अशोक स्तम्भ इलाहाबाद: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - " आईने " to " आइने ")
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 26: Line 26:
*200 ई. में [[समुद्रगुप्त]] इसे कौशाम्बी से [[प्रयाग]] लाया और उसके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग-प्रशस्ति इस पर ख़ुदवाया गया।  
*200 ई. में [[समुद्रगुप्त]] इसे कौशाम्बी से [[प्रयाग]] लाया और उसके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग-प्रशस्ति इस पर ख़ुदवाया गया।  
*कालान्तर में 1605 ई. में इस स्तम्भ पर [[मुग़ल]] सम्राट [[जहाँगीर]] के तख़्त पर बैठने का वाकया भी ख़ुदवाया गया।  
*कालान्तर में 1605 ई. में इस स्तम्भ पर [[मुग़ल]] सम्राट [[जहाँगीर]] के तख़्त पर बैठने का वाकया भी ख़ुदवाया गया।  
*1800 ई. में किले की प्राचीर सीधी बनाने हेतु इस स्तम्भ को गिरा दिया गया और 1838 में अंग्रेज़ों ने इसे पुनः खड़ा किया।<ref>{{cite web |url=http://www.srijangatha.com/Itihaas-2Apr_2k10 |title=तीर्थराज प्रयाग: इतिहास के आईने में |accessmonthday=[[27 दिसंबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=सृजनगाथा |language=[[हिन्दी]] }}</ref>  
*1800 ई. में किले की प्राचीर सीधी बनाने हेतु इस स्तम्भ को गिरा दिया गया और 1838 में अंग्रेज़ों ने इसे पुनः खड़ा किया।<ref>{{cite web |url=http://www.srijangatha.com/Itihaas-2Apr_2k10 |title=तीर्थराज प्रयाग: इतिहास के आइने में |accessmonthday=[[27 दिसंबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=सृजनगाथा |language=[[हिन्दी]] }}</ref>  
==भारतीय पुरालिपियों का अन्वेषण==
==भारतीय पुरालिपियों का अन्वेषण==
{{मुख्य|भारतीय पुरालिपियों का अन्वेषण}}
{{मुख्य|भारतीय पुरालिपियों का अन्वेषण}}
Line 36: Line 36:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
{{अशोक स्तम्भ}}{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
[[Category:उत्तर_प्रदेश]]
[[Category:उत्तर_प्रदेश]]
[[Category:अशोक स्तम्भ]]
[[Category:उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल]]
[[Category:उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल]]
[[Category:इलाहाबाद]]
[[Category:इलाहाबाद]]
[[Category:पर्यटन कोश]]
[[Category:पर्यटन कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 14:09, 1 August 2017

चित्र:Disamb2.jpg अशोक स्तम्भ एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अशोक स्तम्भ
अशोक स्तम्भ इलाहाबाद
विवरण अशोक स्तम्भ पर तीन शासकों के लेख खुदे हुए हैं। यह पुरातात्विक समय का उत्कृष्ट नमूना है।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला इलाहाबाद
अन्य जानकारी कालान्तर में 1605 ई. में इस स्तम्भ पर मुग़ल सम्राट जहाँगीर के तख़्त पर बैठने का वाकया भी ख़ुदवाया गया।

अशोक स्‍तम्‍भ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में स्थित है। इलाहाबाद क़िले के मुख्य द्वार पर स्थित 10.6 मीतर की ऊँचाई का यह स्तम्भ 232 ई.पू. के समय का है।

  • अशोक स्तम्भ पर तीन शासकों के लेख खुदे हुए हैं। यह पुरातात्विक समय का उत्कृष्ट नमूना है।
  • भारतीय इतिहास के प्राचीन बौद्ध काल में प्रयाग की महत्ता का प्रमाण अशोक स्तंभ के ऊपर उत्कीर्ण अभिलेखों से भी मिलता है, जो आज भी प्राचीन इलाहाबाद क़िले के मुख्य द्वार के भीतर मौजूद है।
  • 200 ई. में समुद्रगुप्त इसे कौशाम्बी से प्रयाग लाया और उसके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग-प्रशस्ति इस पर ख़ुदवाया गया।
  • कालान्तर में 1605 ई. में इस स्तम्भ पर मुग़ल सम्राट जहाँगीर के तख़्त पर बैठने का वाकया भी ख़ुदवाया गया।
  • 1800 ई. में किले की प्राचीर सीधी बनाने हेतु इस स्तम्भ को गिरा दिया गया और 1838 में अंग्रेज़ों ने इसे पुनः खड़ा किया।[1]

भारतीय पुरालिपियों का अन्वेषण

दिल्ली के सुल्तान फ़िरोज़शाह तुग़लक़ (1351-1388) ने 1356 में टोपरा (अम्बाला ज़िला, हरियाणा) तथा मेरठ से अशोक के दो स्तम्भ बड़ी मेहनत से मंगवाकर दिल्ली में खड़े करवाए थे। ये स्तम्भ कितने परिश्रम और उत्साह से दिल्ली लाए गए थे, इसका विवरण फ़िरोज़ के अपने दरबारी इतिहासकार शम्स-इ-शीराज ने ‘तारीख़-इ-फ़िरोज़शाह’ में दिया है। इनमें से एक स्तम्भ फ़िरोज़शाह के कोटले में और दूसरा ‘कुश्क शिकार’ (शिकार का महल) के पास खड़ा करवाया गया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख