शतानन्द: Difference between revisions
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'''शतानन्द''' [[जनक|विदेह जनक]] के [[पुरोहित]] का नाम था। ये [[अहल्या]] के गर्भ से उत्पन्न [[गौतम|गौतम ऋषि]] के पुत्र थे।<ref>[[वाल्मीकि रामायण]], बालकाण्ड 1.70</ref><ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=487|url=}}</ref> | '''शतानन्द''' [[जनक|विदेह जनक]] के [[पुरोहित]] का नाम था। ये [[अहल्या]] के गर्भ से उत्पन्न [[गौतम|गौतम ऋषि]] के पुत्र थे।<ref>[[वाल्मीकि रामायण]], बालकाण्ड 1.70</ref><ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=487|url=}}</ref> | ||
<blockquote>"शतानन्द तब वन्दि प्रभु बैठे गुरु पहँ | <blockquote>"शतानन्द तब वन्दि प्रभु बैठे गुरु पहँ जाय।" - तुलसी (रामायण)</blockquote> | ||
Latest revision as of 13:55, 14 May 2016
शतानन्द विदेह जनक के पुरोहित का नाम था। ये अहल्या के गर्भ से उत्पन्न गौतम ऋषि के पुत्र थे।[1][2]
"शतानन्द तब वन्दि प्रभु बैठे गुरु पहँ जाय।" - तुलसी (रामायण)
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टीका टिप्पणी
- ↑ वाल्मीकि रामायण, बालकाण्ड 1.70
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 487 |