कचलू: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
'''कचलू''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] (देशज)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=737|url=|ISBN=}}</ref> | '''कचलू''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] (देशज)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=737|url=|ISBN=}}</ref> | ||
एक पहाड़ी पेड़। | *एक पहाड़ी पेड़। | ||
विशेष- इसकी कई जातियों होती हैं। | '''विशेष''' - इसकी कई जातियों होती हैं। [[हिंदुस्तान]] में इसके चौदह भेद मिलते हैं जिनकी पहचान केवल पत्तियों से होती है, [[लकड़ी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान|लकड़ियों]] में कुछ भेद नहीं होता। इसकी लकड़ी [[सफेद रंग|सफेद]], चमकदार और कड़ी होती है। प्रति घनफूट 21 सेर वजन में होती है। यह पेड़ [[यमुना]] के पूर्व में [[हिमालय पर्वत]] पर 5000 से 6000 फुट की ऊंचाई तक पाया जाता है। [[पेड़]] देखने में बहुत सुंदर होता है। इसकी पत्तियों [[शिशिर]] में झर जाती हैं और [[बसंत ऋतु|बसंत]] से पहले निकल आती हैं। इसके तख़्ते मकानों में लगते हैं और [[चाय]] के संदूक बनाने के काम में आते हैं। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Latest revision as of 09:49, 8 November 2021
कचलू - संज्ञा पुल्लिंग (देशज)[1]
- एक पहाड़ी पेड़।
विशेष - इसकी कई जातियों होती हैं। हिंदुस्तान में इसके चौदह भेद मिलते हैं जिनकी पहचान केवल पत्तियों से होती है, लकड़ियों में कुछ भेद नहीं होता। इसकी लकड़ी सफेद, चमकदार और कड़ी होती है। प्रति घनफूट 21 सेर वजन में होती है। यह पेड़ यमुना के पूर्व में हिमालय पर्वत पर 5000 से 6000 फुट की ऊंचाई तक पाया जाता है। पेड़ देखने में बहुत सुंदर होता है। इसकी पत्तियों शिशिर में झर जाती हैं और बसंत से पहले निकल आती हैं। इसके तख़्ते मकानों में लगते हैं और चाय के संदूक बनाने के काम में आते हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 737 |
संबंधित लेख