सोना: Difference between revisions

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*सोना एक भारी धातु है, जिसका [[द्रवणांक]] (गलनांक), [[क्वथनांक]] तथा विशिष्ट घनत्व क्रमशः 1063° C, 2600° C तथा 19.3 होता है।
*सोना एक भारी धातु है, जिसका [[द्रवणांक]] (गलनांक), [[क्वथनांक]] तथा विशिष्ट घनत्व क्रमशः 1063° C, 2600° C तथा 19.3 होता है।
==रासायनिक गुण==
सोना वायु से कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। पोटैशियम सायनाइड या सोडियम सायनाइड में घुलकर यह पोटैशिय औरोसायनाइड या सोडियम औरोसायनाइड बनाता है। सोना क्षार के साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। सोना अम्लराज में घुलकर क्लोरोऑरिक अम्ल बनाता है।
==उपयोग==
#[[आभूषण|आभूषणों]] के निर्माण में
#सिक्कों के निर्माण में
#सोना के लवण फोटोग्राफी में काम आते हैं।
#विद्युत लेपन तथा स्वर्ण पत्र चढ़ाने में
#कोलायडी स्वर्ण काँच एवं चीनी उद्योग में प्रयुक्त होता है।
#स्वर्ण के वर्क/पतली पन्नी छपाई तथा औषधियों में प्रयोग किये जाते हैं।
==स्वर्ण की शुद्धता==
स्वर्ण की शुद्धता '''कैरेट''' में व्यक्त की जाती है। 100% शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है। 22 कैरेट स्वर्ण में 22 भाग सोना तथा शेष दो भाग [[ताँबा]] होता है। इसी प्रकार 20 कैरेट स्वर्ण में 20 भाग सोना तथा 4 भाग कॉपर (ताँबा) मिला होता है।
==सोने के यौगिक==
#'''ऑरिक क्लोराइड:''' सोने का उपयोग सर्प विषरोधी सूई बनाने में होता है।
#'''रोल्ड-गोल्ड:'''  इसे सोना का कृत्रिम रूप कहा जाता है। यह 90% Cu तथा 10-%Al का [[मिश्रण]] होता है, जो देखने में सोना सदृश लगता है। सोने का उपयोग सस्ते आभूषणों के निर्माण में होता है।
#'''आयरन पायराइट्स:''' इसे झूठा सोना या बेवकूफों का सोना भी कहते हैं।


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Revision as of 18:48, 4 March 2011

(अंग्रेज़ी:Gold) सोना का प्रतीकानुसार 'Au' तथा परमाणु संख्या 79 होती है। इसका परमाणु भार 197 होता है। सोने का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2, 2s2 2p6, 3s2 3p6 3d10, 4s2 4p6 4d10 4f14, 5s2 3p6 5d10, 6s1 है।

प्राप्ति

प्रकृति में सोना मुक्त अवस्था और संयुक्त अवस्था दोनों में पाया जाता है। यह प्रायः क्वार्ट्ज के रूप में पाया जाता है। विश्व में सोना मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, रूस एवं आस्ट्रेलिया में पाया जाता है। संसार के कुल स्वर्ण उत्पादन का लगभग 2% भारत में उत्पादित होता है। भारत विश्व का सबसे बड़ा स्वर्ण उपभोक्ता वाला देश है।

निष्कर्षण

सोना का निष्कर्षण मुख्यतः केलावेराइट और सिल्वेनाइट अयस्क से किया जाता है।

भौतिक गुण

  • सोना एक कोमल, आघातवर्ध्य, तन्य चमकदार पीले रंग की धातु है। सोना सबसे आघातवद्धर्य धातु है।
  • सोना ऊष्मा और विद्युत का सुचालक होती है।
  • सोना एक भारी धातु है, जिसका द्रवणांक (गलनांक), क्वथनांक तथा विशिष्ट घनत्व क्रमशः 1063° C, 2600° C तथा 19.3 होता है।

रासायनिक गुण

सोना वायु से कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। पोटैशियम सायनाइड या सोडियम सायनाइड में घुलकर यह पोटैशिय औरोसायनाइड या सोडियम औरोसायनाइड बनाता है। सोना क्षार के साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। सोना अम्लराज में घुलकर क्लोरोऑरिक अम्ल बनाता है।

उपयोग

  1. आभूषणों के निर्माण में
  2. सिक्कों के निर्माण में
  3. सोना के लवण फोटोग्राफी में काम आते हैं।
  4. विद्युत लेपन तथा स्वर्ण पत्र चढ़ाने में
  5. कोलायडी स्वर्ण काँच एवं चीनी उद्योग में प्रयुक्त होता है।
  6. स्वर्ण के वर्क/पतली पन्नी छपाई तथा औषधियों में प्रयोग किये जाते हैं।

स्वर्ण की शुद्धता

स्वर्ण की शुद्धता कैरेट में व्यक्त की जाती है। 100% शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है। 22 कैरेट स्वर्ण में 22 भाग सोना तथा शेष दो भाग ताँबा होता है। इसी प्रकार 20 कैरेट स्वर्ण में 20 भाग सोना तथा 4 भाग कॉपर (ताँबा) मिला होता है।

सोने के यौगिक

  1. ऑरिक क्लोराइड: सोने का उपयोग सर्प विषरोधी सूई बनाने में होता है।
  2. रोल्ड-गोल्ड: इसे सोना का कृत्रिम रूप कहा जाता है। यह 90% Cu तथा 10-%Al का मिश्रण होता है, जो देखने में सोना सदृश लगता है। सोने का उपयोग सस्ते आभूषणों के निर्माण में होता है।
  3. आयरन पायराइट्स: इसे झूठा सोना या बेवकूफों का सोना भी कहते हैं।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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