रमेश सिप्पी का टीवी कॅरियर: Difference between revisions
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अपनी अच्छी फिल्मों को भी सफलता नहीं मिलते देख निराश रमेश ने छोटे परदे की ओर रुख किया। उस दौर में इतने बड़े डायरेक्टर को सीरियल बनाते देख लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ। विभाजन की त्रासदी पर बुनियाद धारावाहिक भव्य पैमाने उन्होंने बनाया और धारावाहिकों की दुनिया में नए पैमाने स्थापित किए। कुछ एपिसोड्स निर्देशित करने के बाद रमेश ने फिर हिम्मत जुटाई और बड़े पर्दे पर वापसी की। [[मिथुन चक्रवर्ती]] को लेकर ‘भ्रष्टाचार’ ([[1989]]), [[अमिताभ बच्चन|अमिताभ]] को लेकर ‘अकेला’ ([[1991]]) और [[शाहरुख खान]] को लेकर ‘जमाना दीवाना’ ([[1995]]) बनाई, लेकिन इन फिल्मों में शोले, सागर या सीता और गीता वाला रमेश सिप्पी कही नजर नहीं आया। ये वाकई में बुरी फिल्में थी और बॉक्स ऑफिस पर इनका वही हश्र हुआ जो होना चाहिए था। इन फिल्मों की असफलता से रमेश टूट गए और पिछले 15 वर्षों से उन्होंने कोई फिल्म नहीं बनाई। इन दिनों उनका बेटा रोहन सिप्पी फिल्म निर्देशन और निर्माण में सक्रिय है। अभिषेक को लेकर उन्होंने ‘कुछ ना कहो’ और 'ब्लफ मास्टर' निर्देशित की और कुछ फिल्में प्रोड्यूस की है। | अपनी अच्छी फिल्मों को भी सफलता नहीं मिलते देख निराश रमेश ने छोटे परदे की ओर रुख किया। उस दौर में इतने बड़े डायरेक्टर को सीरियल बनाते देख लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ। विभाजन की त्रासदी पर बुनियाद धारावाहिक भव्य पैमाने उन्होंने बनाया और धारावाहिकों की दुनिया में नए पैमाने स्थापित किए। कुछ एपिसोड्स निर्देशित करने के बाद रमेश ने फिर हिम्मत जुटाई और बड़े पर्दे पर वापसी की। [[मिथुन चक्रवर्ती]] को लेकर ‘भ्रष्टाचार’ ([[1989]]), [[अमिताभ बच्चन|अमिताभ]] को लेकर ‘अकेला’ ([[1991]]) और [[शाहरुख खान]] को लेकर ‘जमाना दीवाना’ ([[1995]]) बनाई, लेकिन इन फिल्मों में शोले, सागर या सीता और गीता वाला रमेश सिप्पी कही नजर नहीं आया। ये वाकई में बुरी फिल्में थी और बॉक्स ऑफिस पर इनका वही हश्र हुआ जो होना चाहिए था। इन फिल्मों की असफलता से रमेश टूट गए और पिछले 15 वर्षों से उन्होंने कोई फिल्म नहीं बनाई। इन दिनों उनका बेटा रोहन सिप्पी फिल्म निर्देशन और निर्माण में सक्रिय है। अभिषेक को लेकर उन्होंने ‘कुछ ना कहो’ और 'ब्लफ मास्टर' निर्देशित की और कुछ फिल्में प्रोड्यूस की है।<ref name="bb"/> | ||
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Template:साँचा:रमेश सिप्पी विषय सूची Template:साँचा:सूचना बक्सा रमेश सिप्पी रमेश सिप्पी एक भारतीय फ़िल्म निर्माता-निर्देशक हैं। रमेश सिप्पी फ़िल्म 'शोले वाले डायरेक्टर' के रूप में जाने और पहचाने जाते हैं। आने वाले कई वर्षों तक शोले की चर्चा होती रहेगी और इस बहाने रमेश सिप्पी को हमेशा याद किया जाता रहेगा। रमेश सिप्पी फ़िल्म निर्माता-वितरक तथा फ़िल्म इंडस्ट्री के बरसों तक लीडर रहे गोपालदास परमानंद सिप्पी (जीपी सिप्पी) के बेटे हैं।[1]
टीवी सफर
अपनी अच्छी फिल्मों को भी सफलता नहीं मिलते देख निराश रमेश ने छोटे परदे की ओर रुख किया। उस दौर में इतने बड़े डायरेक्टर को सीरियल बनाते देख लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ। विभाजन की त्रासदी पर बुनियाद धारावाहिक भव्य पैमाने उन्होंने बनाया और धारावाहिकों की दुनिया में नए पैमाने स्थापित किए। कुछ एपिसोड्स निर्देशित करने के बाद रमेश ने फिर हिम्मत जुटाई और बड़े पर्दे पर वापसी की। मिथुन चक्रवर्ती को लेकर ‘भ्रष्टाचार’ (1989), अमिताभ को लेकर ‘अकेला’ (1991) और शाहरुख खान को लेकर ‘जमाना दीवाना’ (1995) बनाई, लेकिन इन फिल्मों में शोले, सागर या सीता और गीता वाला रमेश सिप्पी कही नजर नहीं आया। ये वाकई में बुरी फिल्में थी और बॉक्स ऑफिस पर इनका वही हश्र हुआ जो होना चाहिए था। इन फिल्मों की असफलता से रमेश टूट गए और पिछले 15 वर्षों से उन्होंने कोई फिल्म नहीं बनाई। इन दिनों उनका बेटा रोहन सिप्पी फिल्म निर्देशन और निर्माण में सक्रिय है। अभिषेक को लेकर उन्होंने ‘कुछ ना कहो’ और 'ब्लफ मास्टर' निर्देशित की और कुछ फिल्में प्रोड्यूस की है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 रमेश सिप्पी (हिन्दी) hindi.filmibeat.com। अभिगमन तिथि: 8 जुलाई, 2016।
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