अल्जीरिया: Difference between revisions

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'''अल्जीरिया''' उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका स्थित एक लोकतांत्रिक गणराज्य है। इसके उत्तर में भूमध्यसागर, दक्षिण में माली और नाइजर, पूर्व में टयूनिसिया और लिबिया इत्यादि गणराज्य तथा पश्चिम में मोरक्को, स्पैनिश सहारा एवं मौरिटेनिया हैं। भौगोलिक दृष्टि से संपूर्ण देश को दो भागों में बाँटा जा सकता है--(1) उत्तरी और (2) दक्षिणी। उत्तरी अल्जीरिया में ऐटलस पर्वत की दो श्रेणियाँ समुद्र के समांतर फैली हुई हैं। उक्त पर्वतीय श्रेणियों तथा तटस्थित पर्वतीय टेल नामक क्षेत्र के बीच एक शुष्क पेटी है। उत्तरी भाग में देश की सबसे लंबी (405 मील) चोलेफ नदी के अतिरिक्त अनेक सोते, नाले और छोटी पहाड़ी नदियाँ हैं। दक्षिणी अल्जीरिया रेगिस्तानी, अत: उजाड़ है, किंतु इसका क्षेत्रफल उत्तरी भाग से आठ गुना बड़ा है। इस देश के विभिन्न भागों की भौगोलिक स्थितियाँ चँंकि परस्पर काफी भिन्न हैं, अत: इनकी जलवायु भी अलग अलग है। तटवर्ती क्षेत्र समशीतोष्ण रहता है तो धुर दक्षिण की ओर ऐटलस पहाड़ तक जाते-जाते गर्मी और शीत की दृष्टि से जलवायु आत्यंतिक हो जाती है। इसके बाद और दक्षिण में सहारा मरुस्थल गर्म एवं शुष्क है। उत्तरी भागों में शीतकालीन वर्षा होती है जबकि गर्मी का मौसम उष्ण तथा आर्द्र रहता है। दक्षिणी भाग में गर्मियों के दौरान कुछ वर्षा होती है और कभी कभी जलता हुआ सिरक्को नामक गर्म तूफान भी चलता है।
'''अल्जीरिया''' उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका स्थित एक लोकतांत्रिक गणराज्य है। इसके उत्तर में भूमध्यसागर, दक्षिण में माली और नाइजर, पूर्व में टयूनिसिया और लिबिया इत्यादि गणराज्य तथा पश्चिम में मोरक्को, स्पैनिश सहारा एवं मौरिटेनिया हैं। भौगोलिक दृष्टि से संपूर्ण देश को दो भागों में बाँटा जा सकता है--(1) उत्तरी और (2) दक्षिणी। उत्तरी अल्जीरिया में ऐटलस पर्वत की दो श्रेणियाँ समुद्र के समांतर फैली हुई हैं। उक्त पर्वतीय श्रेणियों तथा तटस्थित पर्वतीय टेल नामक क्षेत्र के बीच एक शुष्क पेटी है। उत्तरी भाग में देश की सबसे लंबी (405 मील) चोलेफ नदी के अतिरिक्त अनेक सोते, नाले और छोटी पहाड़ी नदियाँ हैं। दक्षिणी अल्जीरिया रेगिस्तानी, अत: उजाड़ है, किंतु इसका क्षेत्रफल उत्तरी भाग से आठ गुना बड़ा है। इस देश के विभिन्न भागों की भौगोलिक स्थितियाँ चँंकि परस्पर काफी भिन्न हैं, अत: इनकी जलवायु भी अलग अलग है। तटवर्ती क्षेत्र समशीतोष्ण रहता है तो धुर दक्षिण की ओर ऐटलस पहाड़ तक जाते-जाते गर्मी और शीत की दृष्टि से जलवायु आत्यंतिक हो जाती है। इसके बाद और दक्षिण में सहारा मरुस्थल गर्म एवं शुष्क है। उत्तरी भागों में शीतकालीन वर्षा होती है जबकि गर्मी का मौसम उष्ण तथा आर्द्र रहता है। दक्षिणी भाग में गर्मियों के दौरान कुछ वर्षा होती है और कभी कभी जलता हुआ सिरक्को नामक गर्म तूफान भी चलता है।



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thumb|250px|अल्जीरिया का झण्डा अल्जीरिया उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका स्थित एक लोकतांत्रिक गणराज्य है। इसके उत्तर में भूमध्यसागर, दक्षिण में माली और नाइजर, पूर्व में टयूनिसिया और लिबिया इत्यादि गणराज्य तथा पश्चिम में मोरक्को, स्पैनिश सहारा एवं मौरिटेनिया हैं। भौगोलिक दृष्टि से संपूर्ण देश को दो भागों में बाँटा जा सकता है--(1) उत्तरी और (2) दक्षिणी। उत्तरी अल्जीरिया में ऐटलस पर्वत की दो श्रेणियाँ समुद्र के समांतर फैली हुई हैं। उक्त पर्वतीय श्रेणियों तथा तटस्थित पर्वतीय टेल नामक क्षेत्र के बीच एक शुष्क पेटी है। उत्तरी भाग में देश की सबसे लंबी (405 मील) चोलेफ नदी के अतिरिक्त अनेक सोते, नाले और छोटी पहाड़ी नदियाँ हैं। दक्षिणी अल्जीरिया रेगिस्तानी, अत: उजाड़ है, किंतु इसका क्षेत्रफल उत्तरी भाग से आठ गुना बड़ा है। इस देश के विभिन्न भागों की भौगोलिक स्थितियाँ चँंकि परस्पर काफी भिन्न हैं, अत: इनकी जलवायु भी अलग अलग है। तटवर्ती क्षेत्र समशीतोष्ण रहता है तो धुर दक्षिण की ओर ऐटलस पहाड़ तक जाते-जाते गर्मी और शीत की दृष्टि से जलवायु आत्यंतिक हो जाती है। इसके बाद और दक्षिण में सहारा मरुस्थल गर्म एवं शुष्क है। उत्तरी भागों में शीतकालीन वर्षा होती है जबकि गर्मी का मौसम उष्ण तथा आर्द्र रहता है। दक्षिणी भाग में गर्मियों के दौरान कुछ वर्षा होती है और कभी कभी जलता हुआ सिरक्को नामक गर्म तूफान भी चलता है।

अल्जीरिया का कुल क्षेत्रफल 23,81,743 वर्ग कि.मी. है जिसमें से खेती केवल 62,000 वर्ग कि.मी.भूमि में ही होती है। 96,000 वर्ग कि.मी. में अंगूर के उद्यान हैं 2,000 वर्ग कि.मी. में फलोद्यान तथा 35,000 वर्ग कि.मी. में जंगल है। 3,83,750 वर्ग कि.मी. भूमि झाड़ झंखाड़वाली है। इस देश की कुल अनुमित जनसंख्या 1,21,01,994 (1966) है जिसमें लगभग 80,000 यूरोपीय भी सम्मिलित हैं। किंतु उक्त जनसंख्या में 5,00,000 प्रवासी अल्जीरिया वालों को नहीं गिना गया है।

सन्‌ 1962 ई. तक अल्जीरिया, फ्रांस का एक उपनिवेश था। किंतु 1954 ई. में राष्ट्रीय मुक्ति मोरचे (फ़ंत द लिबरेशन नैशनेल) के नेतृत्व में विद्रोह प्रारंभ हुआ जिसे अंतत: सफलता मिली और 1962 ई. में इवियान समझौते के माध्यम से फ्रांस की सरकार ने अल्जीरिया में स्वशासन को स्वीकार कर लिया। उक्त समझौते में प्रावाधान था कि फ्रांसीसी अड्डे अल्जीरिया में यथावत्‌ बने रहेंगे तथा फ्रांसीसी सहायता भी पूर्ववत्‌ मिलती रहेगी। 1963 ई. की शरद् ऋतु में सीमा विवाद को लेकर मोरक्को तथा अल्जीरिया के बीच छिटपुट लड़ाई शुरु हुई किंतु अफ्रीका एकता संघ के हस्तक्षेप से समझौता हो गया। जून, 1965 में रक्तहीन क्रांति हुई और राष्ट्रपति अहमद बिन विल्लाह को पदच्युत कर दिया गया।

कर्नल ओअरी बूमेदिएन ने तत्काल क्रांतिकारी परिषद् के अक्ष्यक्ष की हैसियत से देश का शासन संभाल लिया। 1970-71 में अल्जीरिया और फ्रांस के बीच तेल के मसले को लेकर काफी तनाव पैदा हो गया था।

1963 ई. में स्वीकृत संविधान के अनुसार अल्जीरिया में एक दलीय सरकार का शासन है जिसमें राष्ट्रपति को अमित अधिकार प्राप्त हैं। प्रमुख विधायिका राष्ट्रीय असेंबली है जिसका निर्वाचन वयस्क मतदान के आधार पर प्रति पाँचवे वर्ष कराने का प्रावधान हैं। किंतु वर्तमान राष्ट्रीय असेंबली, जिसका निर्वाचन सितंबर, 1964 में हुआ था, अभी तक कार्य कर रही है। 1970 में नए निर्वाचन कराने की घोषणा की गई थी, पर अभी तक इस घोषणा पर अमल नहीं किया गया है।

अल्जीरिया का समुद्रतटीय भाग अत्याधिक उपजाऊ है जिसमें अधिकतर यूरोपीय लोगों तथा कुछ स्वशासित स्थानीय समितियों द्वारा वैज्ञानिक खेती की जाती है और पर्याप्त समृद्ध फसलें उगाई जाती हैं। मुख्य फसलें गेहूँ, जौ, चुकंदर, मक्का, आलू तथा तंबाकू की होती है। अंजीर,अंगूर, अखरोट, जैतून आदि फल, कपास तथा खजूर भी बहुतायत से पैदा होते हैं। ऐल्फैल्फा नामक घास भी पर्याप्त मात्रा में उगती हैं। जंगलों में मुख्यत: चीड़, देवदार तथा बांझ (ओक) के पेड़ होते हैं। घोड़े, खच्चर, गदहे, ऊँट, भेड़ें तथा बकरियां इस देश के पालतू जानवर हैं। मछलियों का व्यवसाय यहाँ काफी उन्नति पर है। 1963 ई. में 568 नावें तथा 4,000 मछुए मछलियाँ पकड़ने के लिए नियुक्त किए गए थे और लगभग 17,000 टन मछलियां पकड़ी गई थीं। अल्जीरिया में लोहा, फासफेट, जस्ता, पारा रांगा, काडलिन, संगमरमर तथा एँटीमनी आदि खनिज उपलब्ध हैं। नमक भी यहाँ काफी मिलता है। 1969 में यहाँ 2 अरब, 55 करोड़,60 लाख कयूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन हुआ था।

अल्जीरिया में सरकारी भाषा अरबी और व्यवहार की प्रमुख भाषा फ्रांसीसी है। किंतु केबिलस जाति के यहाँ के मूल निवासी बरबरस भाषा बोलते हैं, हालांकि इसे लिखते समय ये भी अरबी लिपि का ही प्रयोग करते हैं। यहाँ की अधिकतम जनसंख्या इस्लाम धर्म की अनुयायी है। मैदानी इलाकों और घाटियों में अरब तथा पहाड़ी उजाड़ भागों में केबिलस (पिछड़ा वर्ग) जाति के लोग रहते हैं। 1943 ई. के केबिलस लोगों को नागरिकता के सभी अधिकार प्राप्त हैं।

उत्तरी अल्जीरिया 13 विभागों में विभक्त है। इन विभागों को 76 उपविभागों तथा 634 कम्यूनों में बांट दिया गया है। सहारा के दो विभाग--साओरा तथा ओयसिसू--पाँच उपविभागों तथा 47 कम्यूनों में विभक्त हैं। यहाँ का प्रमुख नगर तथा राजधानी अल्जीयर्स है जिसकी अनुमित जनसंख्या 9,43,000 (1967) है। अन्य प्रमुख नगर ओरान (3,25,000) तथा सिदी-बेल-अब्बेस (1,01,000)हैं। सातवीं आठवीं शताब्दी में यहाँ अरबों (मूरो) की सभ्यता फैली। पश्चात्‌ 1830 ई. तक यहाँ बारबरी जाति का आधिपत्य रहा। 1830 ई.में यहाँ फ्रांसीसियों का शासन हो गया था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 262 |

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