बढ़ार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

गावों में विवाह के दौरान बारात जब अगले दिन सुबह विदा न होकर एक दिन और रुकती है तो वह बढ़ार कहलाती है, उसे बारात की दावत न कहकर बढ़ार की दावत कहते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी की फ़ेसबुक वॉल से उद्धृत

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः