चांदी: Difference between revisions

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'''चांदी''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Silver) सिल्वर ग्लाम्स, स्टीफैनाइट, रूबी सिल्वर, हार्न सिल्वर आदि चांदी के प्रमुख अयस्क हैं।
'''चांदी''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Silver) [[आवर्त सारणी]] का एक [[तत्व]] है। चांदी का प्रतीकानुसार 'Ag', [[परमाणु संख्या]] 47 है। चांदी का [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]]- 1s<sup>2</sup>, 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup>, 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> 3d<sup>10</sup>, 4s<sup>2</sup> 4p<sup>6</sup> 4d<sup>10</sup> 5s<sup>1</sup>  है। चांदी सामान्यतया [[जस्ता]], [[ताँबा]], [[सीसा]], अथवा [[सोना|सोने]] के साथ पायी जाती है।
*इन अयस्कों से चांदी का निष्कर्षण, अमल, गमन, लेड व साइआनाइड प्रक्रमों के द्वारा किया जाता है।  
==भौतिक गुण==
*चांदी [[ऊष्मा]] व [[विद्युत]] की सबसे अच्छी सुचालक [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] चमकदार [[धातु]] है।  
*चांदी [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] चमकदार [[धातु]] है।  
*चांदी [[ऊष्मा]] व [[विद्युत]] की सबसे अच्छी सुचालक है।
*चांदी का [[परमाणु भार]] 107.88, विशिष्ट [[घनत्व]] 10.55 से 9.87 तक, विशिष्ट [[ऊष्मा]] लगभग 0.56 तथा रेखीय प्रसारगुणक 1° से 100° सें. के बीच 0.0000194 है।
==चांदी का उपयोग==
*चांदी का उपयोग सिक्के व [[आभूषण]] बनाने में, बर्तनों में चढ़ाने में, सिल्वर ब्रोमाइड (फोटोग्राफी में) बनाने में किया जाता है।  
*चांदी का उपयोग सिक्के व [[आभूषण]] बनाने में, बर्तनों में चढ़ाने में, सिल्वर ब्रोमाइड (फोटोग्राफी में) बनाने में किया जाता है।  
*चांदी के द्वारा अमलगम बना कर इससे दर्पण बनाये जाते हैं व [[दाँत|दाँतों]] में भरने के काम आता है।  
*चांदी के द्वारा अमलगम बना कर इससे दर्पण बनाये जाते हैं व [[दाँत|दाँतों]] में भरने के काम आता है।  
*चांदी से बनी [[मिश्रधातु|मिश्रधातुयें]] अत्यधिक उपयोगी होती हैं।  
*चांदी से बनी [[मिश्रधातु|मिश्रधातुयें]] अत्यधिक उपयोगी होती हैं।  


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==सीसा अयस्क==
सिल्वर ग्लाम्स, स्टीफैनाइट, रूबी सिल्वर, हार्न सिल्वर, अर्जेण्टाइट, पायराजाइराइट तथा औस्टाइट आदि चांदी के प्रमुख अयस्क हैं। इन अयस्कों से चांदी का निष्कर्षण, अमल, गमन, लेड व साइआनाइड प्रक्रमों के द्वारा किया जाता है।
==उत्पादन==
[[भारत]] में इसक बहुत कम उत्पादन होता है। आवश्यकता पूर्ति के लिए बेल्जियम, [[ब्रिटेन]], [[इटली]], पश्चिमी जर्मनी आदि देशों से इसका आयात करना पड़ता हैं इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं- [[राजस्थान]] में जावर माइन्स, [[कर्नाटक]] में [[चित्रदुर्ग ज़िला|चित्रदुर्ग]] तथा बेलारी ज़िले, [[आन्ध्र प्रदेश]] में [[कडपा ज़िला|कडपा]], [[गुंटूर ज़िला|गुंटूर]] तथा [[कुरनूल ज़िला|कुरनूल]] ज़िले, [[झारखण्ड]] में संथाल परगना तथा [[उत्तराखण्ड]] में [[अल्मोड़ा ज़िला|अल्मोड़ा]]। पहले इसका [[उत्खनन]] [[तमिलनाडु]] के अन्नतपुर में भी किया जाता था जो अब समाप्त हो गया है। [[1999]]-[[2000]] के दौरान देश में कुल 53641 किग्रा. चांदी का उत्पादन हुआ।
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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Revision as of 09:27, 28 April 2012

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चांदी (अंग्रेज़ी:Silver) आवर्त सारणी का एक तत्व है। चांदी का प्रतीकानुसार 'Ag', परमाणु संख्या 47 है। चांदी का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास- 1s2, 2s2 2p6, 3s2 3p6 3d10, 4s2 4p6 4d10 5s1 है। चांदी सामान्यतया जस्ता, ताँबा, सीसा, अथवा सोने के साथ पायी जाती है।

भौतिक गुण

चांदी का उपयोग

  • चांदी का उपयोग सिक्के व आभूषण बनाने में, बर्तनों में चढ़ाने में, सिल्वर ब्रोमाइड (फोटोग्राफी में) बनाने में किया जाता है।
  • चांदी के द्वारा अमलगम बना कर इससे दर्पण बनाये जाते हैं व दाँतों में भरने के काम आता है।
  • चांदी से बनी मिश्रधातुयें अत्यधिक उपयोगी होती हैं।

सीसा अयस्क

सिल्वर ग्लाम्स, स्टीफैनाइट, रूबी सिल्वर, हार्न सिल्वर, अर्जेण्टाइट, पायराजाइराइट तथा औस्टाइट आदि चांदी के प्रमुख अयस्क हैं। इन अयस्कों से चांदी का निष्कर्षण, अमल, गमन, लेड व साइआनाइड प्रक्रमों के द्वारा किया जाता है।

उत्पादन

भारत में इसक बहुत कम उत्पादन होता है। आवश्यकता पूर्ति के लिए बेल्जियम, ब्रिटेन, इटली, पश्चिमी जर्मनी आदि देशों से इसका आयात करना पड़ता हैं इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं- राजस्थान में जावर माइन्स, कर्नाटक में चित्रदुर्ग तथा बेलारी ज़िले, आन्ध्र प्रदेश में कडपा, गुंटूर तथा कुरनूल ज़िले, झारखण्ड में संथाल परगना तथा उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा। पहले इसका उत्खनन तमिलनाडु के अन्नतपुर में भी किया जाता था जो अब समाप्त हो गया है। 1999-2000 के दौरान देश में कुल 53641 किग्रा. चांदी का उत्पादन हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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