वायु परिवहन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
{{tocright}}
'''वायु परिवहन''' जैसे तीवग्रामी साधन का महत्व [[भारत]] जैसे भौतिक दृष्टि से विविधतापूर्ण तथा विशाल देश में स्वतः स्पष्ट है। पश्चिमी देशों एवं दक्षिणी पूर्व [[एशिया]] के बीच संगम-स्थल की भांति स्थित इस देश को वायु परिवहन की दृष्टि से विश्व में केन्द्रीय स्थान प्राप्त है। यहाँ पर वायु परिवहन का प्रारम्भ [[1911]] में हुआ, जब [[इलाहाबाद]] से नैनी के बीच विश्व की सर्वप्रथम विमान डाक सेवा का परिवहन किया गया। [[1933]] में इण्डियन नेशनल एअरवेज कं. की स्थापना हुई, जिसने [[लाहौर]] से [[कराची]] के बीच विमान संचलन किया। [[1935]] में टाटा एअरवेज द्वारा [[मुम्बई]]-[[तिरुअनन्तपुरम]] तथा [[1937]] में इसी कम्पनी द्वारा [[मुम्बई]]-[[दिल्ली]] मार्ग पर विमान-सेवा प्रदान की गयी। स्वतन्त्रता प्राप्ति तक देश में 21 वायु-परिवहन कम्पनियाँ स्थापित हो चुकी थीं। [[1953]] में सभी वैमानिक कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण करके उन्हें दो नवनिर्मित निगमों के अधीन कर दिया गया।  
'''वायु परिवहन''' जैसे तीवग्रामी साधन का महत्व [[भारत]] जैसे भौतिक दृष्टि से विविधतापूर्ण तथा विशाल देश में स्वतः स्पष्ट है। पश्चिमी देशों एवं दक्षिणी पूर्व [[एशिया]] के बीच संगम-स्थल की भांति स्थित इस देश को वायु परिवहन की दृष्टि से विश्व में केन्द्रीय स्थान प्राप्त है। यहाँ पर वायु परिवहन का प्रारम्भ [[1911]] में हुआ, जब [[इलाहाबाद]] से नैनी के बीच विश्व की सर्वप्रथम विमान डाक सेवा का परिवहन किया गया। [[1933]] में इण्डियन नेशनल एअरवेज कं. की स्थापना हुई, जिसने [[लाहौर]] से [[कराची]] के बीच विमान संचलन किया। [[1935]] में टाटा एअरवेज द्वारा [[मुम्बई]]-[[तिरुअनन्तपुरम]] तथा [[1937]] में इसी कम्पनी द्वारा [[मुम्बई]]-[[दिल्ली]] मार्ग पर विमान-सेवा प्रदान की गयी। स्वतन्त्रता प्राप्ति तक देश में 21 वायु-परिवहन कम्पनियाँ स्थापित हो चुकी थीं। [[1953]] में सभी वैमानिक कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण करके उन्हें दो नवनिर्मित निगमों के अधीन कर दिया गया।  
==विमान सेवाओं का संचालन==
==विमान सेवाओं का संचालन==
Line 23: Line 22:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
[[Category:वायु यातायात]]
{{भारत में परिवहन}}
[[Category:यातायात और परिवहन]]
[[Category:वायु यातायात]][[Category:विमानन]][[Category:यातायात और परिवहन]][[Category:भारत में परिवहन]][[Category:यातायात और परिवहन कोश]]  
[[Category:यातायात और परिवहन कोश]]  
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 09:35, 14 March 2022

वायु परिवहन जैसे तीवग्रामी साधन का महत्व भारत जैसे भौतिक दृष्टि से विविधतापूर्ण तथा विशाल देश में स्वतः स्पष्ट है। पश्चिमी देशों एवं दक्षिणी पूर्व एशिया के बीच संगम-स्थल की भांति स्थित इस देश को वायु परिवहन की दृष्टि से विश्व में केन्द्रीय स्थान प्राप्त है। यहाँ पर वायु परिवहन का प्रारम्भ 1911 में हुआ, जब इलाहाबाद से नैनी के बीच विश्व की सर्वप्रथम विमान डाक सेवा का परिवहन किया गया। 1933 में इण्डियन नेशनल एअरवेज कं. की स्थापना हुई, जिसने लाहौर से कराची के बीच विमान संचलन किया। 1935 में टाटा एअरवेज द्वारा मुम्बई-तिरुअनन्तपुरम तथा 1937 में इसी कम्पनी द्वारा मुम्बई-दिल्ली मार्ग पर विमान-सेवा प्रदान की गयी। स्वतन्त्रता प्राप्ति तक देश में 21 वायु-परिवहन कम्पनियाँ स्थापित हो चुकी थीं। 1953 में सभी वैमानिक कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण करके उन्हें दो नवनिर्मित निगमों के अधीन कर दिया गया।

विमान सेवाओं का संचालन

देश के भीतरी भागों में विमान सेवाओं के संचालन के लिए स्थापित भारतीय विमान निगम के अन्तर्गत 8 कम्पनियाँ शामिल की गयीं जो थीं - एअरवेज इण्डिया, एअर इण्डिया, एअर सर्विसेज ऑफ़ इण्डिया, भारत एअरवेज, दक्कन एअरवेज, कलिंग एअरवेज, हिमालय एविएशन तथा इण्डियन नेशनल एअरवेज। 1997-1998 में इण्डियन एयरलाइंस के वायुमार्गां की लंबाई 68.53 करोड़ किमी थी। मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता तथा चेन्नई से अपनी विमान सेवाओं को संचालन करने वाले इस निगम का मुख्यालय नई दिल्ली में हैं। यह देश के आन्तरिक भागों के अतिरिक्त समीपवर्ती देशों- नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार तथा मालदीव को भी अपने सेवाएं उपलब्ध कराता है।

देश के दूसरे वैमानिक कम्पनी एअर इण्डिया की स्थापना विदेशों के लिए विमान सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु की गयी। इसके द्वारा विश्व के 96 देशों से भारत को जोड़ा गया है। इन दो निगमों के अतिरिक्त जनवरी, 1981 में देश की घरेलू उड़ाने के लिए वायुदूत नामक एक तीसरे निगम की स्थापना की गयी हैं, जो दुर्गम क्षेत्रों की अपनी सेवाएं उपलब्ध कराता है जहाँ इण्डियन एअरलाइंस की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। (अब इसका इंडियन एअरलाइंस में विलय कर दिया गया है)

अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण

भारत में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण देश के चार बड़े हवाई अड्डों- मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली और चेन्नई का प्रबंध करता है जबकि राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण 86 देशी हवाई अड्डों और रक्षा हवाई अड्डों पर असैनिक उड़ान पट्टियों का प्रबंध करता है। देश के हवाई अड्डों की उनकी कार्यात्मक, विशेषता, महत्व तथा उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के आधार पर चार वर्गों में रखा जाता है, जो निम्नलिखित हैं -

अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे

इनकी संख्या वर्तमान में 5 हैं। ये हैं जवाहर लाल नेहरू हवाई अड्डा (सांताक्रुज हवाई अड्डा) (मुम्बई), सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डा (दमदम हवाई अड्डा) (कोलकाता), इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (दिल्ली), मीनाम्बकम (चेन्नई) तथा तिरुअनन्तपुरम। इसके अतिरिक्त बंगलौर, हैदराबाद, अहमदाबाद, गोवा, अमृतसर, गुवाहाटी और नेदुम्बसरी में स्थित नये कोचीन हवाई अड्डों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने का निर्णय किया गया है।

प्रधान श्रेणी के हवाई अड्डे

छोटे-बड़े सभी प्रकार के वायुयानों को उतारने एवं उड़ान भरने की सुविधा प्रदान करते हैं। यह हैं - अगरतला, अहमदाबाद, राजासंसी (अमृतसर), अमौसी (लखनऊ), पटना, बेगमपेट (हैदराबाद), सेण्ट थामस (चेन्नई) सफदरजंग (दिल्ली), गुवाहाटी, जयपुर, नागपुर, तिरुचिरापल्ली, बढ़ापानी (शिलांग) आदि।

मध्यम श्रेणी के हवाई अड्डे

इसके अन्तर्गत इलाहाबाद (बमरौली), औरंगाबाद, बागडोगरा (पश्चिम बंगाल), बावतपुर (वाराणसी), बैलूरघाट, जुहू, गया, इन्दौर, बैरकपुर, कैसोद (जूनागढ़), कांडला, खजुराहो, पोर्ट ब्लेयर, रायपुर, राजकोट, सिलचर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, जबलपुर, तिरुपति, डिब्रगढ़, बाजपा (मंगलोर), चकुलिया, पालीघाट (असम), तेजपुर, कूचबिहार, चण्डीगढ़, बेहाला, गोरखपुर, मदुरै, रातानाडा (जोधपुर), फूलबाग (पन्तनगर), मोहनबाड़ी, लीलाबाड़ी (असम), कमालचपुर, तुलीहल, (इम्फाल), डबोक (उदयपुर), कैलाश शहर, राँची आदि हवाई अड्डे शामिल किये जाते हैं।

छोटे श्रेणी के हवाई अड्डे

इस श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले हवाई अड्डे हैं - अंकोला, बिलासपुर, कुडप्पा, डानाकोंडा (तमिलनाडु), हलद्धानी, वारंगल, बेलूर, तंजावुर, पन्ना, रक्सोल, शोलापुर, रूपसी, माल्दा, पासीघाट, शैला (असम), सहारनपुर, राजमहेन्द्री, ललितपुर, झांसी, सतना, जोगबानी, कोटा, कोल्हापुर, खण्डवा, चकेरी (कानपुर नगर), झारसगुडा (उड़ीसा), पोरबन्दर, पन्तनगर, पालनपुर (दीसा) आदि।

इसके अतिरिक्त देश में सरकारी सहायता प्राप्त उड्यन क्लब भी हैं, जहाँ चालकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

केरल के कोच्चि के निकट अनिवासीय भारतीयों के वित्तीय सहयोग से देश में अपनी तरह का पहला अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार के पास इस तरह के कई हवाई अड्डों का निर्माण के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। भारत सरकार ने अप्रैल 1990 से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं को अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धा योग्य बनाने के लिए "ओपन स्काई पॉलिसी" यानी मुक्त आकाश नीति शुरू की है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख