पोटैशियम: Difference between revisions

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*पोटैशियम मुक्तावस्था में अप्राप्त होता है।
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==मानव शरीर में पोटैशियम का उपयोग==
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पोटैशियम [[मानव शरीर]] में [[माँसपेशियाँ|माँसपेशियों]] के संकोचन में, [[हृदय|दिल]] की धड़कनों को नियमित करने में, रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) को काबू में रखने में, स्नायुओं की क्रियाओं का ठीक से संचरण जैसे स्पर्श, [[तापमान]], दबाव, पूरे शरीर में तरल स्राव को पहुँचाना आदि में लाभकारी रहता है।
पोटैशियम [[मानव शरीर]] में [[माँसपेशी|माँसपेशियों]] के संकोचन में, [[हृदय|दिल]] की धड़कनों को नियमित करने में, रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) को काबू में रखने में, स्नायुओं की क्रियाओं का ठीक से संचरण जैसे स्पर्श, [[तापमान]], दबाव, पूरे शरीर में तरल स्राव को पहुँचाना आदि में लाभकारी रहता है।
====<u>प्राप्ति के स्रोत</u>====
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[[संतरा]], नीबू, [[केला]], बिना पकी हुई [[भारत की शाक-सब्ज़ी|सब्जियाँ]] और [[आलू]] में पोटैशियम काफ़ी मात्रा में पाया जाता है।
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Revision as of 13:30, 1 May 2011

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(अंग्रेज़ी:Potassium) पोटैशियम एक भौतिक तत्त्व है। पोटैशियम का प्रतीकानुसार K तथा परमाणु संख्या 19 होती है। पोटैशियम का परमाणु भार 39.0983 है। पोटैशियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2, 2s2 2p6, 3s2 3p6, 4s1 होता है।

प्राप्ति

  • पोटैशियम उपजाऊ मीट्टी उर पेड़-पौधों में तथा उत्तर बिहार की नोनी मिट्टी में नाइट्रेट के रूप में प्राप्य है।
  • पोटैशियम कोराइड के विधुत्-अपघतन से पोटैशियम प्राप्ति होता है।

प्रकृति

मानव शरीर में पोटैशियम का उपयोग

पोटैशियम मानव शरीर में माँसपेशियों के संकोचन में, दिल की धड़कनों को नियमित करने में, रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) को काबू में रखने में, स्नायुओं की क्रियाओं का ठीक से संचरण जैसे स्पर्श, तापमान, दबाव, पूरे शरीर में तरल स्राव को पहुँचाना आदि में लाभकारी रहता है।

प्राप्ति के स्रोत

संतरा, नीबू, केला, बिना पकी हुई सब्जियाँ और आलू में पोटैशियम काफ़ी मात्रा में पाया जाता है।

पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होने से होने वाले रोग

शरीर में पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होने से युवकों में दिल का दौरा, माँसपेशियों में बांयटे आना जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आहार स्रोत जनकल्याण। अभिगमन तिथि: 5 अप्रॅल, 2011

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख