वीरक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:24, 13 October 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "संबधित" to "संबंधित")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

वीरक नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ महाभारत, कर्णपर्व में हुआ है-

'कारस्करान्माहिष्कान् कुरंडान् केरलांस्तया, ककाटकान् वीरकांश्च दुधर्मांश्च विवर्जयेत।'[1]

  • उपरोक्त उल्लेख में वर्णित जनपदों के निवासियों को महाभारत के समय दूषित समझा जाता था, क्योंकि संभवतः ये लोग अनार्य जातयों से संबंधित थे। प्रसंगानुसार 'वीरक' दक्षिण भारत का कोई जनपद जान पड़ता है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, कर्णपर्व 44,43
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 866 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः