हर्ष गुप्त: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 6: Line 6:
*हर्ष गुप्त की बहन का [[विवाह]] [[मौखरि वंश|मौखरी]] नरेश आदित्यवर्मा के साथ हुआ था। इस प्रकार हर्ष गुप्त के शासनकाल में उत्तर गुप्त एवं मौखरी राजकुलों के पारस्परिक सम्बन्ध मित्रतापूर्ण दिखाई देते हैं।  
*हर्ष गुप्त की बहन का [[विवाह]] [[मौखरि वंश|मौखरी]] नरेश आदित्यवर्मा के साथ हुआ था। इस प्रकार हर्ष गुप्त के शासनकाल में उत्तर गुप्त एवं मौखरी राजकुलों के पारस्परिक सम्बन्ध मित्रतापूर्ण दिखाई देते हैं।  
*वस्तुतः ये दोनों ही राजकुल विकासोन्मुख थे। अपनी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए ये परस्पर सहयोगी बनें और मैत्री सम्बन्ध को सु़दृढ़ करने के लिए वैवाहिक सम्बन्ध का आश्रय लिया।
*वस्तुतः ये दोनों ही राजकुल विकासोन्मुख थे। अपनी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए ये परस्पर सहयोगी बनें और मैत्री सम्बन्ध को सु़दृढ़ करने के लिए वैवाहिक सम्बन्ध का आश्रय लिया।
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==

Revision as of 12:42, 16 June 2011

  • कृष्ण गुप्त का उत्तराधिकारी उसका पुत्र हर्ष गुप्त था।
  • इसका शासनकाल लगभग 500 ईस्वी से 520 ईस्वी तक था।
  • अफसढ़ अभिलेख में कहा गया है कि इसने अनेक दुधर्ष युद्धों में विजय प्राप्त की था। इसका शासन काल भी हूणों के आक्रमण के कारण उथल-पुथल का काल था। यह हूण आक्रान्ता तोरमाण और उसके पुत्र मिहिरकुल दोनों का समकालीन था। इस समय गुप्त सम्राट नरसिंह गुप्त बालादित्य हूणों के साथ संघर्ष में उलझा हुआ था।
  • कुछ विद्वानों का यह मानना है कि नरसिंह गुप्त का शासन मगध क्षेत्र में ही सीमित था, जबकि बंगाल के क्षेत्र में कदाचित वैन्य गुप्त ने अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित कर लिया था तथा मालवा क्षेत्र में सम्भवतः भानु गुप्त हूणों के विरुद्ध संघर्षरत था।
  • अफसढ़ अभिलेख में हर्ष गुप्त के लिए स्वतंत्र शासक के लिए प्रयुक्त होने वाली किसी उपाधि का प्रयोग नहीं है। अतः उसकी स्थिति एक सामन्त की ही प्रतीत होती है। यह कहना कठिन है कि वह तत्कालीन गुप्त सम्राट नरसिंह गुप्त बालादित्य अथवा भानु गुप्त के अधीन शासन कर रहा था या उसने हूणों की अधिसत्ता स्वीकार कर ली थी। यह भी सम्भावना व्यक्त की गयी है कि वह मालवा के यशोवर्मन का भी समकालीन था। किंतु दोनों के पारस्परिक सम्बन्ध के विषय में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।
  • हर्ष गुप्त की बहन का विवाह मौखरी नरेश आदित्यवर्मा के साथ हुआ था। इस प्रकार हर्ष गुप्त के शासनकाल में उत्तर गुप्त एवं मौखरी राजकुलों के पारस्परिक सम्बन्ध मित्रतापूर्ण दिखाई देते हैं।
  • वस्तुतः ये दोनों ही राजकुल विकासोन्मुख थे। अपनी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए ये परस्पर सहयोगी बनें और मैत्री सम्बन्ध को सु़दृढ़ करने के लिए वैवाहिक सम्बन्ध का आश्रय लिया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख