अशोक गहलोत: Difference between revisions

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}}'''अशोक गहलोत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ashok Gehlot'', जन्म: [[3 मई]], [[1951]], [[जोधपुर]]) [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और [[राजस्थान]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] हैं। वे अपनी सादगी और गांधीवादी मूल्‍यों के लिए पहचाने जाते हैं। वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने। उन्‍होंने [[इंदिरा गांधी]], [[राजीव गांधी]] तथा पी. वी. नरसिम्‍हा राव के मंत्रिमण्‍डल में केन्‍द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने। जब इंदिरा गांधी [[भारत]] की [[प्रधानमंत्री]] थीं, उस समय अशोक गहलोत मंत्रीमण्‍डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद वह खेल उपमंत्री बनें। अशोक गहलोत ने भारतीय प्रतिनिधिमण्‍डल के सदस्‍य के रूप में विदेशों में भी भारत का प्रतिनिधित्‍व किया है।
'''अशोक गहलोत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ashok Gehlot'', जन्म: [[3 मई]], [[1951]]) प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और [[राजस्थान के मुख्यमंत्री|राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री]] हैं। अपनी सादगी और गांधीवादी मूल्‍यों के लिए पहचाने जाने वाले अशोक गहलोत का जन्‍म [[3 मई]] [[1951]] को [[जोधपुर]], [[राजस्थान]] में हुआ। लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के घर जन्‍मे अशोक गहलोत ने [[विज्ञान]] और क़ानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की तथा अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की। अशोक गहलोत का विवाह 27 नवम्‍बर, 1977 को श्रीमती सुनीता गहलोत के साथ हुआ। अशोक गहलोत के एक पुत्र (वैभव गहलोत) और एक पुत्री (सोनिया गहलोत) हैं। वे लोगों की पीड़ा और दु:ख- दर्द जानने के लिए उनसे सीधी मुलाकात करते हैं।
==परिचय==
अशोक गहलोत का जन्‍म [[3 मई]], [[1951]] को [[जोधपुर]], [[राजस्थान]] में हुआ। लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के घर जन्‍मे अशोक गहलोत ने [[विज्ञान]] और क़ानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की तथा अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की। उनका [[विवाह]] [[27 नवम्बर ]], [[1977]] को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। उनके एक पुत्र (वैभव गहलोत) और एक पुत्री (सोनिया गहलोत) हैं। अशोक गहलोत लोगों की पीड़ा और दु:ख- दर्द जानने के लिए उनसे सीधी मुलाकात करते हैं।
==राजनीतिक परिचय==
==राजनीतिक परिचय==
विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति और [[समाजसेवा]] में सक्रिय रहे अशोक गहलोत 7वीं [[लोकसभा]] (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। अशोक गहलोत एक कद्दावर नेता हैं तथा उन्‍होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में भी प्रतिनिधित्‍व किया। सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद अशोक गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्‍य बने। प्रदेश की जनता में लोकप्रिय अशोक गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 4 दिसंबर 2003 को निर्वाचित हुए तथा 13वीं राजस्थान [[विधानसभा]] के लिए [[8 दिसंबर]] [[2008]] को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही दुबारा निर्वाचित हुए।
विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति और [[समाजसेवा]] में सक्रिय रहे अशोक गहलोत 7वीं [[लोकसभा]] (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। अशोक गहलोत एक कद्दावर नेता हैं तथा उन्‍होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में भी प्रतिनिधित्‍व किया। सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद अशोक गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्‍य बने। प्रदेश की जनता में लोकप्रिय अशोक गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 4 दिसंबर 2003 को निर्वाचित हुए तथा 13वीं राजस्थान [[विधानसभा]] के लिए [[8 दिसंबर]] [[2008]] को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही दुबारा निर्वाचित हुए।
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====केंद्रीय मंत्री====
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अशोक गहलोत ने [[इन्दिरा गांधी]], [[राजीव गांधी]] तथा [[पी.वी. नरसिंह राव|पी.वी. नरसिम्‍हा राव]] के मंत्रीमण्‍डल में केन्‍द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने। जब श्रीमती इन्दिरा गांधी [[भारत]] की प्रधानमंत्री थीं उस समय अशोक गहलोत [[2 सितम्बर]], [[1982]] से [[7 फरवरी]], [[1984]] की अवधि में श्रीमती इन्दिरा गांधी के मंत्रीमण्‍डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद अशोक गहलोत खेल उपमंत्री बनें । उन्‍होंने 7 फरवरी, 1984 से 31 अक्‍टूबर 1984 की अवधि में खेल मंत्रालय में कार्य किया तथा पुन: 12 नवम्‍बर, 1984 से 31 दिसम्बर, 1984 की अवधि में इसी मंत्रालय में कार्य किया। उनकी पारदर्शी कार्यशैली तथा प्रत्‍येक विषय-वस्‍तु को गहराई से जानने की लगन के कारण श्रीमती इन्दिरा गांधी और श्री राजीव गांधी जैसे नेता उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते थे। उनकी इस कार्यशैली को देखते हुए उन्‍हें केन्‍द्र सरकार में राज्‍य मंत्री बनाया गया। [[31 दिसम्बर]], [[1984]] से [[26 सितम्बर]], [[1985]] की अवधि में अशोक गहलोत ने केन्‍द्रीय पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्‍य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके पश्‍चात् उन्‍हें केन्‍द्रीय कपड़ा राज्‍य मंत्री बनाया गया। यह मंत्रालय पूर्व [[प्रधानमंत्री]] के पास था तथा अशोक गहलोत को इसका स्‍वतंत्र प्रभार दिया गया। अशोक गहलोत इस मंत्रालय के 21 जून, 1991 से 18 जनवरी, 1993 तक मंत्री रहे ।
====मुख्यमंत्री====
==मुख्यमंत्री==
अशोक गहलोत 1 दिसंबर 1998 से 8 दिसंबर 2003 तक [[राजस्थान के मुख्यमंत्री]] रहे। उनका यह कार्यकाल अन्‍य महत्‍वपूर्ण उपलब्धियों के अलावा अभूतपूर्व सूखा प्रबन्‍धन, विद्युत उत्‍पादन, संसाधनों का विकास, रोज़गार सृजन, औद्योगिक और पर्यटन विकास, कुशल वित्‍तीय प्रबन्‍धन और सुशासन के लिए जाना जाता है। [[मुख्‍यमंत्री]] के रूप में अशोक गहलोत के पहले कार्यकाल के दौरान [[राजस्थान]] में इस सदी का भयंकार अकाल पड़ा। उन्‍होंने अत्‍यन्‍त ही प्रभावी और कुशल ढ़ंग से अकाल प्रबन्‍धन का कार्य किया। उस समय [[अकाल]] प्रभावित लोगों के पास इतना अनाज पहुंचाया गया था जितना अनाज ये लोग शायद अपनी फसलों से भी प्राप्‍त नहीं कर सकते थे। प्रतिपक्ष भी खाद्यान्‍न और चारे की अनुपलब्‍धता के सम्‍बन्‍ध में सरकार की तरफ अंगुली तक नहीं उठा सके क्‍योंकि अशोक गहलोत ने व्‍यक्तिगत रूप से अकाल राहत कार्यों की मॉनिटरिंग की थी। अशोक गहलोत को गरीब की पीड़ा और उसके दु:ख दर्द की अनुभूति करने वाले राजनेता के रूप में जाना जाता है। उन्‍होंने 'पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ' का नारा दिया जिसे राज्‍य की जनता ने पूर्ण मनोयोग से अंगीकार किया। अशोक गहलोत को 13 दिसम्बर, 2008 को दूसरी बार राजस्थान के मुख्‍यमंत्री बने और [[12 दिसंबर]] [[2013]] तक पदासीन रहे।
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Latest revision as of 06:29, 2 February 2024

अशोक गहलोत
पूरा नाम अशोक गहलोत
जन्म 3 मई, 1951
जन्म भूमि जोधपुर, राजस्थान
अभिभावक लक्ष्‍मण सिंह गहलोत
पति/पत्नी सुनीता गहलोत
संतान पुत्र- वैभव गहलोत, पुत्री- सोनिया गहलोत
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद मुख्यमंत्री, राजस्थान (तीन बार)

प्रथम- 1 दिसंबर, 1998 से 8 दिसंबर, 2003 तक
द्वितीय- 12 दिसंबर, 2008 से 13 दिसंबर, 2013 तक
तृतीय- 17 दिसंबर, 2018 से 15 दिसंबर, 2023 तक

शिक्षा वकालत, स्‍नातकोत्‍तर (अर्थशास्‍त्र)
पूर्वाधिकारी वसुंधरा राजे सिंधिया
उत्तराधिकारी भजन लाल शर्मा
अन्य जानकारी अशोक गहलोत ने इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी.वी. नरसिम्‍हा राव के मंत्रीमण्‍डल में केन्‍द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया।
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अशोक गहलोत (अंग्रेज़ी: Ashok Gehlot, जन्म: 3 मई, 1951, जोधपुर) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वे अपनी सादगी और गांधीवादी मूल्‍यों के लिए पहचाने जाते हैं। वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने। उन्‍होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी. वी. नरसिम्‍हा राव के मंत्रिमण्‍डल में केन्‍द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने। जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं, उस समय अशोक गहलोत मंत्रीमण्‍डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद वह खेल उपमंत्री बनें। अशोक गहलोत ने भारतीय प्रतिनिधिमण्‍डल के सदस्‍य के रूप में विदेशों में भी भारत का प्रतिनिधित्‍व किया है।

परिचय

अशोक गहलोत का जन्‍म 3 मई, 1951 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ। लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के घर जन्‍मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और क़ानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की तथा अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की। उनका विवाह 27 नवम्बर , 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। उनके एक पुत्र (वैभव गहलोत) और एक पुत्री (सोनिया गहलोत) हैं। अशोक गहलोत लोगों की पीड़ा और दु:ख- दर्द जानने के लिए उनसे सीधी मुलाकात करते हैं।

राजनीतिक परिचय

विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय रहे अशोक गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। अशोक गहलोत एक कद्दावर नेता हैं तथा उन्‍होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में भी प्रतिनिधित्‍व किया। सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद अशोक गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्‍य बने। प्रदेश की जनता में लोकप्रिय अशोक गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 4 दिसंबर 2003 को निर्वाचित हुए तथा 13वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 8 दिसंबर 2008 को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही दुबारा निर्वाचित हुए।

कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष

अशोक गहलोत को 3 बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष रहने का गौरव प्राप्‍त हुआ है। पहली बार अशोक गहलोत 34 वर्ष की युवा अवस्‍था में ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष बन गये थे। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष के रूप में उनका पहला कार्यकाल सितम्बर, 1985 से जून, 1989 की अवधि के बीच में रहा। 1 दिसम्बर, 1994 से जून, 1997 तक द्वितीय बार व जून, 1997 से 14 अप्रैल, 1999 तक तृतीय बार वे पुन: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष पद पर रहे।

सदस्यता

वर्ष 1980 से 1982 के बीच अशोक गहलोत पब्लिक एकाउण्‍ट्स कमेटी (लोकसभा) के सदस्‍य रहे। अशोक गहलोत संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति (10वीं लोकसभा) के सदस्‍य भी रह चुके हैं। उन्‍होंने रेल मंत्रालय की स्‍थाई समिति (10वीं और 11वीं लोकसभा) के सदस्‍य के रूप में कार्य किया। इसके अलावा अशोक गहलोत विदेश मंत्रालय से सम्‍बद्ध सलाहकार समिति (11वीं लोकसभा) के सदस्‍य भी रहे।

केंद्रीय मंत्री

अशोक गहलोत ने इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी.वी. नरसिम्‍हा राव के मंत्रीमण्‍डल में केन्‍द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने। जब श्रीमती इन्दिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं उस समय अशोक गहलोत 2 सितम्बर, 1982 से 7 फरवरी, 1984 की अवधि में श्रीमती इन्दिरा गांधी के मंत्रीमण्‍डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद अशोक गहलोत खेल उपमंत्री बनें । उन्‍होंने 7 फरवरी, 1984 से 31 अक्‍टूबर 1984 की अवधि में खेल मंत्रालय में कार्य किया तथा पुन: 12 नवम्‍बर, 1984 से 31 दिसम्बर, 1984 की अवधि में इसी मंत्रालय में कार्य किया। उनकी पारदर्शी कार्यशैली तथा प्रत्‍येक विषय-वस्‍तु को गहराई से जानने की लगन के कारण श्रीमती इन्दिरा गांधी और श्री राजीव गांधी जैसे नेता उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते थे। उनकी इस कार्यशैली को देखते हुए उन्‍हें केन्‍द्र सरकार में राज्‍य मंत्री बनाया गया। 31 दिसम्बर, 1984 से 26 सितम्बर, 1985 की अवधि में अशोक गहलोत ने केन्‍द्रीय पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्‍य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके पश्‍चात् उन्‍हें केन्‍द्रीय कपड़ा राज्‍य मंत्री बनाया गया। यह मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री के पास था तथा अशोक गहलोत को इसका स्‍वतंत्र प्रभार दिया गया। अशोक गहलोत इस मंत्रालय के 21 जून, 1991 से 18 जनवरी, 1993 तक मंत्री रहे ।

मुख्यमंत्री

अशोक गहलोत 1 दिसंबर, 1998 से 15 दिसंबर, 2003 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। उनका यह कार्यकाल अन्‍य महत्‍वपूर्ण उपलब्धियों के अलावा अभूतपूर्व सूखा प्रबन्‍धन, विद्युत उत्‍पादन, संसाधनों का विकास, रोज़गार सृजन, औद्योगिक और पर्यटन विकास, कुशल वित्‍तीय प्रबन्‍धन और सुशासन के लिए जाना जाता है। मुख्‍यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत के पहले कार्यकाल के दौरान राजस्थान में इस सदी का भयंकार अकाल पड़ा। उन्‍होंने अत्‍यन्‍त ही प्रभावी और कुशल ढ़ंग से अकाल प्रबन्‍धन का कार्य किया। उस समय अकाल प्रभावित लोगों के पास इतना अनाज पहुंचाया गया था जितना अनाज ये लोग शायद अपनी फसलों से भी प्राप्‍त नहीं कर सकते थे। प्रतिपक्ष भी खाद्यान्‍न और चारे की अनुपलब्‍धता के सम्‍बन्‍ध में सरकार की तरफ अंगुली तक नहीं उठा सके क्‍योंकि अशोक गहलोत ने व्‍यक्तिगत रूप से अकाल राहत कार्यों की मॉनिटरिंग की थी। अशोक गहलोत को ग़रीब की पीड़ा और उसके दु:ख दर्द की अनुभूति करने वाले राजनेता के रूप में जाना जाता है। उन्‍होंने 'पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ' का नारा दिया जिसे राज्‍य की जनता ने पूर्ण मनोयोग से अंगीकार किया। अशोक गहलोत 12 दिसम्बर, 2008 को दूसरी बार राजस्थान के मुख्‍यमंत्री बने और 13 दिसंबर, 2013 तक पदासीन रहे। 17 दिसंबर, 2018 को वह तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू 80px|center भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा 80px|center भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी 80px|center वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ 80px|center भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी 80px|center भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक 80px|center बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया 80px|center भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन 80px|center मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल 80px|center भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत 80px|center भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय 80px|center भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन 80px|center झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन 80px|center द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा 80px|center भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी 80px|center भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल 80px|center आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो 80px|center एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान 80px|center आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी 80px|center तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी 80px|center कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार 80px|center जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह 80px|center भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव 80px|center भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे 80px|center शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा 80px|center जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा 80px|center एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा 80px|center भारतीय जनता पार्टी 15 दिसम्बर, 2023
29. सिक्किम प्रेम सिंह तमांग 80px|center सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 27 मई, 2019
30. हरियाणा नायब सिंह सैनी 80px|center भाजपा 12 मार्च, 2024
31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू 80px|center भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 11 दिसम्बर, 2022