंजर्स बैंगलोर टीम ने खरीदा, किन्तु किंगफ़िशर के एक एम्प्लोयी ने युवराज को लैटर लिखा कि वे इस टीम के लिए न खेले। इसके बाद सन [[2015]] में युवराज को दिल्ली डेरडेविल्स टीम ने 16 करोड़ में खरीदा। सन [[2016]] में युवराज को सनरैसर [[हैदराबाद]] ने 7 करोड़ में खरीदा। इस टीम में युवराज का काफ़ी अच्छा प्रदर्शन रहा। इन्होंने 23 बॉल्स में 38 रन्स बनाये। इस तरह इनका आईपीएल में अब तक का सफ़र रहा। | ||
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Latest revision as of 06:40, 10 February 2021
युवराज सिंह का कॅरियर
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पूरा नाम | युवराज सिंह |
अन्य नाम | युवी, सिक्सर किंग |
जन्म | 12 दिसम्बर, 1981 |
जन्म भूमि | चंडीगढ़, भारत |
अभिभावक | पिता- योगराज सिंह; माता- शबनम सिंह |
खेल-क्षेत्र | क्रिकेट |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | पद्मश्री, श्री प्रणव मुखर्जी, भारत, राष्ट्रपति, टेनिस |
अन्य जानकारी | युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के बहुत ही शानदार खिलाड़ी है। युवराज सिंह बचपन में रोलर स्केटिंग और टेनिस में बहुत ही अच्छे थे, इन्होंने रोलर स्केटिंग में नेशनल U–11 चैंपियनशिप भी जीती। |
अद्यतन | 05:58, 08 अगस्त 2017 (IST) |
अंतरराष्ट्रीय मैच
युवराज सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत 11 साल की उम्र में पंजाब अंडर– 12 से नवंबर सन 1995-1996 में जम्मू और कश्मीर– 16 के ख़िलाफ़ की। इसके बाद सन 1996-1997 में इन्होंने पंजाब अंडर– 19 से हिमाचल प्रदेश के ख़िलाफ़ मैच खेला। इसी तरह इन्होंने सन 2000 तक भारत में राष्ट्रीय लेवल में मैच खेले। इसके बाद इन्होंने सन 2000 में ही अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्डकप, जिसमें मोहम्मद कैफ़ की कप्तानी में भारत ने जीत हासिल की थी, युवराज ने अपने ऑल राउंड प्रदर्शन से ‘प्लेयर ऑफ़ दी टूर्नामेंट अवार्ड’ हासिल किया। युवराज के अंडर-19 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते उन्हें आई सी सी (ICC) नॉकआउट ट्राफी के लिए भारतीय टीम में चयनित किया गया। यहाँ से उन्होंने अपना पहला वन डे अंतरराष्ट्रीय मैच के ख़िलाफ़ खेला। लेकिन यह टूर्नामेंट में भारत की जीत नहीं हुई किन्तु युवराज का इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन रहा। इसी टूर्नामेंट में युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 82 बॉल्स में 84 रन बनाये। इसके अलावा इसी टूर्नामेंट में श्रीलंका के ख़िलाफ़ भी इनका बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा।
युवराज के लाइफ की सबसे बड़ी पारी जो कि वे कभी नहीं भूल सकते, जब वे जुलाई सन 2002 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ नेटवेस्ट सीरीज में खेले थे। इंग्लैंड ने भारत के ख़िलाफ़ फाइनल्स में 324 रन का लक्ष्य बनाया, उस समय भारत ने बहुत अच्छी शुरुआत की किन्तु एक के बाद एक विकेट गिनने के कारण भारत का स्कोर बहुत कम हुआ, भारत का स्कोर 135/5 था जब सचिन तेंदुलकर आउट हो गए।
टैस्ट मैच
तब युवराज ने इस मैच में कप्तान मोहम्मद कैफ़ के साथ पार्टनरशिप कर बेहतरीन प्रदर्शन दिया। उनकी बेहतरीन बैटिंग से इस मैच को जगा दिया, और भारत की जीत हुई। युवराज ने सन 2003 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अपना पहला शतक बनाया। लेकिन उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ रहा, जब ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ मैच था। युवराज ने 119 बॉल्स में 139 रन का स्कोर किया। युवराज का अगला शतक (110बॉल्स में 114 रन्स) वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ रहा, जहाँ भारत राउंड रोबिन लीग के अंतिम मैच में भारी दबाव था।
सन 2005 – 2006 में दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान एवं इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हुई लगातार 3 सीरीज में युवराज को “मैन ऑफ़ दा सीरीज” का ख़िताब दिया गया। इसमें युवराज में 15 मैच में 3 शतक और 4 अर्द्धशतक लगाये। सितम्बर सन 2007 में राहुल द्रविण के इस्तीफे के बाद महेंद्र सिंह धोनी कप्तान के रूप में चुने गए, उसी समय युवराज को भारतीय क्रिकेट में उप कप्तान के रूप में चुना गया। नवंबर सन 2007 में युवराज ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बेहतरीन प्रदर्शन दिया। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हुई सीरीज में युवराज ने 5 मैच में 4 अर्द्धशतक लगाकर “मैन ऑफ़ दा सीरीज” की ट्राफी हासिल की। वन डे में इनका बहुत ही अच्छा प्रदर्शन रहा, ये टेस्ट मैच में नियमित रूप से खिलाड़ी नहीं थे किन्तु किसी खिलाड़ी के घायल होने की जगह पर उन्हें रखा गया था। इन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच सन 2003 में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ सौरव गांगुली की जगह पर खेला, किन्तु टेस्ट टीम में अपनी जगह नहीं बना सके। युवराज ने अपने टेस्ट खाते में 3 शतक और 3 अर्द्धशतक बनाये और उनके तीनों शतक पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में थे। इस तरह इनका कैरियर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चलता जा रहा है।
राहुल द्रविड के इस्तीफे के बाद युवराज का नाम भारतीय क्रिकेट टीम के उप कप्तान के रूप में सामने आया। T -20 वर्ल्ड कप 2007 में इन्हें एक हार्ड हिट्टर बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल किया गया। इस वर्ल्ड कप के शुरू होने से पहले भारत की इंग्लैंड के साथ 7 मैच सीरीज हुई, जिसमें इंग्लैंड के मस्कारंयूस ने युवराज के एक ओवर पर 5 छक्के लगाये थे। यह युवराज से सहन नहीं हुआ। 12 सितम्बर सन 2007 को T– 20 वर्ल्डकप की शुरुआत हुई। 19 सितम्बर को भारत का इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैच था, जिसमें भारत की करो या मरो जैसी स्थिति हो गई थी। मैच सिर्फ 17 ओवर का था, तब युवराज स्ट्राइक पर थे और बोलिंग स्टुअर्ट ब्रॉड कर रहे थे। युवराज ने 6 बॉल्स में 6 छक्के लगाये एवं मात्र 12 बॉल्स में अपना अर्द्धशतक पूरा किया। उस समय का T-20 वर्ल्ड कप भारत के नाम हुआ। वे इस टूर्नामेंट के टॉप परफोर्मर भी रहे। इसके बाद बहुत सी सीरीज हुई, जिसमें इनका प्रदर्शन अच्छा रहा बहुत से कप इन्होंने जीते तथा बहुत से मैच में युवराज कुछ खास प्रदर्शन न दिखा सके। इसके बाद ICC वर्ल्ड कप सन 2011 में युवराज ने 4 बार ‘मैन ऑफ़ दा मैच अवार्ड’ जीता। जिसके चलते इन्हें ‘मैन ऑफ़ दा टूर्नामेंट’ का भी अवार्ड मिला।
कैंसर से जीती जंग
सन 2011 में ही युवराज अपनी अब तक की जिन्दगी के सबसे कठिन पड़ाव से गुजर रहे थे, जब उन्हें यह पता चला कि उन्हें बाएँ लंग में कैंसर हुआ है जोकि स्टेज– 1 में था। वे कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए US के बोस्टन में कैंसर रिसर्च सेंटर में गए। लगभग 1 साल के अंदर ही इनका इलाज पूरा हो गया, और वे अप्रैल सन 2012 में भारत वापस आ गए। ठीक होने के बाद युवराज ने T– 20 मैच में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ खेला। इस तरह इनका वर्ल्ड कप्स और T– 20 वर्ल्डकप में प्रदर्शन रहा।
आईपीएल का सफ़र
युवराज सिंह आईपीएल के शरुआती 2 सीजन में किंग्स 11 पंजाब टीम के कप्तान बने। यह टीम भारतीय सिनेमा की अभिनेत्री प्रीति जिंटा और बिज़नेस मैगनेट नेस वाडिया की थी। उस वक्त ये आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी थे। इन्होंने बहुत से ODI’s मैच खेले जिसमे उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाई। क्रिकेट के इतिहास में ये सबसे बेहतरीन फील्डर में से एक माने जाते हैं। युवराज, जो कि मूल रूप से बॉल के बड़े हिट्टर के रूप में जाने जाते है, आईपीएल में उनका यह अंदाज़देखने को नहीं मिला। लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें थी किन्तु वे उनकी उम्मीदों में खड़े नहीं उतर पाए। इस कारण अगले सीजन में इस टीम की कप्तानी कुमार संगकारा को दे दी गई। सन 2011 के आईपीएल में एक न्यू टीम पुणे वारियर्स आई. इस टीम में युवराज को खरीदा गया और वे इस टीम के कप्तान चुने गए। इसमें युवराज ने 14 मैच में 343 रन्स का स्कोर किया। किन्तु कुछ विवाद के चलते सन 2012 में यह टीम आईपीएल में नहीं दिखी। इसके बाद सन 2014 में युवराज को 14 करोड़ में रोयल चंल्लेंजर्स बैंगलोर टीम ने खरीदा, किन्तु किंगफ़िशर के एक एम्प्लोयी ने युवराज को लैटर लिखा कि वे इस टीम के लिए न खेले। इसके बाद सन 2015 में युवराज को दिल्ली डेरडेविल्स टीम ने 16 करोड़ में खरीदा। सन 2016 में युवराज को सनरैसर हैदराबाद ने 7 करोड़ में खरीदा। इस टीम में युवराज का काफ़ी अच्छा प्रदर्शन रहा। इन्होंने 23 बॉल्स में 38 रन्स बनाये। इस तरह इनका आईपीएल में अब तक का सफ़र रहा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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