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कंदल - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कन्दल)[1]

1. नया अँखुआ।

उदाहरण-

नवल विकल कंदल कुल कलिका जगमोहन अकुलावै - श्यामास्वप्न[2]

2. कपास।

3. सोना।

4. वादविवाद। कचकच। वाग्युद्ध।

5. निंदा।

उदाहरण-

लगले मद्ये गारि कंदन धरहलि हरहलि चोट।[3]

6. युद्ध।

उदाहरण-

सालुले विदल कंदल समत्र। - राजरूपक[4]

7. मधुर ध्वनि या स्वर[5]

8. एक प्रकार का केला[6]


कंदल - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कंदरा)

कंदरा

उदाहरण- पग टोडर कंदल ही जुठयो। - पृथ्वीराज रासो[7]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 725 |
  2. श्यामास्वप्न, पृष्ठ 119, सम्पादक डॉ. कृष्णलाल, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण
  3. वर्ण., पृष्ठ 2।6
  4. राजरूपक, सम्पादक, पण्डित रामकर्ण, नागरी प्रचारिणी सभा, प्रथम संस्करण
  5. अन्य कोश
  6. अन्य कोश
  7. पृथ्वीराज रासो, खंड 5, सम्पादक मोहनलाल विष्णुलाल पंड्या, श्यामसुंदरदास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण

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