अशोक स्तम्भ इलाहाबाद

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:51, 14 February 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "तुग़लक " to "तुग़लक़ ")
Jump to navigation Jump to search
  • अशोक स्‍तम्‍भ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर मे स्थित है।
  • इलाहाबाद क़िले के मुख्य द्वार पर स्थित 10.6 मीतर की ऊँचाई का यह स्तम्भ 232 ई.पू. के समय का है।
  • अशोक स्तम्भ पर तीन शासकों के लेख खुदे हुए हैं। यह पुरातात्विक समय का उत्कृष्ट नमूना है।
  • भारतीय इतिहास के प्राचीन बौद्ध काल में प्रयाग की महत्ता का प्रमाण अशोक स्तंभ के ऊपर उत्कीर्ण अभिलेखों से भी मिलता है, जो आज भी प्राचीन इलाहाबाद क़िले के मुख्य द्वार के भीतर मौजूद है।
  • 200 ई. में समुद्रगुप्त इसे कौशाम्बी से प्रयाग लाया और उसके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग-प्रशस्ति इस पर ख़ुदवाया गया।
  • कालान्तर में 1605 ई. में इस स्तम्भ पर मुग़ल सम्राट जहाँगीर के तख़्त पर बैठने का वाकया भी ख़ुदवाया गया।
  • 1800 ई. में किले की प्राचीर सीधी बनाने हेतु इस स्तम्भ को गिरा दिया गया और 1838 में अंग्रेज़ों ने इसे पुनः खड़ा किया।[1]

भारतीय पुरालिपियों का अन्वेषण

दिल्ली के सुल्तान फ़िरोज़शाह तुग़लक़ (1351-1388) ने 1356 में टोपरा (अम्बाला ज़िला, हरियाणा) तथा मेरठ से अशोक के दो स्तम्भ बड़ी मेहनत से मंगवाकर दिल्ली में खड़े करवाए थे। ये स्तम्भ कितने परिश्रम और उत्साह से दिल्ली लाए गए थे, इसका विवरण फ़िरोज़ के अपने दरबारी इतिहासकार शम्स-इ-शीराज ने ‘तारीख़-इ-फ़िरोज़शाह’ में दिया है। इनमें से एक स्तम्भ फ़िरोज़शाह के कोटले में और दूसरा ‘कुश्क शिकार’ (शिकार का महल) के पास खड़ा करवाया गया था। कोरयट के भी पहले विलियम फ़िच (यात्राकालः 1608-1611) ने दिल्ली और प्रयाग के अशोक स्तम्भों को देखा था। उसने अपने यात्रा ग्रन्थ में उनका विवरण भी दिया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. तीर्थराज प्रयाग: इतिहास के आईने में (हिन्दी) सृजनगाथा। अभिगमन तिथि: 27 दिसंबर, 2010

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः