अम्बिकावन: Difference between revisions
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'''अम्बिकावन''' का उल्लेख [[पुराण|पुराणों]] में कई स्थानों पर हुआ है। इस वन के विषय में यह कहा गया है कि यहाँ जो भी पुरुष जाता है, वह स्त्री हो जाता है। यह 'इलावृत्तखण्ड' में स्थित बताया गया है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=6|url=}}</ref> | '''अम्बिकावन''' का उल्लेख [[पुराण|पुराणों]] में कई स्थानों पर हुआ है। इस वन के विषय में यह कहा गया है कि यहाँ जो भी पुरुष जाता है, वह स्त्री हो जाता है। यह 'इलावृत्तखण्ड' में स्थित बताया गया है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=6|url=}}</ref> | ||
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चित्र:Disamb2.jpg अम्बिकावन | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अम्बिकावन (बहुविकल्पी) |
अम्बिकावन का उल्लेख पुराणों में कई स्थानों पर हुआ है। इस वन के विषय में यह कहा गया है कि यहाँ जो भी पुरुष जाता है, वह स्त्री हो जाता है। यह 'इलावृत्तखण्ड' में स्थित बताया गया है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 6 |