ममूटी: Difference between revisions
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==जीवन दर्शन== | ==जीवन दर्शन== | ||
मलयालम फ़िल्मों के सुपरस्टार ममूटी अपनी तुलना एक ऐसे मेहनती किसान से करते हैं जिसे अपने काम की चिंता रहती है और जो सर्वश्रेष्ठ मिलने की उम्मीद करता है। ममूटी ने कहा, "मैं एक किसान की तरह हूं। एक किसान हमेशा अपने खेत में कड़ी मेहनत करता है और उसकी प्रार्थना केवल यह होती है कि उसकी फसल बहुत अच्छी हो। इसी तरह मैं भी अपने काम में मेहनत करता हूं और किसान की तरह ही अच्छा होने की उम्मीद से | मलयालम फ़िल्मों के सुपरस्टार ममूटी अपनी तुलना एक ऐसे मेहनती किसान से करते हैं जिसे अपने काम की चिंता रहती है और जो सर्वश्रेष्ठ मिलने की उम्मीद करता है। ममूटी ने कहा, "मैं एक किसान की तरह हूं। एक किसान हमेशा अपने खेत में कड़ी मेहनत करता है और उसकी प्रार्थना केवल यह होती है कि उसकी फसल बहुत अच्छी हो। इसी तरह मैं भी अपने काम में मेहनत करता हूं और किसान की तरह ही अच्छा होने की उम्मीद से इंतज़ार करता हूं।" ममूटी ने कहा, "किसी भी फ़िल्म की सफलता में हमेशा कई लोगों के प्रयासों का योगदान होता है। मैं इस विचार में भरोसा करता हूं कि कोई अच्छी फ़िल्म नहीं बना सकता यह बस अपने आप ही हो जाता है।" ममूटी ने कहा कि वह अपने आप को महान नहीं मानते इसलिए किसी भी फ़िल्म के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि वह फ़िल्मों का चुनाव करते समय सावधान रहते हैं। उनकी अगले साल भी चार या पांच फ़िल्में प्रदर्शित होंगी और उन सभी में ममूटी अलग-अलग तरह की भूमिकाएं निभाएंगे। <ref>{{cite web |url=http://m.oneindia.in/hindi/movies/bollywood/news/2010/10/i-m-like-hard-working-farmer-mammootty.html|title=मेहनती किसान जैसा हूं मैं : ममूटी|accessmonthday=20 जुलाई|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वन इंडिया |language=हिंदी }}</ref> | ||
==पुलिस अधिकारी की भूमिका== | ==पुलिस अधिकारी की भूमिका== | ||
मलयालम फ़िल्मों के सुपरस्टार ममूटी को पुलिस की भूमिका में हमेशा से दिलचस्पी रही है। इसी भूमिका ने उन्हें सुपरस्टार बनाया। अपने 25 वर्षों से भी अधिक लंबे फ़िल्मी करियर में वे कई बार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा चुके हैं। पुलिस अधिकारी के रूप में वह लगभग 25 भूमिकाएँ कर कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 80 के दशक में “यवनिका” फ़िल्म में पुलिस अधिकारी की भूमिका से ही उन्हें स्टार बनने का मौका मिला था। यही वह भूमिका है जिसने उनके करियर को ऊंचाई दी। जिस भी फ़िल्म में भी उन्होंने पुलिस की भूमिका निभाई, लोगों ने उस फ़िल्म को पसंद किया। <ref>{{cite web |url=http://hindi.in.com/showstory.php?id=42981|title=दक्षिण भारतीय स्टार ममूटी का रेकॉर्ड|accessmonthday=20 जुलाई|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिंदी इन|language=हिंदी }}</ref> | मलयालम फ़िल्मों के सुपरस्टार ममूटी को पुलिस की भूमिका में हमेशा से दिलचस्पी रही है। इसी भूमिका ने उन्हें सुपरस्टार बनाया। अपने 25 वर्षों से भी अधिक लंबे फ़िल्मी करियर में वे कई बार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा चुके हैं। पुलिस अधिकारी के रूप में वह लगभग 25 भूमिकाएँ कर कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 80 के दशक में “यवनिका” फ़िल्म में पुलिस अधिकारी की भूमिका से ही उन्हें स्टार बनने का मौका मिला था। यही वह भूमिका है जिसने उनके करियर को ऊंचाई दी। जिस भी फ़िल्म में भी उन्होंने पुलिस की भूमिका निभाई, लोगों ने उस फ़िल्म को पसंद किया। <ref>{{cite web |url=http://hindi.in.com/showstory.php?id=42981|title=दक्षिण भारतीय स्टार ममूटी का रेकॉर्ड|accessmonthday=20 जुलाई|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिंदी इन|language=हिंदी }}</ref> |
Revision as of 13:45, 2 September 2013
ममूटी
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पूरा नाम | मुहम्मदकुट्टी इस्माइल पनपराम्बिल |
प्रसिद्ध नाम | ममूटी |
जन्म | 7 सितंबर 1951 |
जन्म भूमि | चेंपू गांव, केरल |
कर्म भूमि | केरल |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेता |
शिक्षा | वकालत |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री,'डी.लिट', तीन बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' , केरल सरकार के 'सात पुरस्कार' और 'फ़िल्म फेयर' के 11 पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | एशियन टेलीविजन अवार्डस 2010 द्वारा कराए सर्वेक्षण में सबसे लोकप्रिय मलयाली ममूटी को घोषित किया गया है। |
ममूटी (अंग्रेज़ी:Mammootty, पूरा नाम: 'मुहम्मदकुट्टी इस्माइल पनपराम्बिल', जन्म- 7 सितंबर 1951, केरल) दक्षिण भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता हैं। ममूटी ने सबसे लोकप्रिय मलयाली के एक विश्वव्यापी सर्वेक्षण में मोहनलाल और रेसुल पूकुट्टी को पीछे छोड़ दिया है। एशियन टेलीविजन अवार्डस 2010 द्वारा कराए सर्वेक्षण में सबसे लोकप्रिय मलयाली ममूटी को घोषित किया गया है। ममूटी ने कहा कि मुझे मलयाली होने पर गर्व है। [1]
जीवन परिचय
केरल के वायकोम इलाके में चेंपू गांव में किसान परिवार में पैदा हुए ममूटी की आरंभिक शिक्षा कोच्चि और एर्नाकुलम में हुई। एर्नाकुलम से वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दो साल इस पेशे में दिल लगाया, लेकिन वे जम नहीं पाए। दरअसल, कॉलेज के दिनों में ही उन्हें फ़िल्मों का शौक़ हो गया था। इस शौक़ के तहत वे फ़िल्मों में काम भी करने लगे थे।[2]
पहली फ़िल्म
1971 में बनी फ़िल्म 'अनभावंगल पालिचकल' और 1973 में बनी फ़िल्म 'कालचक्रम' में वे ऐसी ही भूमिकाओं में नजर आए। उन्होंने अपना नाम भी बदला, लेकिन 1979 में बनी फ़िल्म 'देवलोक' में वे फिर से अपने सही नाम के साथ आए। इस फ़िल्म का निर्देशन एम.टी. वासुदेवन नायर ने किया था। लेकिन ममूटी की यह फ़िल्म रिलीज नहीं हो पाई थी। उनकी पहली फ़िल्म के जी. जार्ज निर्देशित 'मेला' मानी जा सकती है। इसके पहले की सारी फ़िल्मों में वे अपनी प्रतिभा के बावजूद पहचान में नहीं आ सके थे। फिर बीच का एक ऐसा दौर आया जब उन्होंने चंद सालों में ही 150 फ़िल्मों में काम किया। इनमें से 1986 में ही उनकी 35 फ़िल्में आई थीं। हिंदी फ़िल्मों के स्टार एक साल में इतनी फ़िल्मों की कल्पना ही नहीं कर सकते। ममूटी के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खूबसूरती है कि मलयाली के सुपरस्टार होने के बावजूद उन्होंने वहां की कला सिनेमा को भी प्रश्रय दिया। अडूर गोपालकृष्णन समेत सभी संवेदनशील डायरेक्टरों के साथ काम किया। हिंदी फ़िल्म प्रेमियों ने शायद मणिरत्नम की 'दलपति' और राजीव मेनन की 'कोदुकोंदेन कोदूकोंदेन' का नाम सुना होगा। ममूटी का महत्त्वपूर्ण और उल्लेखनीय योगदान 'बाबा साहेब अंबेडकर' है। 1999 में आई इस फ़िल्म में उन्होंने अंबेडकर की शीर्षक भूमिका निभाई। प्रोस्थेटिक मेकअप से उन्होंने अंबेडकर का रूप ग्रहण किया था। फ़िल्म में वे अपनी मुद्राओं और भंगिमाओं से जाहिर करते हैं कि वे अंबेडकर ही हैं। चूंकि हम अंबेडकर की चलती-फिरती और स्थिर छवियों से बखूबी परिचित हैं। [3]
जीवन दर्शन
मलयालम फ़िल्मों के सुपरस्टार ममूटी अपनी तुलना एक ऐसे मेहनती किसान से करते हैं जिसे अपने काम की चिंता रहती है और जो सर्वश्रेष्ठ मिलने की उम्मीद करता है। ममूटी ने कहा, "मैं एक किसान की तरह हूं। एक किसान हमेशा अपने खेत में कड़ी मेहनत करता है और उसकी प्रार्थना केवल यह होती है कि उसकी फसल बहुत अच्छी हो। इसी तरह मैं भी अपने काम में मेहनत करता हूं और किसान की तरह ही अच्छा होने की उम्मीद से इंतज़ार करता हूं।" ममूटी ने कहा, "किसी भी फ़िल्म की सफलता में हमेशा कई लोगों के प्रयासों का योगदान होता है। मैं इस विचार में भरोसा करता हूं कि कोई अच्छी फ़िल्म नहीं बना सकता यह बस अपने आप ही हो जाता है।" ममूटी ने कहा कि वह अपने आप को महान नहीं मानते इसलिए किसी भी फ़िल्म के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि वह फ़िल्मों का चुनाव करते समय सावधान रहते हैं। उनकी अगले साल भी चार या पांच फ़िल्में प्रदर्शित होंगी और उन सभी में ममूटी अलग-अलग तरह की भूमिकाएं निभाएंगे। [4]
पुलिस अधिकारी की भूमिका
मलयालम फ़िल्मों के सुपरस्टार ममूटी को पुलिस की भूमिका में हमेशा से दिलचस्पी रही है। इसी भूमिका ने उन्हें सुपरस्टार बनाया। अपने 25 वर्षों से भी अधिक लंबे फ़िल्मी करियर में वे कई बार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा चुके हैं। पुलिस अधिकारी के रूप में वह लगभग 25 भूमिकाएँ कर कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 80 के दशक में “यवनिका” फ़िल्म में पुलिस अधिकारी की भूमिका से ही उन्हें स्टार बनने का मौका मिला था। यही वह भूमिका है जिसने उनके करियर को ऊंचाई दी। जिस भी फ़िल्म में भी उन्होंने पुलिस की भूमिका निभाई, लोगों ने उस फ़िल्म को पसंद किया। [5]
हिंदी फ़िल्म
तीन 'राष्ट्रीय पुरस्कार' जीत चुके और बाबा साहेब अंबेडकर की भूमिका निभा चुके ममूटी ने दक्षिण के दूसरे पॉपुलर स्टारों की तरह हिंदी में ज्यादा फ़िल्में नहीं की हैं। उन्होंने हिंदी फ़िल्मों में धरतीपुत्र में काम किया था। उनकी एक-दो और हिंदी फ़िल्मों का जिक्र होता है, लेकिन वे नामालूम सी हैं।
पुरस्कार
तीन 'राष्ट्रीय पुरस्कारों' के साथ उन्होंने केरल सरकार के 'सात पुरस्कार' और 'फ़िल्मफेयर' के 11 पुरस्कार हासिल किए हैं। इस प्रतिष्ठा के बावजूद उनकी विनम्रता प्रभावित करती है। मलयालम फ़िल्म इंडस्ट्री के सबसे प्रख्यात अभिनेता ममूट्टी 360 फ़िल्मों में काम कर चुके हैं। ममूट्टी तीन बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीत चुके हैं जो कमल हसन और अमिताभ बच्चन के बराबर है। इसके अलावा ममूट्टी को केरल स्टेट फ़िल्म अवॉर्ड, 11 साउथ इंडियन फ़िल्मफेयर अवॉर्ड के अलावा भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
सम्मान
दक्षिण भारतीय फ़िल्मों के सुपर स्टार ममूटी को स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन लक्ष्मी सहगल और प्रख्यात इतिहासकार इरफान हबीब के साथ कालीकट विश्वविद्यालय में 'डी.लिट' की उपाधि से नवाजा गया। कालीकट विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं केरल के राज्यपाल आर.एस.गवई ने एक समारोह में यह उपाधि प्रदान की। समारोह को संबोधित करते हुये श्री ममूटी ने सम्मान के लिये आभार व्यक्त किया। [6]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ममूटी सबसे लोकप्रिय मलयाली (हिंदी) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 20 जुलाई, 2013।
- ↑ केरल के ममूटी (हिंदी) लाइव हिंदुस्तान। अभिगमन तिथि: 20 जुलाई, 2013।
- ↑ ममूटी (हिंदी) चवन्नी चैप। अभिगमन तिथि: 20 जुलाई, 2013।
- ↑ मेहनती किसान जैसा हूं मैं : ममूटी (हिंदी) वन इंडिया। अभिगमन तिथि: 20 जुलाई, 2013।
- ↑ दक्षिण भारतीय स्टार ममूटी का रेकॉर्ड (हिंदी) हिंदी इन। अभिगमन तिथि: 20 जुलाई, 2013।
- ↑ ममूटी, कैप्टन सहगल और हबीब को डी लिट की उपाघि से नवाजा गया (हिंदी) देशबंधु। अभिगमन तिथि: 20 जुलाई, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
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