आम्रकार्द्दव: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*आम्रकार्द्दव तीसरे गुप्त सम्राट [[चन्द्रगुप्त द्वि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(6 intermediate revisions by 5 users not shown)
Line 1: Line 1:
*आम्रकार्द्दव तीसरे गुप्त सम्राट [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]] (381-413 ई.) का एक सेनापति था।  
'''आम्रकार्द्दव''' तीसरे [[गुप्त]] सम्राट [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]] (381-413 ई.) का एक सेनापति था। आम्रकार्द्दव का नाम विशेषत: गुप्तों की धार्मिक सहिष्णुता के प्रमाण में उद्धृत किया जाता है। चंद्रगुप्त विक्रमानदित्य परम भागवत, परम वैष्णव थे, परंतु सेनापति के पद इस बौद्ध को नियुक्त करने में उन्हें आपत्ति नहीं हुई।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=394 |url=}}</ref>
*अनेक युद्धों में विजय प्राप्त करने के कारण उसका यश चारों ओर फैला था।  
*अनेक युद्धों में विजय प्राप्त करने के कारण उसका यश चारों ओर फैला था।  
*चन्द्रगुप्त द्वितीय ने जब पूर्वी [[मालवा]] पर हमला किया तो सेनापति आम्रकार्द्दव भी उसके साथ था।  
*चन्द्रगुप्त द्वितीय ने जब पूर्वी [[मालवा]] पर हमला किया तो सेनापति आम्रकार्द्दव भी उसके साथ था।  
*उसने सनकानीक महाराज को [[गुप्त|गुप्तों]] का सामन्त बनाने तथा पश्चिमी मालवा व [[काठियावाड़]] के [[शक|शकों]] का उन्मूलन करने में अपने सम्राट की सहायता की।  
*उसने सनकानीक महाराज को गुप्तों का सामन्त बनाने तथा पश्चिमी मालवा व [[काठियावाड़]] के [[शक|शकों]] का उन्मूलन करने में अपने सम्राट की सहायता की।  
*वह बौद्ध मतावलम्बी था अथवा [[बौद्ध धर्म]] में श्रद्धा रखता था।  
*वह बौद्ध मतावलम्बी था अथवा [[बौद्ध धर्म]] में श्रद्धा रखता था।  
*उसने एक बौद्ध विहार को दान दिया था।
*साँची के एक अभिलेख से प्रमाणित होता है कि आम्रकार्द्दव ने 25 दीनार और एक गाँव वहाँ के आर्यसंघ (बौद्धसंघ) को दान में अर्पित किए थे।


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|आधार=  
|प्रारम्भिक=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|पूर्णता=
|शोध=
|शोध=
}}
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
[[Category:नया पन्ना]]
==संबंधित लेख==
{{गुप्त काल}}
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:गुप्त काल]]
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 10:12, 14 June 2018

आम्रकार्द्दव तीसरे गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय (381-413 ई.) का एक सेनापति था। आम्रकार्द्दव का नाम विशेषत: गुप्तों की धार्मिक सहिष्णुता के प्रमाण में उद्धृत किया जाता है। चंद्रगुप्त विक्रमानदित्य परम भागवत, परम वैष्णव थे, परंतु सेनापति के पद इस बौद्ध को नियुक्त करने में उन्हें आपत्ति नहीं हुई।[1]

  • अनेक युद्धों में विजय प्राप्त करने के कारण उसका यश चारों ओर फैला था।
  • चन्द्रगुप्त द्वितीय ने जब पूर्वी मालवा पर हमला किया तो सेनापति आम्रकार्द्दव भी उसके साथ था।
  • उसने सनकानीक महाराज को गुप्तों का सामन्त बनाने तथा पश्चिमी मालवा व काठियावाड़ के शकों का उन्मूलन करने में अपने सम्राट की सहायता की।
  • वह बौद्ध मतावलम्बी था अथवा बौद्ध धर्म में श्रद्धा रखता था।
  • साँची के एक अभिलेख से प्रमाणित होता है कि आम्रकार्द्दव ने 25 दीनार और एक गाँव वहाँ के आर्यसंघ (बौद्धसंघ) को दान में अर्पित किए थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 394 |

संबंधित लेख