जयंती क्षेत्र: Difference between revisions

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'''जयंती क्षेत्र''' [[महाराष्ट्र]] में स्थित एक प्राचीन ग्राम है। हुबली से प्राय: 70 मील {{मील|मील=70}} की दूरी पर वनोशिला ग्राम को ही प्राचीन जयन्ती क्षेत्र कहा जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=356|url=}}</ref>
'''जयंती क्षेत्र''' [[महाराष्ट्र]] में स्थित एक प्राचीन ग्राम है। [[हुबली]] से प्राय: 70 मील {{मील|मील=70}} की दूरी पर वनोशिला ग्राम को ही प्राचीन जयन्ती क्षेत्र कहा जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=356|url=}}</ref>


*यह क्षेत्र वरदा नदी<ref>(=वर्धा नदी)</ref> के तट पर स्थित है।
*यह क्षेत्र [[वरदा नदी]]<ref>(=वर्धा नदी)</ref> के तट पर स्थित है।
*पौराणिक आख्यान के अनुसार [[मधु कैटभ]] नामक [[दैत्य|दैत्यों]] ने यहाँ तप किया था।
*पौराणिक आख्यान के अनुसार [[मधु कैटभ]] नामक [[दैत्य|दैत्यों]] ने यहाँ तप किया था।
*उपर्युक्त दोनों दैत्यों के नाम से प्रसिद्ध एक मंदिर भी इस ग्राम के निकट है। मधु कैटभ का वध भगवान [[विष्णु]] के हाथों हुआ था।
*उपर्युक्त दोनों दैत्यों के नाम से प्रसिद्ध एक मंदिर भी इस ग्राम के निकट है। मधु कैटभ का वध भगवान [[विष्णु]] के हाथों हुआ था।

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जयंती क्षेत्र महाराष्ट्र में स्थित एक प्राचीन ग्राम है। हुबली से प्राय: 70 मील (लगभग 112 कि.मी.) की दूरी पर वनोशिला ग्राम को ही प्राचीन जयन्ती क्षेत्र कहा जाता है।[1]

  • यह क्षेत्र वरदा नदी[2] के तट पर स्थित है।
  • पौराणिक आख्यान के अनुसार मधु कैटभ नामक दैत्यों ने यहाँ तप किया था।
  • उपर्युक्त दोनों दैत्यों के नाम से प्रसिद्ध एक मंदिर भी इस ग्राम के निकट है। मधु कैटभ का वध भगवान विष्णु के हाथों हुआ था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 356 |
  2. (=वर्धा नदी)

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