स्थलमण्डल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
'''स्थलमण्डल''' भूपृष्ठ पर पाए जाने वाले ठोस शैल पदार्थों की परतें हैं। यह जीवमण्डल का महत्त्वपूर्ण भाग है। इसका निर्माण [[तत्व|तत्वों]], [[खनिज|खनिजों]], शैलों तथा [[मिट्टी]] से हुआ है। तत्व शुद्ध पदार्थ है जिसके अन्तर्गत [[लोहा]], [[तांबा]], [[निकल]], [[सोना]], [[चांदी]], [[हाइड्रोजन]], [[ऑक्सीजन]], [[नाइट्रोजन]], [[कार्बन]] आदि आते हैं। खनिजों में [[बॉक्साइट]], [[डोलोमाइट]], हेमेटाइट, फेलस्पार आदि आते हैं। शैलों के रूप में आग्नेय शैल, अवसादी शैल, रूपांतरित शैल तथा मिट्टी के रूप में [[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ ]], दोमट, [[लैटेराइट मिट्टी]] आदि शामिल है।
'''स्थलमण्डल''' भूपृष्ठ पर पाए जाने वाले ठोस शैल पदार्थों की परतें हैं। यह जीवमण्डल का महत्त्वपूर्ण भाग है। इसका निर्माण [[तत्व|तत्वों]], [[खनिज|खनिजों]], शैलों तथा [[मिट्टी]] से हुआ है। तत्व शुद्ध पदार्थ है जिसके अन्तर्गत [[लोहा]], [[तांबा]], [[निकिल]], [[सोना]], [[चांदी]], [[हाइड्रोजन]], [[ऑक्सीजन]], [[नाइट्रोजन]], [[कार्बन]] आदि आते हैं। खनिजों में [[बॉक्साइट]], [[डोलोमाइट]], हेमेटाइट, फेलस्पार आदि आते हैं। शैलों के रूप में आग्नेय शैल, अवसादी शैल, रूपांतरित शैल तथा मिट्टी के रूप में [[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ ]], [[दोमट मिट्टी|दोमट]], [[लैटेराइट मिट्टी]] आदि शामिल हैं।
==स्थलमण्डल का क्षेत्रफल==
==स्थलमण्डल का क्षेत्रफल==
स्थलमण्डल सम्पूर्ण [[पृथ्वी]] के क्षेत्रफल का 29% है। पृथ्वी के अन्दर तीन मण्डल पाए जाते हैं। ऊपरी मण्डल को भूपर्पटी अथवा क्रस्ट कहा जाता है। इसकी मोटाई 30 से 100 किमी तक होती है। [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] में इसकी मोटाई अधिक जबकि [[महासागर|महासागरों]] में या तो क्रस्ट होती ही नहीं अगर होती है तो बहुत पतली होती है। क्रस्ट का ऊपरी भाग स्थलमण्डल का प्रतिनिधित्व करता है। जिन पदार्थों से क्रस्ट का निर्माण होता है वे जैव समुदाय के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। क्रस्ट का निर्माण मुख्यतः लोहा, ऑक्सीजन, [[सिलिकॉन]], [[मैग्नीशियम]], निकिल, [[गंधक]], [[कैल्शियम]] तथा [[ऐलुमिनियम]] से होता है। क्रस्ट में एल्युमिनियम तथा सिलिका की मात्रा अधिक होती है। क्रस्ट के नीचे के दूसरे मण्डल को मैण्टिल कहा जाता है जिसकी निचली सीमा 2900 किमी से पृथ्वी के केन्द्र तक है।
स्थलमण्डल सम्पूर्ण [[पृथ्वी]] के क्षेत्रफल का 29% है। पृथ्वी के अन्दर तीन मण्डल पाए जाते हैं। ऊपरी मण्डल को भूपर्पटी अथवा क्रस्ट कहा जाता है। इसकी मोटाई 30 से 100 कि.मी. तक होती है। [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] में इसकी मोटाई अधिक है जबकि [[महासागर|महासागरों]] में या तो क्रस्ट होती ही नहीं, अगर होती है तो बहुत पतली होती है। क्रस्ट का ऊपरी भाग स्थलमण्डल का प्रतिनिधित्व करता है। जिन पदार्थों से क्रस्ट का निर्माण होता है वे जैव समुदाय के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। क्रस्ट का निर्माण मुख्यतः लोहा, ऑक्सीजन, [[सिलिकॉन]], [[मैग्नीशियम]], निकिल, [[गंधक]], [[कैल्शियम]] तथा [[ऐलुमिनियम]] से होता है। क्रस्ट में [[एल्युमिनियम]] तथा सिलिका की मात्रा अधिक होती है। क्रस्ट के नीचे के दूसरे मण्डल को मैण्टिल कहा जाता है जिसकी निचली सीमा 2900 किमी से पृथ्वी के केन्द्र तक है।


{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 11:08, 2 February 2018

स्थलमण्डल भूपृष्ठ पर पाए जाने वाले ठोस शैल पदार्थों की परतें हैं। यह जीवमण्डल का महत्त्वपूर्ण भाग है। इसका निर्माण तत्वों, खनिजों, शैलों तथा मिट्टी से हुआ है। तत्व शुद्ध पदार्थ है जिसके अन्तर्गत लोहा, तांबा, निकिल, सोना, चांदी, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन आदि आते हैं। खनिजों में बॉक्साइट, डोलोमाइट, हेमेटाइट, फेलस्पार आदि आते हैं। शैलों के रूप में आग्नेय शैल, अवसादी शैल, रूपांतरित शैल तथा मिट्टी के रूप में जलोढ़ , दोमट, लैटेराइट मिट्टी आदि शामिल हैं।

स्थलमण्डल का क्षेत्रफल

स्थलमण्डल सम्पूर्ण पृथ्वी के क्षेत्रफल का 29% है। पृथ्वी के अन्दर तीन मण्डल पाए जाते हैं। ऊपरी मण्डल को भूपर्पटी अथवा क्रस्ट कहा जाता है। इसकी मोटाई 30 से 100 कि.मी. तक होती है। महाद्वीपों में इसकी मोटाई अधिक है जबकि महासागरों में या तो क्रस्ट होती ही नहीं, अगर होती है तो बहुत पतली होती है। क्रस्ट का ऊपरी भाग स्थलमण्डल का प्रतिनिधित्व करता है। जिन पदार्थों से क्रस्ट का निर्माण होता है वे जैव समुदाय के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। क्रस्ट का निर्माण मुख्यतः लोहा, ऑक्सीजन, सिलिकॉन, मैग्नीशियम, निकिल, गंधक, कैल्शियम तथा ऐलुमिनियम से होता है। क्रस्ट में एल्युमिनियम तथा सिलिका की मात्रा अधिक होती है। क्रस्ट के नीचे के दूसरे मण्डल को मैण्टिल कहा जाता है जिसकी निचली सीमा 2900 किमी से पृथ्वी के केन्द्र तक है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख