टॉम अल्टर: Difference between revisions
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'''टॉम अल्टर''' (अंग्रेज़ी ''Tom Alter''; जन्म- [[22 जून]], [[1950]], [[मसूरी]]) [[भारतीय सिनेमा]] के [[अभिनेता]] थे। | '''टॉम अल्टर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Tom Alter''; जन्म- [[22 जून]], [[1950]], [[मसूरी]]; मृत्यु- [[29 सितम्बर]], [[2017]], [[मुम्बई]]) [[भारतीय सिनेमा]] के [[अभिनेता]] थे। उन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में [[अभिनय]] किया। [[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा टॉम अल्टर को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था। इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई फ़िल्मों में काम किया, लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें ज्यादातर [[अंग्रेज़]] अफसरों या विदेशी चरित्र का रोल मिला। कई लोगों के लिए वह खलनायक के तौर पर सिर्फ अंग्रेज़ अफसर ही साबित हुए। हिंदी फ़िल्मों के अलावा बंगाली, असमी, मलयाली जैसी फ़िल्मों ने भी टॉम अल्टर को अंग्रेज़ करेक्टर के लिए ही काम दिया। | ||
==परिचय == | |||
टॉम अल्टर का जन्म [[22 जून]], [[1950]] को [[मसूरी]]<ref>पहले उत्तर प्रदेश का ही एक भाग था।</ref>, [[उत्तराखण्ड]] में हुआ था। वे विदेशी [[माता]]-[[पिता]] की संतान थे, जन्म और निवास से वे भारतीय थे। टॉम अल्टर फर्राटेदार [[हिंदी]] बोलते थे। [[उर्दू]] में भी उन्हें महारत हासिल थी। उन्होंने करीब 300 फ़िल्मों में काम किया। [[राजेश खन्ना]] की फ़िल्म 'आराध्या' टॉम की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाई। इसी फ़िल्म को देखने के बाद उन्होंने एक्टर बनने की ठानी और [[पुणे]] में एफ़टीआईआई में दाखिला लिया। | |||
==राजेश खन्ना के प्रशंसक== | |||
वह राजेश खन्ना के बहुत बड़े प्रशंसक थे। राज्यसभा टीवी के एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था- "वह राजेश खन्ना की वजह से फ़िल्मों में आए और वे भी राजेश खन्ना बनना चाहते थे।" उन्होंने बताया था कि वह राजेश खन्ना की फ़िल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने अक्सर मसूरी से [[दिल्ली]] आते थे। उन्होंने यहां के कनॉटप्लेस स्थित रीगल सिनेमा में राजेश खन्ना की 'आनंद', 'दुश्मन' और 'अमर प्रेम' जैसी कई फ़िल्मों के फर्स्ट शो देखे। | |||
==कॅरियर== | |||
टॉम अल्टर ने [[1976]] में [[रामानंद सागर]] की फ़िल्म 'चरस' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फ़िल्म में टॉम के किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया, जिसके बाद इस अभिनेता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 'शतरंज के खिलाड़ी', 'गांधी', 'कर्मा', 'राम तेरी गंगा मैली हो गई', 'लोकनायक' जैसी बेहतरीन फ़िल्मों में काम किया। फ़िल्म 'क्रांति' में उन्होंने ब्रिटिश ऑफिसर का रोल निभाया था। इस रोल से उन्हें लोगों के बीच जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली थी। विदेशी किरदार में उनकी पॉपुलैरिटी इतनी थी कि उन्होंने कन्नड़ फ़िल्म 'कन्नेश्वारा रामा' में ब्रिटिश पुलिस का रोल निभाया था। उन्होंने गुजराती, बंगाली, असमी, मलयाली फ़िल्मों में भी काम किया। टॉम अल्टर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि- "मैंने [[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद|मौलाना आज़ाद]], [[मिर्ज़ा गालिब]], [[साहिर लुधियानवी]] का भी रोल किया है, लोगों ने मेरी एक्टिंग की तारीफ की; लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि करेक्टर इतना गोरा रंग क्यों है। जरूरी है कि आप भरोसे के साथ काम करें। | |||
टॉम अल्टर ने कई इंटरनैशनल प्रोजेक्ट्स में भी काम किया। उन्होंने [[अंग्रेज़ी]] फ़िल्म 'विद लव, दिल्ली!', 'सन ऑफ फ्लावर', 'साइकिल किक', 'अवतार', 'ओसियन ऑफ अन ओल्ड मैन', 'वन नाइच विद द किंग', 'साइलेंस प्लीज...' में काम किया। टॉम अल्टर ने मुकेश खन्ना के टीवी प्रोडक्शन शक्तिमान ([[1998]]-[[2002]]) में लाल बागे गुरु के रूप में भी काम किया है। | |||
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अपने गोरे रंग की वजह से शुरुआत में टॉम अल्टर को सिर्फ अंग्रेज़ का किरदार निभाने को मिलते थे, जिसके बाद उन्होंने [[1977]] में एफ़टीआईआई दोस्त [[नसीरुद्दीन शाह]] और बेनजमिन गिलानी के साथ 'मोटली' नाम का थियेटर ग्रुप खोला। उन्होंने [[2014]] में राज्यसभा टीवी के शो संविधान में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का रोल निभाया। जिसमें उनके किरदार को काफी सराहा गया। | |||
फ़िल्मों के अतिरिक्त टॉम अल्टर ने अपने कॅरियर का लंबा वक्त थिएटर को दिया। टॉम ने छोटे पर्दे पर भी काम किया। फ़िल्म 'सरगोशियां' में उन्होंने मिर्ज़ा गालिब का किरदार निभाया था। टॉम को फ़िल्मों के अलावा [[खेल]] में भी काफी दिलचस्पी थी। वे [[सचिन तेंदुलकर]] का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। [[1988]] में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था। | |||
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टॉम अल्टर
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पूरा नाम | टॉम अल्टर |
जन्म | 22 जून, 1950 |
जन्म भूमि | मसूरी, उत्तराखंड |
मृत्यु | 29 सितम्बर, 2017 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेता |
मुख्य फ़िल्में | 'शंतरज के खिलाड़ी', 'राम तेरी गंगा मैली हो गयी', 'क्रांति, चरस', 'वीर जारा'। |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्म श्री' (2008) |
प्रसिद्धि | चरित्र अभिनेता |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | टॉम अल्टर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। 1988 में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था। |
टॉम अल्टर (अंग्रेज़ी: Tom Alter; जन्म- 22 जून, 1950, मसूरी; मृत्यु- 29 सितम्बर, 2017, मुम्बई) भारतीय सिनेमा के अभिनेता थे। उन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में अभिनय किया। 2008 में भारत सरकार द्वारा टॉम अल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई फ़िल्मों में काम किया, लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें ज्यादातर अंग्रेज़ अफसरों या विदेशी चरित्र का रोल मिला। कई लोगों के लिए वह खलनायक के तौर पर सिर्फ अंग्रेज़ अफसर ही साबित हुए। हिंदी फ़िल्मों के अलावा बंगाली, असमी, मलयाली जैसी फ़िल्मों ने भी टॉम अल्टर को अंग्रेज़ करेक्टर के लिए ही काम दिया।
परिचय
टॉम अल्टर का जन्म 22 जून, 1950 को मसूरी[1], उत्तराखण्ड में हुआ था। वे विदेशी माता-पिता की संतान थे, जन्म और निवास से वे भारतीय थे। टॉम अल्टर फर्राटेदार हिंदी बोलते थे। उर्दू में भी उन्हें महारत हासिल थी। उन्होंने करीब 300 फ़िल्मों में काम किया। राजेश खन्ना की फ़िल्म 'आराध्या' टॉम की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाई। इसी फ़िल्म को देखने के बाद उन्होंने एक्टर बनने की ठानी और पुणे में एफ़टीआईआई में दाखिला लिया।
राजेश खन्ना के प्रशंसक
वह राजेश खन्ना के बहुत बड़े प्रशंसक थे। राज्यसभा टीवी के एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था- "वह राजेश खन्ना की वजह से फ़िल्मों में आए और वे भी राजेश खन्ना बनना चाहते थे।" उन्होंने बताया था कि वह राजेश खन्ना की फ़िल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने अक्सर मसूरी से दिल्ली आते थे। उन्होंने यहां के कनॉटप्लेस स्थित रीगल सिनेमा में राजेश खन्ना की 'आनंद', 'दुश्मन' और 'अमर प्रेम' जैसी कई फ़िल्मों के फर्स्ट शो देखे।
कॅरियर
टॉम अल्टर ने 1976 में रामानंद सागर की फ़िल्म 'चरस' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फ़िल्म में टॉम के किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया, जिसके बाद इस अभिनेता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 'शतरंज के खिलाड़ी', 'गांधी', 'कर्मा', 'राम तेरी गंगा मैली हो गई', 'लोकनायक' जैसी बेहतरीन फ़िल्मों में काम किया। फ़िल्म 'क्रांति' में उन्होंने ब्रिटिश ऑफिसर का रोल निभाया था। इस रोल से उन्हें लोगों के बीच जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली थी। विदेशी किरदार में उनकी पॉपुलैरिटी इतनी थी कि उन्होंने कन्नड़ फ़िल्म 'कन्नेश्वारा रामा' में ब्रिटिश पुलिस का रोल निभाया था। उन्होंने गुजराती, बंगाली, असमी, मलयाली फ़िल्मों में भी काम किया। टॉम अल्टर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि- "मैंने मौलाना आज़ाद, मिर्ज़ा गालिब, साहिर लुधियानवी का भी रोल किया है, लोगों ने मेरी एक्टिंग की तारीफ की; लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि करेक्टर इतना गोरा रंग क्यों है। जरूरी है कि आप भरोसे के साथ काम करें।
टॉम अल्टर ने कई इंटरनैशनल प्रोजेक्ट्स में भी काम किया। उन्होंने अंग्रेज़ी फ़िल्म 'विद लव, दिल्ली!', 'सन ऑफ फ्लावर', 'साइकिल किक', 'अवतार', 'ओसियन ऑफ अन ओल्ड मैन', 'वन नाइच विद द किंग', 'साइलेंस प्लीज...' में काम किया। टॉम अल्टर ने मुकेश खन्ना के टीवी प्रोडक्शन शक्तिमान (1998-2002) में लाल बागे गुरु के रूप में भी काम किया है।
प्रमुख भूमिकाएँ
अपने गोरे रंग की वजह से शुरुआत में टॉम अल्टर को सिर्फ अंग्रेज़ का किरदार निभाने को मिलते थे, जिसके बाद उन्होंने 1977 में एफ़टीआईआई दोस्त नसीरुद्दीन शाह और बेनजमिन गिलानी के साथ 'मोटली' नाम का थियेटर ग्रुप खोला। उन्होंने 2014 में राज्यसभा टीवी के शो संविधान में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का रोल निभाया। जिसमें उनके किरदार को काफी सराहा गया।
फ़िल्मों के अतिरिक्त टॉम अल्टर ने अपने कॅरियर का लंबा वक्त थिएटर को दिया। टॉम ने छोटे पर्दे पर भी काम किया। फ़िल्म 'सरगोशियां' में उन्होंने मिर्ज़ा गालिब का किरदार निभाया था। टॉम को फ़िल्मों के अलावा खेल में भी काफी दिलचस्पी थी। वे सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। 1988 में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था।
सम्मान
2008 में भारत सरकार द्वारा टॉम अल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
फ़िल्मों तथा धारावहिक सूची
फ़िल्म तथा धारावहिक सूची
वर्ष | फ़िल्म |
---|---|
2016 | अनुरागा करिककीन वेल्लम |
2016 | रेड्रूम - हत्या की कहानी |
2014 | यहाँ के हम सिकंदर |
2014 | डाप्टर- स्कूल बैग |
2014 | होनर किलर |
2013 | द कॉर्नर टेबल |
2012 | केवी राइट जैश |
2012 | एम. क्रीम |
2012 | लाइफ की तो लग गयी |
2011 | विद लव दिल्ली |
2011 | सन ऑफ फ्लावर |
2011 | साइकिल किक |
2011 | योर मारिया |
2010 | जानलेवा |
2008 | ओसिन ऑफ एन आ ओल्ड मैन |
2007 | कैलाशी केलेनकारी |
2007 | भेजा फ्राई |
2006 | वन नाइट विद द दिन |
2005 | द राईज़िंग:बलाल्ड ऑफ मंगल पांडे |
2005 | विरुद्ध फ़ैमिली कमस फस्ट |
2004 | लोकनायक |
2004 | वीर जारा |
2004 | असंभव |
2004 | एतवार |
2004 | ये है चक्कर बक्कर बम्बे वो |
2003 | हवाएँ |
2003 | ढूंढ द फोग |
2002 | दिल विल प्यार व्यार |
1997 | शक्तिमान |
1997 | केप्टन वियोम |
1993 | सरदार |
1992 | जुनुन |
1990 | आशिकी |
1987 | परिंदा |
1988 | सोने पे सुहागा |
1986 | करम |
1985 | राम तेरी गंगा मैली |
1982 | गांधी |
1981 | क्रांति |
1978 | देश परदेश |
1977 | राम भरोसे |
1977 | शंतरज के खिलाड़ी |
1976 | चरस |
वर्ष | धारावहिक |
1993-1997 | जवान संभालके |
2003 | हातीम |
1997 | वेताल पचीसी |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पहले उत्तर प्रदेश का ही एक भाग था।