अप्पा साहब: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
Line 15: | Line 15: | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category:मराठा साम्राज्य]] | [[Category:मराठा साम्राज्य]] | ||
[[Category:औपनिवेशिक काल]] | [[Category:औपनिवेशिक काल]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 13:21, 24 March 2011
अप्पा साहब भोंसला राजा रघुजी द्वितीय (1788-1816 ई.) के छोटे भाई व्यांकोजी का पुत्र था। रघुजी द्वितीय की 1816 ई. में मृत्यु होने पर उसका नाबालिग लड़का परसोजी, जो भोंदू क़िस्म का था, गद्दी पर बैठा। अप्पा साहब उसका संरक्षक नियुक्त किया गया। अप्पा साहब ने अपनी शक्ति दृढ़ करने के लिए मई 1816 ई. में अंग्रेज़ों से आश्रित सन्धि कर ली। इस प्रकार नागपुर राज्य, जिसने रघुजी भोंसला द्वितीय के राज्यकाल में अंग्रेज़ों से इस प्रकार की सन्धि करने से इंकार कर दिया था, उसकी स्वतंत्रता अप्पा साहब के शासनकाल में समाप्त हो गई। लेकिन जब पेशवा बाजीराव द्वितीय ने 1817 ई. में अंग्रेज़ों के विरुद्ध शस्त्र उठाया तो अप्पा साहब ने भी उसका साथ दिया। अंग्रेज़ों ने नवम्बर 1817 ई. में उसकी सेना को सीताबल्डी की लड़ाई में पराजित कर दिया। अप्पा साहब पहले पंजाब भाग गया और बाद में जोधपुर चला गया जहाँ 1840 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
|
|
|
|
|