कछार

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कछार - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कच्छ+हिन्दी आर प्रत्यय)[1]

1. समुद्र या नदी के किनारे की भूमि जो तर या नीची होती है। नदियों की मिट्टी से पटकर निकली हुई जमीन जो बहुत हरी भरी रहती है। खादर। दियारा।

उदाहरण- एरे दगाबाज मेरे पातक अपार तोहि गंगा के कछार में पछारि छार करिहौं। - पद्माकर भट्ट

2. आसाम प्रान्त का एक भाग।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 743 |

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