सिद्धान्त चन्द्रिकावृत्ति: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (Text replace - "{{Menu}}" to "") |
m (Text replace - "Category: पौराणिक ग्रन्थ" to "") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
[[Category: कोश]] | [[Category: कोश]] | ||
[[Category:वैशेषिक दर्शन]] | [[Category:वैशेषिक दर्शन]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 10:15, 25 March 2010
गंगाधर सूरि रचित सिद्धान्त चन्द्रिका वृत्ति
- बाधूल गोत्रोत्पन्न, देवसिंह मखि के पुत्र, विश्वरूपयति के शिष्य, भास्कर राय के गुरु तथा तञ्जाउर-अधीश शाह जी नृपति के समकालीन, गंगाधर वाजपेयी नाम से प्रसिद्ध, गंगाधर सूरि (1650 ई.) द्वारा सिद्धान्त चन्द्रिका नामक वृत्ति की रचना की गई।<balloon title="सिद्धान्तचन्द्रिकावृत्ति विरुवनन्तपुरम् पुस्तकमाला टी-एस-एस-25 में मुद्रित है" style=color:blue>*</balloon> इसकी एक व्याख्या प्रसादाख्या भी मूलकार के द्वारा रचित है।<balloon title="प्रसादाख्या व्याख्या की पाण्डुलिपि आड्यार पुस्तकालय तथा मद्रास राजकीय पुस्तकालय में उपलब्ध है" style=color:blue>*</balloon>