कमल कपूर: Difference between revisions

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'''कमल कपूर''' ([[अंग्रेज़ी]]- ''Kamal Kapoor''; जन्म- [[22 फ़रवरी]], [[1920]], [[लाहौर]] मृत्यु- [[2 अगस्त]], [[2010]], [[मुंबई]], [[महाराष्ट्र]]) [[भारतीय सिनेमा]] के [[अभिनेता]] थे जिन्होंने लगभग 600 [[हिन्दी]], [[पंजाबी]] और [[गुजराती]] फ़िल्मों में काम किया।
== संक्षिप्त परिचय ==  
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कमल कपूर का जन्म [[22 फ़रवरी]], [[1920]] को लाहौर, पंजाब में हुआ। इन्होंने [[लाहौर]] के ही डी.ए.वी. कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। कमल कपूर [[पृथ्वीराज कपूर]] के चचेरे भाई और गोल्डी बहल के [[नाना]] थे।
कमल कपूर का जन्म [[22 फ़रवरी]], [[1920]] को लाहौर, पंजाब में हुआ। इन्होंने [[लाहौर]] के ही डी.ए.वी. कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। कमल कपूर [[पृथ्वीराज कपूर]] के चचेरे भाई और गोल्डी बहल के [[नाना]] थे।

Latest revision as of 08:57, 2 August 2018

कमल कपूर
पूरा नाम कमल कपूर
जन्म 22 फ़रवरी, 1920
जन्म भूमि लाहौर
मृत्यु 2 अगस्त, 2010
मृत्यु स्थान मुंबई, महाराष्ट्र
कर्म भूमि मुंबई
कर्म-क्षेत्र अभिनेता
मुख्य फ़िल्में डाक बंगला, हातिमताई, आग, पाक़ीज़ा, डॉन
विद्यालय डी.ए.वी. कॉलेज, लाहौर
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख पृथ्वीराज कपूर
अन्य जानकारी कमल कपूर ने लगभग 600 हिन्दी, पंजाबी और गुजराती फ़िल्मों में काम किया।
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कमल कपूर (अंग्रेज़ी- Kamal Kapoor; जन्म- 22 फ़रवरी, 1920, लाहौर मृत्यु- 2 अगस्त, 2010, मुंबई, महाराष्ट्र) भारतीय सिनेमा के अभिनेता थे जिन्होंने लगभग 600 हिन्दी, पंजाबी और गुजराती फ़िल्मों में काम किया।

संक्षिप्त परिचय

कमल कपूर का जन्म 22 फ़रवरी, 1920 को लाहौर, पंजाब में हुआ। इन्होंने लाहौर के ही डी.ए.वी. कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। कमल कपूर पृथ्वीराज कपूर के चचेरे भाई और गोल्डी बहल के नाना थे।

फ़िल्मी सफ़र

कमल कपूर ने अपने सफ़र की शुरुआत 1940-50 के दौर में नायक के रूप में की थी। उनकी पहली फ़िल्म "दूर चलें" थी जो 1946 में प्रदर्शित हुई। साठ के दशक से इन्होंने खलनायक की भूमिका करनी आरंभ की, इनमें से कुछ लोकप्रिय किरदार पाक़ीज़ा (1972) में नवाब जफर अली खान, डॉन (1978) में नारंग और मर्द (1985) में जनरल डायर, आग (1948) में वकील खन्ना, रेशमी रूमाल (1961) दीपक, रहे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख