सीतापुर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} सीतापुर नगर उपर्युक्त ज़िले का प्रशासन...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replace - "कारखाना" to "कारख़ाना")
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{पुनरीक्षण}}
सीतापुर नगर उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है जो [[लखनऊ]] एवं [[शाहजहाँपुर]] मार्ग के मध्य में सरायान नदी के किनारे पर स्थित है। सीतापुर नगर में [[भारत]] प्रसिद्ध नेत्र अस्पताल है नगर में प्लाइउड का निर्माण का एक कारखाना भी है।
सीतापुर नगर उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है जो [[लखनऊ]] एवं [[शाहजहाँपुर]] मार्ग के मध्य में सरायान नदी के किनारे पर स्थित है। सीतापुर नगर में [[भारत]] प्रसिद्ध नेत्र अस्पताल है नगर में प्लाइउड का निर्माण का एक कारख़ाना भी है।


कुषण काल की संध्या में प्राय: संपूर्ण ज़िला भारशिव काल की इमारतों और गुप्त तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, हरगाँव, बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। नैमिष और मिसरिख पवित्र तीर्थ स्थल हैं।
कुषण काल की संध्या में प्राय: संपूर्ण ज़िला भारशिव काल की इमारतों और गुप्त तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, हरगाँव, बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। नैमिष और मिसरिख पवित्र तीर्थ स्थल हैं।

Revision as of 12:14, 27 August 2011

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

सीतापुर नगर उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है जो लखनऊ एवं शाहजहाँपुर मार्ग के मध्य में सरायान नदी के किनारे पर स्थित है। सीतापुर नगर में भारत प्रसिद्ध नेत्र अस्पताल है नगर में प्लाइउड का निर्माण का एक कारख़ाना भी है।

कुषण काल की संध्या में प्राय: संपूर्ण ज़िला भारशिव काल की इमारतों और गुप्त तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, हरगाँव, बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। नैमिष और मिसरिख पवित्र तीर्थ स्थल हैं।

इतिहास

प्रारंभिक मुस्लिम काल के लक्षण केवल भग्न हिंदू मंदिरों और मूर्तियों के रूप में ही उपलब्ध हैं। इस युग के ऐतिहासिक प्रमाण शेरशाह द्वारा निर्मित कुओं और सड़कों के रूप में दिखाई देते हैं। उस युग की मुख्य घटनाओं में से एक तो खैराबाद के निकट हुमायूँ और शेरशाह के बीच और दूसरी सुहेलदेव और सैयद सालार के बीच बिसवाँ और तंबौर के युद्ध हैं। सीतापुर के निकट स्थित खैराबाद मूलत: प्राचीन हिंदू तीर्थ मानसछत्र था। मुस्लिम काल में खैराबाद बाड़ी, बिसवाँ इत्यादि इस ज़िले के प्रमुख नगर थे। ब्रिटिश काल (1856) में खैराबाद छोड़कर ज़िले का केंद्र सीतापुर नगर में बनाया गया। सीतापुर का तरीनपुर मोहल्ला प्राचीन स्थान है।

सीतापुर का प्रथम उल्लेख राजा टोडरमल के बंदोबस्त में छितियापुर के नाम से आता है। बहुत दिन तक इसे छीतापुर कहा जाता रहा, जो गाँवों में अब भी प्रचलित हैं। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में सीतापुर का प्रमुख हाथ था। बाड़ी के निकट सर हीपग्रांट तथा फैजाबाद के मौलवी के बीच निर्णंयात्मक युद्ध हुआ था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख