कंठ

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कंठ - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्ठ) (विशेषण कंठ्य)[1]

1. गला। टेंटुआ।

उदाहरण-

मेली कंठ सुमन की माला। - मानस[2]


यौगिक - कंठमाला।

मुहावरा-

कंठ सूखना = प्यास से गला सूखना।

2. गले की वे नलियाँ जिनसे भोजन नीचे उतरता है और आवाज निकलती है। घाँटी।


यौगिक - कंठस्थ। कंठाग्र।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 721 |
  2. रामचरितमानस, 4।8, सम्पादक शंभूनारायण चौबे, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण

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