अर्बुद पर्वत: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(2 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 3: Line 3:
<blockquote>'पुंड्राः  कलिगमागधा दक्षिणाद्याश्च सर्वशः तथापरांताः सौराष्ट्राः शूराभीरास्तथार्बुदाः'।</blockquote>  
<blockquote>'पुंड्राः  कलिगमागधा दक्षिणाद्याश्च सर्वशः तथापरांताः सौराष्ट्राः शूराभीरास्तथार्बुदाः'।</blockquote>  
* [[चंदबरदाई]] लिखित [[पृथ्वीराजरासो]] में वर्णित है कि [[अग्निकुल]] के चार [[राजपूत|राजपूत वंश]]- '''पवार, परिहार, चौहान,''' और '''[[चालुक्य]]''' [[आबू पर्वत|आबू पहाड]] पर किये गये एक [[यज्ञ]] द्वारा उत्पन्न हुए थे।  
* [[चंदबरदाई]] लिखित [[पृथ्वीराजरासो]] में वर्णित है कि [[अग्निकुल]] के चार [[राजपूत|राजपूत वंश]]- '''पवार, परिहार, चौहान,''' और '''[[चालुक्य]]''' [[आबू पर्वत|आबू पहाड]] पर किये गये एक [[यज्ञ]] द्वारा उत्पन्न हुए थे।  
* क्रूक (crook) के मत में यह यज्ञ विदेशी जातियों को [[क्षत्रिय|क्षत्रिय वर्ण]] में सम्मिलित करने के लिये किया गया होगा।<ref> ( टॉड रचित राजस्थान)।</ref><ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=40|url=}}</ref>
* क्रूक (crook) के मत में यह यज्ञ विदेशी जातियों को [[क्षत्रिय|क्षत्रिय वर्ण]] में सम्मिलित करने के लिये किया गया होगा।<ref> टॉड रचित राजस्थान</ref><ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=40|url=}}</ref>
   
   


Line 10: Line 10:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}}
{{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}}{{पर्वत}}
[[category:राजस्थान]][[category:राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]][[category:इतिहास कोश]]
[[category:राजस्थान]][[category:राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]][[category:इतिहास कोश]][[category:पर्वत]][[category:भूगोल कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 09:08, 17 May 2018

अर्बुद पर्वत महाकाव्य महाभारत में वर्णित एक पर्वत श्रृंखला है। यह पर्वत दक्षिणी राजस्थान में, भारत की पहचान है।

'पुंड्राः कलिगमागधा दक्षिणाद्याश्च सर्वशः तथापरांताः सौराष्ट्राः शूराभीरास्तथार्बुदाः'।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विष्णुपुराण 2,13,16
  2. टॉड रचित राजस्थान
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 40 |

संबंधित लेख